मुंबई। भारत के साथ करीबी संबंधों की बात करते हुए चीन ने ‘‘द्विपक्षीय मैत्री एवं सहयोग संधि के साथ” मुक्त व्यापार समझौते का सुझाव दिया ताकि दोनों एशियाई देशों के बीच संबंधों को व्यापक प्रोत्साहन दिया जा सके। दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है।
भारत में चीन के राजदूत लुओ झाओहुई ने ‘‘मैत्री एवं सहयोग संधि” और एफटीए प्रस्तावों पर विचार करने के दौरान नई दिल्ली और बीजिंग के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेदों को ‘परिवार के भीतर’ का मामला करार दिया और द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य के बारे में आशावादी रख जताया।
दोहरे प्रस्तावों को ‘महत्वाकांक्षी’ करार देते हुए लुओ ने कहा कि दोनों देशों के लिए सही समय है कि वे दशकों पुराने अपने लंबित सीमा मुद्दे का समाधान करने में शुरुआती लाभ लें।
राजदूत ने कहा कि भारत और चीन को ‘वन बेल्ट वन रोड’ पहल के तहत हाथ मिलाना चाहिए। इसका लक्ष्य दक्षिण एशिया में अत्याधुनिक आर्थिक और आधारभूत ढांचा संपर्क का निर्माण करना है। यह पहल चीन ने की है।
राजनयिक ने कहा कि अगर नई दिल्ली महत्वाकांक्षी पहल में शामिल होता है तो भारत की ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीति को नया प्रोत्साहन मिलेगा।
लुओ आब्जर्वर रिसर्च फाउन्डेशन :ओआरएफ: मुंबई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम का आयोजन उपनगरीय कालीना में मुंबई विश्वविद्यालय में नव स्थापित जी जियालिन सेंटर फॉर इंडिया-चाइना स्टडीज में किया गया था।