उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में सरकारी संपत्ति पर कब्जा जमाए बैठे लोगों को निकाल बाहर करने में पुलिस से हुई झड़प में मारे गए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के परिवार ने उनकी शहादत को सम्मान मिलने की मांग की है. साथ ही उन्होंने दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों को वाजिब सजा दिलाए जाने की भी गुहार लगाई है. 
दिवंगत एसपी सिटी की मां मनोरमा द्विवेदी, पत्नी अर्चना द्विवेदी, भाई प्रफुल्ल द्विवेदी आदि परिजनों ने शनिवार को जवाहर बाग में घटनास्थल के समीप उनकी याद में अनेक वृक्ष लगाए. यहां से परिवार के कई सदस्य जिला अस्पताल में रक्तदान करने पहुंचे. बता दें कि 2 जून 2016 को हुई हिंसक मुठभेड़ में मुकुल द्विवेदी शहीद हो गए थे.
क्या है SP की पत्नी की फरियाद
अर्चना द्विवेदी ने सरकार की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए कहा, ‘‘अब तक किसी भी जांच का कोई परिणाम नहीं निकला. सीबीआई जांच कराने के लिए हमें खुद ही कोर्ट जाना पड़ा. 15 माह के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी से भी कोई सकारात्मक नतीजे की उम्मीद नहीं है.’
भाजपा सरकार से सवाल
तत्कालीन सपा सरकार पर भाजपा नेताओं ने इस मामले में उचित कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया था. एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के परिजनों ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार बने 1 साल बीत गया, लेकिन सपा की तरह अब भी इस मसले पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है. अर्चना द्विवेदी ने कहा, ‘तबकी (सपा) सरकार की भर्त्सना करने वाले लोग आज सरकार में बैठकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं.’
क्या था मथुरा का जवाहर बाग मामला
लगभग दो साल यानि 2014 से लेकर जून 2016 तक जवाहर बाग में कब्जा जमाए ”स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह” नामक संगठन के मुखिया गाजीपुर निवासी रामवृक्ष यादव और उसके ढाई-तीन हजार साथियों को बाग से निकालने की इस घटना में दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी. जबकि 27 अन्य मारे गए थे. घंटों तक चली इस मुठभेड़ में ही पुलिस उपाधीक्षक मुकुल द्विवेदी मृत्यु हुई थी.
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal