हरियाणा के मिर्चपुर में साल 2010 में दलितों के घर जलाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को अपना फैसला सुनायेगा. 2011 में इस मामले में रोहिणी कोर्ट पहले ही अपना फैसला सुना चुका है और इसी फैसले को पीड़ित पक्ष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर आज यानी शुक्रवार को हाईकोर्ट को अपना फैसला सुनाना है.
दरअसल, घटना 8 साल पुरानी है जब अप्रैल 2010 में हरियाणा के मिर्चपुर इलाके में 70 साल के दलित बुजुर्ग और उसकी बेटी को जिन्दा जिला दिया गया था. जिसके बाद गांव के दलितों ने पलायन कर लिया था. गौरतलब है कि दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने मिर्चपुर काड में दोषी ठहराए गए पंद्रह आरोपियों में से घर जलाने वाले तीन को उम्रकैद और आगजनी के पांच दोषियों को पांच-पांच वर्ष कैद समेत 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी.
घटना हरियाणा में हुई थी लेकिन उसके बावजूद इस पूरे मामले की सुनवाई पहले दिल्ली की निचली अदालत और फिर दिल्ली हाईकोर्ट में हुई. ऐसा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुआ क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को लगा कि दलितों से जुड़ें इस मामले की ठीक से सुनवाई हरियाणा में नहीं हो सकती और इस मामले से जुड़े गवाहों को प्रभावित करना आसान होगा अगर सुनवाई हरियाणा में ही हुई. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हरियाणा सरकार ने इस पूरे मामले को सुनवाई के लिए दिल्ली में ट्रांसफर कर दिया था.
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