इंडोनेशिया में सोमवार सुबह बड़ा विमान हादसा हुआ है. यहां इंडोनेशियाई एयरलाइंस लॉयन एयर का विमान सोमवार सुबह से लापता होने के बाद जावा सागर में क्रैश हो गया. विमान का मलबा मिल गया है. मौके पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया है.
विमान में 189 यात्री सवार थे. वहीं हादसे के बाद इंडोनेशियाई एनर्जी फर्म पर्टेमिना ने अधिकारिक बयान जारी करके हादसे की पुष्टि की है. साथ ही उसने अपने बयान में कहा है कि जावा के समुद्री तट पर दुर्घटनाग्रस्त विमान का मलबा मिला है. इसमें विमान की सीटें भी शामिल हैं.
सरकारी एजेंसी के प्रवक्ता मोहम्मद सयायुगी ने एक प्रेस-कांफ्रेस में किसी भी विमान यात्री के बचने की संभावना से इंकार किया. उनका कहना है कि हम आशा कर सकते हैं, भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन इसकी संभावना नहीं दिख रहीं है. वहीं लॉयन एयर ग्रुप के सीईओ एडवर्ड सीरैत ने अपने अधिकारिक बयान में घटना के कारणों के बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया है.
न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर के अनुसार जर्काता से पंगकल पिनांग जा रहे इस विमान का संपर्क एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से टूट गया था. सूत्रों का कहना है कि इंडोनेशियाई समय के अनुसार सोमवार सुबह के 6.33 में यह दुर्घटना हुई. इस बात की पुष्टि रॉयटर्स ने इंडोनेशिया के स्थानीय राहत और बचाव अधिकारियों से बातचीत के आधार पर की है. बताया जा रहा है कि इस विमान में करीब 188 यात्री सवार थे.
बता दें कि विमान का संपर्क उड़ान भरने के 13 मिनट बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से टूट गया था. वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में लॉयन एयर ग्रुप के सीईओ एडवर्ड सीरैत ने अधिकारिक बयान में घटना के वास्तविक कारणों के बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया है. प्लैन क्रैश में किसी के भी बचने की उम्मीद खत्म हो चुकी है. घटना की आधिकारिक पुष्टि के बाद इंडोनेशिया में विमान यात्रियों के परिजन रोते बिखलते अपने परिवार के लोगों को याद कर रहे हैं.
इंडोनेशिया के परिवहन विभाग ने भी दूर्घटना के कारणों की आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं की है. माना जा रहा है कि विमान के crash होने के कारणों का पता प्लेन के ब्लैक बॉक्स के मिलने के बाद हीं चल पाएगा. फिलहाल इंडोनेशिया के जांच अधिकारी ब्लैक बॉक्स में मौजूद कॉकपिट वॉयस और डाटा रिकॉर्डर की जांच के बाद कुछ भी कहने की स्थिति में रहेंगे.
अंतराष्टीय नियमों के अनुसार सोमवार को हुए इस प्लेन क्रैश की जांच में अमेरिका के राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के अधिकारी भी साथ रहेंगे. इसके अलावा विमान कंपनी बोइंग के साथ सीएफएम इंटरनेशनल के तकनीकी अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
इसे इंडोनेशिया के इतिहास में अब तक की दूसरी सबसे बड़ी विमान दुर्घटना माना जा रहा है. इससे पहले 1997 में गरुड़ एयरलाइंस की विमान Crash में 214 लोगों की मौत हो गई थी.