आवास और शहरी गरीबी मंत्रालय के मुताबिक, मिडल इनकम ग्रुप के लोगों को नई क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम के तहत होम लोन में 3 से 4 फीसदी की छूट मिलेगी।
यह फैसला पहली बार मकान खरीदने वालों पर तो लागू होगा ही, साथ ही वे लोग भी इसका फायदा ले सकेंगे, जो इस साल एक जनवरी के बाद मकान खरीद चुके हैं। माना जा रहा है कि इस तरह से मकान खरीदने वालों की ईएमआई में दो हजार रुपये तक की कमी होगी।
क्या है योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 12 लाख रुपये तक कमाने वालों को नौ लाख रुपये तक के होम लोन पर चार प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी।
18 लाख रुपये तक कमाने वालों को 12 लाख रुपये तक के होम लोन पर तीन फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी देने की यह योजना सरकार की ‘सबके लिए घर’ पहले का हिस्सा है, और इस योजना को शुरू में सिर्फ एक साल के लिए लागू किया जाएगा।
योजना की खास बातें पढ़ें
हाउसिंग मिनिस्टरी के अफसरों का कहना है कि जिन लोगों की सालाना आमदनी 12 लाख रुपये है, उन लोगों को मकान खरीदने पर लिए जाने वाले लोन में से नौ लाख रुपये की राशि पर 4 फीसदी की छूट मिलेगी।
मसलन, अगर किसी ने 25 लाख रुपये का मकान खरीदा है और 20 लाख रुपये का लोन लिया है तो उसे 11 लाख रुपये के लोन पर तो पूरा ब्याज चुकाना होगा, लेकिन बाकी नौ लाख रुपये के ब्याज पर उसे 4 फीसदी की सब्सिडी मिलेगी।
योजना के तहत 12 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 90 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले और 18 लाख रुपये वार्षिक तक की आय वालों को 110 वर्ग मीटर तक कारपेट एरिया वाले घर खरीदने या बनवाने पर लिए गए लोन पर ही यह लाभ दिया जाएगा।योजना के अंतर्गत लाभ उन्हीं लोन पर दिया जाएगा, जिनकी अवधि 20 साल या उससे कम होगी।
18 लाख रुपये की सालाना आमदनी वालों की बनाई गई है। ऐसे लोग 110 वर्ग मीटर तक का मकान खरीदकर इस सब्सिडी का फायदा ले सकते हैं।
ऐसे लोगों को 12 लाख रुपये के लोन पर ब्याज में तीन फीसदी की छूट मिलेगी। यानी अगर उसने 9 फीसदी की ब्याज दर पर लोन लिया है तो उसे लोन की 12 लाख रुपये की रकम पर ब्याज नौ की बजाय छह फीसदी ही देना होगा।
सरकार का कहना है कि यह सुविधा सभी बैंकों से लोन लेने वालों पर लागू होगी। अगर किसी व्यक्ति ने एक जनवरी के बाद मकान खरीद लिया है और वह इस कैटेगरी में आता है तो उसे भी इसका फायदा मिलेगा।
कर्ज की इन रकमों पर बनने वाली कुल ब्याज सब्सिडी एक ही बार में सरकार द्वारा बैंक को चुका दी जाएगी, जिससे आवेदक की ईएमआई का बोझ हल्का हो जाएगा।
योजना को लागू करने के लिए बुधवार को 45 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, 15 बैंकों, दो क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, एक कोऑपरेटिव बैंक, चार छोटे फाइनेंस बैंकों तथा तीन गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों-माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) के साथ करार पर हस्ताक्षर किए हैं।