अपर मुख्य सचिव के निर्देश में कहा गया था कि डीएम खुद या मजिस्ट्रेट से संस्थाओं की जांच कराएं। खासतौर पर रात के समय आकस्मिक रूप से जांच की जाए और वहां रहने वाले बालकों व बालिकाओं से अलग-अलग बात करके उनके रहन-सहन, खान-पान और बात-व्यवहार के बारे में गहनता से पड़ताल करने को कहा गया था।
अपर मुख्य सचिव ने जिलों में संचालित बालक व बालिका संरक्षण गृहों के अलावा दत्तक ग्रहण इकाई, महिला शरणालय, संप्रेक्षण गृह, सुधार गृह, श्रमजीवी छात्रावासों व मानसिक रूप से अविकसित महिलाओं के प्रकोष्ठों की भी जांच कराकर तत्काल शासन को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। लेकिन, तीन दिन बाद भी किसी जिले से इस संबंध में रिपोर्ट नहीं भेजी गई है।
सूत्रों की मानें तो देवरिया प्रकरण पर रविवार को तलब किए गए अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने दो टूक कह दिया है कि सभी जिलों से 12 घंटे के भीतर संरक्षण व सुधार गृहों की स्थिति के बारे में पूरी रिपोर्ट मंगाकर मेरे सामने पेश किया जाए। अन्यथा रिपोर्ट न भेजने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal