इन दिनों देश की बड़ी कंपनी वीडियोकॉन के आर्थिक हालात सही नहीं चल रहे हैं .स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि यह नामी कम्पनी अब दिवालिया होने की कगार पर पहुँच गई है .स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई में कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों की याचिका को कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मंजूर कर लिया है .ऐसे में वीडियोकॉन पर दिवालिया होने का खतरा मंडरा रहा है.
बता दें कि विडियोकॉन इंडस्ट्रीज पर बैंकों का करीब 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज बाकी है और वह ऋण को चुकाने में भी अनियमित रही है. सूत्रों की मानें तो विडियोकॉन ग्रुप की करीब एक दर्जन कंपनियों पर 44 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और सभी ऐसी ही परेशानियों का सामना कर रही है. न्यायाधिकरण केअनुसार अगले 180 दिनों में बोली के जरिए वीडियोकॉन कंपनी के लिए नए मालिक की तलाश किए जाने की संभावना है. इसके लिए एनसीएलटी ने केपीएमजी के अनुज जैन को अंतरिम समाधान पेशेवर (आरपी) भी नियुक्त कर दिया है.
जबकि दूसरी ओर विडियोकॉन इंडस्ट्रीज के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को अभी भी यह आस लगा रहे हैं कि वह दिवालिया प्रक्रिया से बाहर निकल आएगी . इस बारे में उनका कहना है कि वह उस नए प्रावधान का प्रयोग करना चाहती है जिसमें यदि 90 फीसदी कर्जदाता सहमत हों तो मामले को वापस लिया जा सकता है.प्रवर्तक इसमें पूरी मदद करेंगे. धूत को भरोसा है कि वीडियोकॉन ब्रांड का सम्मान बना रहेगा . अब देखना यह है कि वह अपनी कम्पनी को कैसे बचा पाते हैं.
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