प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महात्मा गांधी के जीवन पर एक Blog भी लिखा है . इसमें उन्होंने महात्मा गांधी के चरित्र को रेखांकित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा है कि 21वीं सदी में गांधी जी के विचार उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे . वो ऐसी कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जिनका सामना आज दुनिया कर रही है . आज जहां आतंकवाद, उग्रवाद और विचारहीन नफरत, देशों और समुदायों को बांट रही है… वहां बापू के शांति और अहिंसा वाले आह्वान में, मानवता को एकजुट करने की शक्ति है.
ऐसे समय में जब जलवायु-परिवर्तन और पर्यावरण की रक्षा का विषय चर्चा में है . दुनिया को बापू के विचारों से सहारा मिल सकता है . उन्होंने वर्ष 1909 में मनुष्य की जरूरतों और उसके लालच के बीच अंतर स्पष्ट किया था . प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते समय संयम और करुणा- दोनों का पालन करने की सलाह दी थी. आज देश को गांधी जी के सिद्धांतों को अपनाने की ज़रूरत है.
महात्मा गांधी… शौचालय खुद साफ करते थे . वो ये ध्यान रखते थे कि पानी कम से कम बर्बाद हो और अहमदाबाद में उन्होंने इसका विशेष ध्यान दिया कि गंदा पानी साबरमती नदी के पानी में नहीं मिले . गांधी के व्यक्तित्व की बड़ी बात ये थी कि उन्होंने अध्यापक, वकील, डॉक्टर, किसान, मजदूर, व्यापारी, सभी में आत्म-विश्वास की भावना भर दी थी . उन्होंने ये संदेश दिया था कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं… उसी से वे भारत के स्वाधीनता संग्राम में योगदान दे रहे हैं .