नई दिल्ली। नीट में शामिल होने वाले छात्रों को बड़ी राहत देते हुए सीबीएसई ने 2017 की परीक्षा को पहली परीक्षा मानने का आदेश जारी किया है। इसके पहले की परीक्षाओं को तीन मौकों में नहीं जोड़ा जाएगा।
नीट की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार, शिक्षण सत्र 2017-18 के तहत प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए एक मार्च, 2017 तक आवेदन किया जा सकेगा। परीक्षा 7 मई, 2017 को होगी और 8 जून, 2017 को रिजल्ट जारी किया जाएगा।
गौरतबल है कि नीट में आने वाले रैंक के आधार पर छात्र-छात्राओं को देशभर के मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में प्रवेश दिया जाता है। इस परीक्षा के तहत उन कॉलेजों में प्रवेश मिलता है, जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से संचालित हैं।
सीबीएसई ने खत्म की ‘ओपन बुक परीक्षा’ की व्यवस्था
सीबीएसई ने नौवीं और 11वीं कक्षा में किताब खोलकर परीक्षा देने की व्यवस्था को वापस ले लिया है। यह नियम दो वर्ष पहले लागू किया गया था। बोर्ड ने कहा कि इस साल से छात्र परीक्षा केंद्र में किताबें लेकर नहीं जा सकेंगे। बोर्ड का मानना है कि इससे छात्रों की क्षमताओं के विकास में बाधा आती है।
बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार, ‘खुली किताब आधारित मूल्यांकन’ (ओटीबीए) व्यवस्था को लेकर स्कूलों से नकारात्मक फीडबैक मिल रही थी। बोर्ड ने शैक्षणिक सत्र 2017-18 से नौंवी और 11वीं की अध्ययन योजना से ओटीबीए को हटाने का फैसला किया है। स्कूलों से मिल रही फीडबैक के अनुसार, इस व्यवस्था से छात्रों की अहम क्षमताओं के विकास में बाधा आ रही है।
मार्च 2014 में सीबीएसई ने ओटीबीए को कक्षा नौवीं की वार्षिक परीक्षा में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों के लिए लागू किया था, जबकि 11वीं की वार्षिक परीक्षा में कुछ विषयों जैसे अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान और भूगोल के लिए भी ये व्यवस्था लागू की गई थी।
ओटीबीए में छात्रों को पाठ्य सामग्री चार महीने पहले ही उपलब्ध करा दी जाती थी और उन्हें केस स्टडी को परीक्षा हॉल में साथ ले जाने की इजाजत रहती थी। छात्रों को परीक्षा में सवालों का उत्तर लिखते समय अपने नोट्स या किताबों की मदद लेने की अनुमति रहती थी। इस व्यवस्था का फोकस इस बात पर था कि छात्र रट्टा लगाने की बजाय पाठ्य सामग्री का तार्किक ढंग से प्रयोग कर सकें।