स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता है। फोन की परफॉर्मेंस इसके प्रोसेसर पर निर्भर करती है। फोन का प्रोसेसर जितना दमदार होगा परफॉर्मेंस उतनी ही अच्छी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोन प्रोसेसर को भारत में नहीं बनाया जा सकता है? इस पोस्ट में हम आपको प्रोसेसर भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता है इसका कारण और प्रोसेसर क्या होता है ये बताने जा रहे हैं।
भारत में क्यों नहीं बन सकता है फोन प्रोसेसर?
आपको बता दें कि प्रोसेसर बनाने के लिए एक खास तरह की अंडरग्राउंड लैब की जरुरत होती है। इस लैब में धूल और रेत का एक भी कण मौजूद नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रोसेसर बनाने के लिए खास तरह की सुविधाओं की जरुरत भी पड़ती है। यह सुविधाएं नेटवर्किंग क्षेत्र में फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन खबरों की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में प्रोसेसर बनाने का सेटअप भारत में लगाया जा सकता है।
टेक एक्सपर्ट विभा सचदेवा के मुताबिक, “भारत में प्रोसेसर न बनने की मुख्य वजह ज्यादा लागत है। प्रोसेसर बनाने के लिए जिस सेटअप की जरुरत पड़ती है उसकी लागत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में आने वाले 10 वर्षों में भी भारत में प्रोसेसर नहीं बनाए जा सकते हैं।”
क्या है प्रोसेसर का काम?
किसी भी स्मार्टफोन का प्रोसेसर उसकी परफॉर्मेंस के लिए जिम्मेदार होता है। आपका फोन का प्रोसेसर जितना बेहतर होगा उसकी परफॉर्मेंस भी उतनी अच्छी होगी। प्रोसेसर फोन के दिमाग की तरह कहा जा सकता है जो सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, एक चिप होती है जिसकी परफॉर्मेंस हट्र्ज, किलोहट्र्ज, मेगाहट्र्ज और गीगाहट्र्ज के आधार पर मापी जाती है। अगर प्रोसेसर का चिपसेट बढ़िया है तो आपके फोन की परफॉर्मेंस भी जानदार रहेगी। इसी आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए की आपके फोन का प्रोसेसर अच्छा है या नहीं। चिप के आलावा कोर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।