वॉशिंगटन। व्हाइट हाउस में काम करने वाली एक हिजाबधारी मुस्लिम महिला ने नई सरकार के 8वें दिन बाद ही अपनी नौकरी छोड़ दी।
व्हाइट हाउस में पिछले 6 साल से काम कर रही बांग्लादेशी मूल की रूमाना अहमद वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) में कार्यरत थीं।
द अटलांटिक में प्रकाशित अपने लेख में उन्होंने लिखा, मेरा काम अपने देश के लिये सर्वश्रेष्ठ को बढ़ावा देना और उसकी रक्षा करना था।
मैं हिजाब धारण करने वाली मुस्लिम महिला हूं, वेस्ट विंग में मैं एकमात्र हिजाबी महिला थी और ओबामा प्रशासन ने हमेशा मुक्षे यह महसूस करवाया कि मेरा उनके बीच स्वागत है और मैं उनमें शामिल हूं।
रूमाना ने कहा कि अधिकतर साथी अमेरिकी—मुस्लिमों की तरह उन्होंने भी वर्ष 2016 में अपना अधिकतर समय डर में बिताया, क्योंकि ट्रम्प हमारे समुदाय को अपमानित करते।
उन्होंने कहा, ‘इसके बावजूद मैंने सोचा कि नए राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों को इस्लाम और अमेरिका के मुस्लिम नागरिकों के प्रति सूक्ष्म नजरिया देने के लिए मुझे ट्रंप प्रशासन में भी बतौर एनएससी कर्मचारी बने रहना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ 8 दिन ही वहां काम कर पाई।
ट्रंप ने जब 7 मुस्लिम-बहुल देशों के यात्रियों और सभी सीरियाई शरणार्थियों पर प्रतिबंध जारी किया, तब मुझे एहसास हुआ कि मैं यहां अब और नहीं रह सकती और ऐसे प्रशासन के साथ काम नहीं कर सकती जो मुझे या मेरे जैसे लोगों को अपना साथी नागरिक नहीं बल्कि एक खतरा समझता है।’
रुमाना ने बताया कि वाइट हाउस में नौकरी छोड़ने से एक दिन पहले उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के संचार सलाहकार माइकल एंटन को अपने फैसले से अवगत करा दिया था।
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