नई दिल्ली। गैंगरेप के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। गायत्री ने कोर्ट से अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की थी। सोमवार को कोर्ट ने कहा कि प्रजापति ट्रायल कोर्ट में अपनी बात रखें। एफआईआर के मुताबिक उन्हें सरेंडर करना होगा।
गायत्री प्रजापति समेत 7 लोगों पर एक महिला से गैंगरेप और उसकी नाबालिग बेटी के सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही यूपी पुलिस ने केस दर्ज किया था। गायत्री समेत सातों आरोपियों के खिलाफ 4 मार्च को गैर जमानती वॉरंट जारी किया गया था। पुलिस ने उनकी तलाश में कानपुर, अमेठी और लखनऊ में कई जगहों पर दबिश दी, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो सकी। गायत्री के देश छोड़कर भाग जाने की खबर सामने आने के बाद उनका पासपोर्ट भी 4 हफ्तों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है।
वहीं राज्यपाल राम नाईक ने भी रविवार को सीएम अखिलेश यादव को पत्र लिखकर पूछा था कि गायत्री को अब तक कैबिनेट मिनिस्टर बनाए रखने पर वे अपनी राय बताएं। मिनिस्टर रहते हुए उन्होंने जो किया, वह गंभीर अपराध है।