लखनऊ। करीब सात महीने से समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान में रोज बदलते घटनाक्रमों के बीच दोनो खेमों के समर्थक अब यह कहने लगे हैं कि कोई तो बंद करो यह घमासान।
सुबह से समर्थकों और मीडिया का हुजूम समाजवादी पार्टी के दफ्तर मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आवास पर लग जाता है। यह मजमा देर रात तक लगा रहता है। मजमें में शामिल लोगों को रात तक थकान आ ही जाती है।
मुलायम सिंह यादव के एक समर्थक श्यामलाल प्रधान ने आज उनके आवास के सामने कहा कि दोनो खेमों में बातचीत के चल रहे लगातार दौरों से लोग आजिज आ गये हैं। अब इसका हल निकलना ही चाहिए। सुबह से रात तक लोग यहां खडे रहते हैं। लोगों में जानने की जिज्ञासा बनी रहती है।
मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सभी समाचार चैनलों के ओवी वैन खडे हैं। इनकी संख्या 25 से ज्यादा है। खबरों के इन्तजार में खेडे पत्रकार थकने पर ओवी वैन में जाकर आराम भी फरमा लेते हैं। मीडिया और दोनो खेमों के समर्थक अब चाहते हैं कि मामला हल हो और इस तरह की “चौकीदारी” समाप्त हो।
इससे इतर, इस राजनीतिक गहमागहमी से मुलायम सिंह यादव के आवास और समाजवादी पार्टी कार्यालय के आस-पास खाने पीने की चीजों की दुकान लगाने वालों की पौ बारह है।
मुलायम सिंह यादव के घर के पास स्थित चाय-समोसा बेचने वाले राम सेवक का कहना है कि विवाद की वजह से उसकी दुकानदारी बढी है। पहले आठ-दस लीटर दूध की खपत हो पाती थी, लेकिन अब यह बढकर 40-50 लीटर तक पहुंच गया है।
समोसे भी खूब बिक रहे हैं। फ्रूट चाट बेचने वाले रमेश सोनकर का कहना है कि उसकी दुकानदारी 60 फीसदी तक बढ गयी है। वह रोज दो-ढाई सौ रुपये का रोजगार कर लेता था, अब चार-पांच सौ रुपये तक कमा ले रहे हैं।
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