उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीडिया से खास बातचीत में कहा है कि हमें पूरा भरोसा था कि ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह हमें ही मिलेगा और इसलिए हमने अपनी रणनीति और प्रचार पर ध्यान दिया.

अखिलेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि चुनाव आयोग में हमने अपनी पहली लड़ाई जीत ली है. अब प्रदेश में सरकार बनाने की असल लड़ाई शुरू होगी, जिसके लिए हमने अपनी रणनीति बना ली है.
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पिता मुलायम सिंह से खटपट पर उन्होंने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का आशिर्वाद हमेशा हमपर रहा है. कल ही उन्होंने मुझे आशिर्वाद दिया है. यह पिता-पुत्र हम दोनों का आपसी मामला है.
अखिलेश ने इसके साथ ही बताया, “हम दोनों की लिस्ट में 90 फीसदी उम्मीदवारों के नाम कॉमन थे.” कांग्रेस से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि अभी दोनों पार्टियों में बातचीत चल रही है. गठबंधन के फैसले का एलान लखनऊ से ही होगा.
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के दंगल में कल चुनाव आयोग ने बेटे अखिलेश की जीत का एलान किया और उन्हें न सिर्फ साइकिल चुनाव चिन्ह मिला, बल्कि समाजवादी पार्टी भी उन्हीं की झोली में आई. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद कई महीनों से चल रही समाजवादी पार्टी के अंदर वर्चस्व की लड़ाई अखिलेश के विजयी के साथ ही खत्म हो गई है.
चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी और चुनाव चिन्ह साइकिल दोनों अखिलेश को दे दी है. चुनाव आयोग में अखिलेश ने समर्थन में 228 में 205 विधायकों, 68 में 56 विधान पार्षदों, 24 में से 15 सांसदों और 46 में से 28 राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों ने हलफनामा दिया जिससे पार्टी पर अखिलेश का दबदबा चुनाव आयोग में साबित हुआ.
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