लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर चला आ रहा संशय कल खत्म हो सकता है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की यहां बुलाई गई बैठक में नेता का चयन किया जाएगा।
विधायक दल की बैठक नवनिर्मित लोक भवन में संभावित है। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा कार्यालय से सटे लोक भवन में 600 सीटों वाला एक हाल है। अभी फिलहाल उसी में बैठक होने की संभावना है।
विधायकों की बैठक के लिए केन्द्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मोदी मंत्रिमण्डल में नगर विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू और पार्टी महामंत्री तथा राज्यसभा सदस्य भूपेन्द्र यादव भी मौजूद रहेंगे।
भाजपा के 312 विधायक चुने गए हैं जबकि उसके गठबंधन अपना दल के 9 और भारतीय समाज पार्टी(भासपा) के 4 विधायक चुनाव जीते हैं।
इस बीच, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री बनने से साफ इनकार कर दिया है। सिंह ने फोन पर कहा कि उनके मुख्यमंत्री बनने का सवाल ही नहीं उठता। वह जहां हैं खुश हैं और पूरी क्षमता से देश की सेवा कर रहे हैं।
सिंह के इनकार के बाद अब रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का नाम इस पद की रेस में आगे हो गया है। हालांकि, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का नाम भी लिया जा रहा है।
कुछ लोगों का मत है कि 2019 के चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्राह्मण चेहरे पर भी दांव लगा सकते हैं और ऐसा मानने वाले केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगमंत्री कलराज मिश्र को उपयुक्त बता रहे हैं। इन अटकलों के बीच सभी नेता यह कहते हैं कि जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहेंगे, मुख्यमंत्री वही होगा।
वे यह भी कहते हैं कि मुख्यमंत्री का नाम मोदी ने तय कर लिया होगा। उनके अलावा इसकी सटीक जानकारी यदि किसी को होगी तो वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह होंगे।
राजनीतिक विश्लेषक और भाजपा मामलों के जानकार सुरेन्द्र दीक्षित का कहना है कि चुनाव में अति पिछड़े वर्ग का व्यापक समर्थन मिला है इसलिए मुख्यमंत्री भी उसी वर्ग का हो सकता है।
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ, भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना, भाजपा उपाध्यक्ष और लखनऊ के मेयर दिनेश शर्मा, मथुरा से विधायक चुने गए श्रीकांत शर्मा तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पौत्र और इलाहाबाद से विधायक चुने गए सिद्धार्थ नाथ सिंह का नाम चर्चा में है। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है हरियाणा की तरह कोई ऐसा चेहरा भी सामने लाया जा सकता है जो आमतौर पर सुर्खियों में न रहता हो।
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