जाति के नाम पर होटल का नाम रखने में कुछ भी गलत नहीं है। ऐसा करना मालिक का अधिकार हो जो उसे संविधान के तहत मिला हुआ है। मद्रास हाईकोर्ट ने यह बात एक मामले की सुनवाई को दौरान मंगलवार को की।
अदालत ने कहा कि जाति के नाम पर होटल का नाम रखे जाने पर आपत्ति ‘सरासर ढोंग’ है। जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा, यह पूरी तरह से होटल मालिक पर है कि वह अपने होटल का नाम श्री कृष्ण अय्यर ब्रह्मानाल कैफे रख सकता है।
उसे संविधान के दोनों अनुच्छेद 19(1) और 19(2) के तहत इसकी गारंटी है। याचिकाकर्ता इस अधिकार का प्रयोग करने में बाधा पैदा नहीं कर सकता है।
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