नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा में पीएम मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर दिए बयान पर कांग्रेस भड़क गई है। कांग्रेस ने पीएम के बयान के दौरान ही सदन का बहिष्कार किया और अब इस मांग को लेकर अड़ गई है कि प्रधानमंत्री अपने बयान पर माफी मांगें।
कांग्रेस अपने विरोध में अन्य दलों को भी शामिल करने की तैयारी में है। गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष सदन में हंगामा करते हुए पीएम से माफी की मांग करने लगा और उनके बहिष्कार का ऐलान कर दिया।
संसद की कार्रवाई शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार सुबह विपक्ष के नेताओं की बैठक भी बुलाई थी। मामले को लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि पीएम मोदी ने पूर्व पीएम के बारे में ऐसी भाषा का उपयोग किया। हम इसकी निंदा करते हैं। बता दें कि बुधवार को पीएम मोदी ने राज्यसभा में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा था, ‘मनमोहन सिंहजी पूर्व प्रधानमंत्री हैं और आदरणीय व्यक्ति हैं। पिछले 30-35 साल से देश की अर्थव्यवस्था में उनके निर्णायक संबंध रहे हैं।
आजादी के बाद के 70 साल में से आधे समय तक इतने नजदीक से अर्थव्यवस्था से जुड़े रहने वाला कोई और व्यक्ति नहीं है। उनके समय में इतने घोटाले हुए लेकिन वह हमेशा बेदाग रहे। खास कर हम राजनेताओं को डॉक्टर साहब से सीखना चाहिए। इतना सब हुआ लेकिन उनके दामन पर कोई छींटे नहीं पड़े। बाथरूम में रेनकोट पहन कर नहाना यह डॉक्टर साहब ही जानते हैं।’ प्रधानमंत्री की इस तीखी टिप्पणी के बाद कांग्रेस सदस्य सदन से वाकआउट कर गए।
वेंकैया बोले, डॉ. मनमोहन की हुई थी तारीफ :
कांग्रेस के इस विरोध पर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि दरअसल पीएम ने मनमोहन सिंह की आलोचना नहीं की थी, बल्कि उन्होंने उनकी तारीफ की थी। वेंकैया ने कहा कि पीएम के बयान को कांग्रेस गलत संदर्भ में पेश कर रही है। पीएम के कहने का आशय था कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहे, लेकिन वो खुद बेदाग रहे। वेंकैया ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को ये नहीं भूलना चाहिए कि उन लोगों ने पीएम मोदी के बारे में किस स्तर की बातें कहा करते थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने पीएम मोदी को नपुंसक तक करार दिया था।