सिद्धार्थनगर। नेपाल के प्रधानमंत्राी प्रचंड ने मधेसियों से निकाय चुनाव में हिस्सा लेने की अपील की और असंतुष्ट दलों का इस्तेमाल कर देश को बांटने की कोशिश कर रहे अलगाववादी ताकतों को लेकर आगाह किया।प्रचंड ने कहा कि स्थानीय चुनाव एवं संविधान संशोधन की प्रक्रिया साथ साथ चलेगी।
पिछले दिनों उन्होंने टेलीविजन पर राष्ट के नाम संबोधन में कहा कि कुछ अलगाववादी ताकतें मधेस के असंतुष्ट दलों का इस्तेमाल कर देश को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं और आगाह किया कि सरकार किसी भी परिस्थिति में इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
प्रधानमंत्राी ने कहा, मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल ने संविधान संशोधन विधेयक पर सदन में चर्चा नहीं होनी दी जिसके बाद सरकार को निकाय चुनाव की तारीख की घोषणा करने पर मजबूर होना पड़ा। हालांकि मूल योजना मधेसी, जनजाति एवं थरूहाट समुदायों के मुद्दों पर ध्यान देने के बाद चुनाव की तारीख की घोषणा करने की थी।
उन्होंने कहा, मैं उन्हें “मधेसी दलों“ यकीन दिलाना चाहता हूं कि सरकार संविधान की स्वीकार्यता का विस्तार करने एवं राष्टीय एकता को मजबूत करने की दिशा में प्रतिबद्ध है जो कि एक साथ चुनाव एवं संविधान संशोधन के जरिये किए जाएंगे।
सभी राज्य प्रणालियों में अधिक प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे मधेसी 14 मई को होने वाले निकाय चुनाव का विरोध कर रहे हैं।प्रचंड ने कहा कि सरकार मधेस केंद्रित दलों को चुनाव प्रक्रिया में शामिल करने के लिए काम कर रही है।उन्होंने इन दलों से चुनाव का इस्तेमाल अपने मुद्दों को आगे बढ़ाने के एक अवसर के तौर पर करने के लिए कहा।
इसी बीच यूनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट ने कहा कि संविधान संशोधन के जरिये अपनी मांगें पूरी ना किए जाने पर वह निकाय चुनावों का बहिष्कार करेगी।