लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस विभाग को साफ संदेश दिया है कि वह अपने आचरण में सुधार ले आए। उन्होंने कानून के राज को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए कहा है कि पुलिस अपनी कार्य पद्धति और प्रणाली में परिवर्तन लाए, जिससे आम जनता को यह महसूस हो कि उसे राहत मिली है, वह सुरक्षित है और नई सरकार के आते ही एक नया वातावरण बना है।
मुख्यमंत्री मंगलवार को शास्त्री भवन में राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस आम जनता से सीधा संवाद स्थापित करे और छोटी से छोटी घटनाओं का संज्ञान लेते हुए, उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर कार्रवाई करे, जिससे ऐसी घटनाएं किसी बड़े खतरे का कारण न बन सकें। इस सन्दर्भ में उन्होंने ग्रेटर नोएडा और संतकबीरनगर में हुई घटनाओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुलिस से जुड़े सभी विभाग कार्य योजना बनाकर शीघ्र ही प्रस्तुत करें और अच्छी पुलिसिंग की दिशा में कार्य करना सुनश्चिति करें।
उन्होंने कहा कि वे भविष्य में कानून व्यवस्था और पुलिस की कार्य प्रणाली के सन्दर्भ में जमीनी हकीकत जानने के लिए फील्ड विजिट करेंगे, तब तक पुलिस की कार्य प्रणाली में सुधार आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने अतिव्यस्त समय में से कुछ समय अपने अधीनस्थ पुलिस कर्मियों के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ किलोमीटर पैदल भ्रमण करें, इससे जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना पैदा होगी।
मुख्यमंत्री ने थानों और पुलिस से सम्बन्धित अन्य कार्यालयों व आवासों की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ पुलिस को नियमित पेट्रोलिंग करने के भी निर्देश दिए। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और संसाधनों की कमी भी है। किंतु पुलिस अपनी कार्य प्रणाली में परिवर्तन लाए, जिससे अपराधियों और असामाजिक तत्वों के अन्दर भय पैदा हो और आम जनता को सुरक्षा का एहसास हो। कहा कि किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
राज्य के प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का नैतिक दायित्व हम सबका है। उन्होंने सुरक्षा और शान्ति के लिए खतरा पैदा करने वाले लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सतर्कता और सक्रियता ही पुलिस का मूल मंत्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के साथ जो कोई भी खिलवाड़ करे, उसे सख्ती से रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रंगदारी और जबरन वसूली की कुछ घटनाएं प्रकाश में आयी हैं, इन घटनाओं में लप्ति लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्पीड़न और एसिड अटैक जैसी घटनाओं पर भी शीघ्रता से कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त कार्य प्रणाली अपनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के अन्दर भी ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए, जो अपराधियों और असामाजिक तत्वों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के आन्तरिक अनुशासन पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि थाने में आने वाले फरियादियों के लिए बैठने की समुचित व्यवस्था और उनके प्रति सद्व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बैंक खुलने के समय और बाजार बन्द होने के समय विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए।
योगी ने कहा कि नवरात्रि और पर्वों के दौरान काफी संख्या में लोग मन्दिरों व मेले वाले स्थानों पर आते हैं। इन स्थानों पर पेयजल, सफाई, पुलिस सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाए। ऐसे शक्ति स्थलों का वरिष्ठ अधिकारी नियमित भ्रमण करें।
उन्होंने अयोध्या में रामनवमी के मेले के लिए भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। साथ ही, यह भी कहा कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने खनन, वन, गो-माफियाओं व भू-माफियाओं के विरुद्ध भी अभियान चलाकर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस समन्वय बनाकर कार्यवाही करे। इस सन्दर्भ में उन्होंने डायल-100 का उदाहरण देते हुए कहा कि इसके साथ समन्वय बनाकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने पुलिस आधुनिकीकरण और संसाधनों की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को आधुनिकतम उपकरणों और नवीनतम तकनीक से लैस रहना होगा। बैठक में प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा, डीजीपी जावीद अहमद, एडीजी लॉ एण्ड ऑर्डर दलजीत सिंह चौधरी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
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