राघवेंद्र दत्त मिश्र
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहु के राजनीतिक भविष्य पर कयास लगने शुरू हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रवार को अपर्णा यादव की एनजीओ द्वारा संचालित गौशाला का भ्रमण करने के बाद राजनीतिक कयास तेज हो गए हैं। इन कयासों को अपर्णा के भाजपा में जाने के प्रश्न पर इनकार न करने से बल मिला है।
योगी का अपर्णा यादव की गौशाला का मुआयना करना अचानक में यूं ही किया गया निर्णय नहीं है। जानकारों की मानें तो इसकी नींव उसी दिन पड़ गई थी जिस दिन वर्तमान भाजपा सरकार ने शपथ ली थी। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए मुलायम सिंह यादव ने मंच में योगी सहित सभी की मौजूदगी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान में कुछ कहा था।
मुलायम ने कान में क्या कहा यह तो दो ही लोग जानते हैंञ एक मुलायम और दूसरे मोदी। इसके बावजूद कई माने निकाले जा रहे हैं। पिता-पुत्र के बीच की कड़ुवाहट को देखते हुए कहा जा रहा है कि मुलायम ने अपर्णा के बारे में कुछ कहा होगा। क्योंकि इस घटना के चार दिन बाद ही अपर्ण और मुलायम के छोटे बेटे प्रतीक यादव अचानक वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंच गए। मुलाकात हुई जिसे प्रतीक और अपर्णा ने शिष्टाचार कहा था। कहा तो यह भी जा रहा है कि न तो प्रतीक और न ही अपर्णा किसी प्रोटोकाल में आते हैं। फिर ये कैसी शिष्टाचार भेंट।
इस मुलाकात के चार दिन बाद अचानक मुख्यमंत्री कान्हा उपवन का भ्रमण करने चले जाते हैं। मुख्यमंत्री वहां एक घंटे से ज्यादा समय रहते हैं और सारे समय प्रतीक और अपर्णा उनके साथ साये की तरह रहते हैं। मुख्यमंत्री के जाने के बाद प्रतीक भी मुख्यमंत्री योगी की तारीफ के पुल बांध देते हैं। यहां यह भी जानना जरूरी है कि प्रतीक ने अभी तक मीडिया में कोई स्टेटमेंट नहीं दिया था, सिवाय उस इंटरव्यू के जो सपा में मचे घमासान के समय एक चैनल पर आया था। उस इंटरव्यू में भी प्रतीक ने कोई राजनीतिक बात नहीं की थी।
कहा जा रहा था कि प्रतीक ने यह इंटरव्यू उनकी पांच करोड़ की कार को लेकर मचे विवाद के बाद स्थिति साफ करने के लिए दिया था। पर अपन भाई पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से अच्छे संबंध न होने के कारण अचानक प्रतीक का सक्रिय होने के भी मायने हैं। सपा के ही सूत्रों का कहना है कि ‘नेताजी’ के जिस पुत्र को पांच साल तक कहीं नहीं देखा गया वह एक हफ्ते में दो बार मुख्यमंत्री से मिल रहा है। कोई न कोई बात तो है। भले ही वह इन कयासों को फर्जी कहें।
उल्लेखनीय है कि अपर्णा से जब भाजपा में जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह तो समय ही बताएगा कि क्या होगा। इस बात का कि वह भाजपा में नहीं जा रहीं हैं, अपर्णा ने कहा कि भविष्य में जो कुछ होगा, वह आप लोगों को पता चल जाएगा। यह सही है कि अपर्णा पहले कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों की खुलकर तारीफ कर चुकी हैं।