भारत के तेल और ऊर्जा साझेदार रहे ईरान ने कहा है कि वह भारत को तेल आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी हरसंभव कोशिश करेगा. उसने जोर देकर कहा है कि वह भारत का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है.
यह स्पष्टीकरण ईरान के दूतावास की ओर से आया है. आपको बता दें कि ईरान के उप राजदूत ने मसूद रिजवानियन रहागी ने दो दिन पहले ही कहा था कि अमेरिकी प्रतिबंध के बाद अगर भारत ने ईरान से तेल आयात में कटौती की तो ईरान भारत को मिलने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर देगा.
अब ईरानी दूतावास ने कहा है कि वह अस्थिर ऊर्जा बाजार से निपटने में भारत को हो रही दिक्कतों को समझता है. उसने कहा कि ईरान द्विपक्षीय व्यापार और खास तौर पर ईरानी तेल के आयात को बनाए रखने के लिए विभिन्न कदम उठाएगा और भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा.
रहागी ने मंगलवार को कहा था कि अगर भारत ने सऊदी अरब, रूस, इराक, अमेरिका या किसी दूसरे देश से तेल मंगाने की कोशिश की तो भारत को दी जाने वाली विशिष्ट सहूलियतें बंद कर दी जाएंगी.
आपको बता दें कि अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने मई में ईरान न्यूक्लियर डील से अलग होने के बाद ईरान पर नए प्रतिबंध थोप दिए हैं. अमेरिका ने भारत और दूसरे देशों से कहा है कि 4 नवंबर तक ईरान से तेल का आयात बंद कर दें वरना प्रतिबंध भुगतने को तैयार रहें. भारत ने अभी इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया है या स्पष्ट रुख नहीं दिखाया है .
नई दिल्ली में मौजूद ईरानी दूतावास की ओर से कहा गया है कि ईरान हमेशा से भारत समेत दूसरे देशों का भरोसेमंद ऊर्जा साझेदार रहा है. ईरान की कोशिश तेल बाजार में संतुलन लाने और तार्किक कीमतें बनाए रखने की रही हैं. ईरान ने कहा है कि उसने हमेशा से आयतक और निर्यातक देशों के हितों का ध्यान रखा है.
रहागी ने चाबहार बंदरगाह के विस्तार के लिए इसमें निवेश बढ़ाने के वादे को पूरा न करने पर भारत की आलोचना की थी. ईरानी दूतावास ने कहा है कि उनका देश चाबहार में भारतीय निवेशक कंपनियों का हमेशा स्वागत करता रहा है. दूतावास ने कहा है कि भारत और ईरान कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मसलों पर समान राय रखते हैं और वैश्विक शांति के लिए परस्पर सहयोगी रहे हैं.
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