हालांकि, कोलिंदा ने पहले ही कह चुकी थीं कि वह फाइनल देखने नेता या राष्ट्रपति के रूप में नहीं जाएंगी बल्कि क्रोएशियाई फुटबॉल की एक जुनूनी प्रशंसक के रूप में जाएंगी. एक ऐसे इंसान के रूप में, जिसने बचपन में फुटबॉल खेला है. कोलिंदा की इस खेल भावना की पुरस्कार वितरण समारोह में काफी चर्चा होती रही.
हार के बाद भी क्रोएशिया की राष्ट्रपति ने अपनी टीम के खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की. बारिश में भीगते खिलाड़ी अपना पुरस्कार लेने आए तो क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंदा ने उन्हें गले लगाकर सांत्वना दी. वे इतनी भावुक हो गईं कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.
विश्व कप फुटबॉल का फाइनल खत्म होने के कुछ समय पूर्व ही हल्की बूंदा बांदी शुरू हो गई थी, लेकिन कुछ ही देर में बारिश तेज हो गई. पहले मैच में कुल 6 गोलों की बरसात हुई और उसके बाद आसमान से हुई तेज बारिश से लग रहा था कि कुदरत भी फ्रांस की जीत के बाद जमकर मेहरबान है.
पिछले चार विश्व कप के फाइनल मैचों के आंकड़े बताते हैं कि इनमें कुल 6 गोल हुए थे, लेकिन इस विश्व कप के फाइनल में ही 6 गोल दागे गए. हालांकि 1930, 1938, 1958 और 1966 के फाइनल मैचों में भी पांच से ज्यादा गोल हुए थे.