देश की सबसे आधुनिक ट्रेन T-18 को अगले माह पटरी पर उतारा जा सकता है. रेलवे मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टी-18 का परिचालन 15 दिसंबर से शुरू किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है. सूत्रों ने यह भी बताया कि ट्रेन का पहला ट्रायल सफल रहा है. पहला ट्रायल मुरादाबाद-बरेली सेक्शन पर किया गया. ट्रायल के दौरान बिना इंजन के दौड़ने वाली टी-18 ने 90-120 किमी प्रति घंटे की स्पीड आसानी से हासिल की. 
सूत्रों का कहना है कि अगले सप्ताह तक ट्रायल पूरे हो जाएंगे. पहले, टी-18 को 160 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ाने का प्रयास किया जाएगा. अगर यह ट्रायल सफल रहा तो T-18 को 160-200 किमी प्रति घंटा से चलाने के लिए एक और ट्रायल होगा. इससे पहले, तेजस को भी उसकी क्षमता का आंकलन करने के लिए उसका ट्रायल 160-200 किमी प्रति घंटा तक किया गया था और तेजस इस ट्रायल में सफल रही थी.
दिल्ली-भोपाल रूट पर चलेगी
सूत्रों का कहना है कि टी-18 ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस की जगह लेगी और दिल्ली से भोपाल रूट पर दौड़ेगी. इस दौरान इसकी स्पीड 160 किमी प्रति घंटा रहेगी. यह मेक इन इंडिया के तहत बनी पहली ट्रेन है. इस ट्रेन को चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) में तैयार किया गया है. सूत्रों का कहना है कि रूट का अंतिम निर्णय अगले सप्ताह तक लिया जाएगा.
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू नहीं होगा
सूत्रों ने मुताबिक, टी-18 का किराया तेजस ट्रेन के जैसे होगा. इसमें फ्लेक्सी फेयर सिस्टम लागू नहीं होगा लेकिन इसका किराया शताब्दी एक्सप्रेस से करीब 20-25 फीसदी ज्यादा होगा. किराए को लेकर दो तरह के विकल्प यात्रियों को दिए जाएंगे. भोजन सहित टिकट और बिना भोजन की सुविधा का टिकट. टी-18 जिस रूट पर दौड़ेगी, महज 5-6 स्टॉपेज उस रूट में होंगे. सूत्रों का कहना है कि स्टॉपेज कम रहने के कारण ही ट्रेन कम समय में अधिक दूरी तय करेगी.
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