परिजनों का चेक कैश कराने घर का कोई सदस्य जाता है तो भी उसे भुगतान नहीं किया जाएगा। भले वह बेटा या बेटी ही क्यों न हो। फर्जी चेकों के माध्यम से बढ़ रहे भुगतान को देखते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी सभी शाखाओं को आदेश जारी कर दिया है।
इस आदेश के मुताबिक जिसके नाम का चेक है, उसे ही बैंक आना होगा। यदि वह चलने फिरने में असमर्थ है तो उसके अंगूठे का निशान लाना होगा। उसे स्कैन कर आधार कार्ड से मिलान कराने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। यह व्यवस्था बुधवार से शुरू भी हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक पिछले दो महीनों में एसबीआई की विभिन्न शाखाओं से फर्जी चेक के माध्यम से डेढ़ दर्जन से अधिक फ्रॉड हो चुके हैं। कुछ मामलों में यह भी पाया गया है कि चेक खाताधारक के पास न होकर उसके किसी रिश्तेदार या परिजन के पास थी और उसने कैश करा ली। इसको ध्यान में रखते हुए ही यह नई व्यवस्था शुरू की गई है। इसके तहत किसी भी सीनियर सिटीजन के परिजनों को चेक का भुगतान उसकी मौजूदगी में ही किया जाएगा। एसबीआई मोतीझील के प्रबंधक शाखा परिचालन रोहितकांत मिश्रा ने बताया कि नई व्यवस्था पर अमल करना शुरू कर दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक जिस व्यक्ति के नाम का चेक होगा। उसके आधार का मिलान करने के बाद ही चेक का भुगतान किया जाएगा। यदि व्यक्ति चलने-फिरने में असमर्थ है तो उसके अंगूठे के माध्यम से आधार का इलेक्ट्रिक वेरिफिकेशन करवाया जाएगा।
जल्द ही बियरर (धारक) चेक से होने वाले भुगतान पर भी संबंधित का पहचान प्रमाण पत्र जरूरी होगा। जल्द ही इस संबंध में आरबीआई निर्देश जारी करने वाला है। अभी इस चेक से होने वाले भुगतान पर धारक से भुगतान के संबंध में कोई पूछताछ नहीं की जाती है।
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