लखनऊ। पब्लिक स्कूलों की मनमानी फीस वसूली, आरटीई के तहत गरीब बच्चों को पब्लिक स्कूलों में 25 फीसद दाखिले स्कूल ड्रेस, कॉपी-किताबों आदि में अभिभावकों से मनमाने करीब एक घंटा तक भवन का प्रवेश द्वार बंद किया विरोध प्रदर्शन तरीके से धन उगाही के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट का घेराव किया। करीब एक घंटा तक कार्यकर्ता भवन के मुख्य प्रवेश द्वारा के सामने बैठ गए।
पब्लिक स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। इस दौरान जिलाधिकारी जीएस प्रियदर्शी आवश्यक कार्य से निकले हुए थे। कार्यकर्ता जिलाधिकारी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपने की जिद कर रहे थे।
जिलाधिकारी को कार्यालय में नहीं पाकर कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन करने लगे। नाराज कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट भवन के प्रवेश गेट पर धरने पर बैठ गए। करीब एक घंटा तक वे प्रदर्शन करते रहे।
इससे आने वाले फरियादियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जिद पर अड़े कार्यकर्ताओं को पुलिस और जिला प्रशासन के अफसरों ने समझाने की कोशिश की।
आखिरकार वे डीएम के कार्यालय कक्ष में एडीएम प्रशासन अविनाश सिंह और एडीएम पश्चिमी जयशंकर दुबे से वार्ता को राजी हुए। बैठक में दोनों अफसरों ने कार्यकर्ताओं को 12 अप्रैल को डीएम, डीआईओएस, बीएसए, सीबीएसई, आईसीएससी बोर्ड के कोऑर्डिनेटर, अभिभावक संघ के साथ बैठक कर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त किया।
ये है मांग
-सभी बोर्ड के स्कूलों में प्रवेश के समय छात्रों व उनके अभिभावकों से प्रति वर्ष प्रवेश के लिए बिल्डिंग डवलमेंट, खेलकूद, एक्सट्रा क्लासेज, फादर्स डे व मदर्स डे, टीचर्स डे, परीक्षा शुल्क, शिक्षकों की सैलरी आदि के नाम पर हो रही मनमानी धन उगाही पर ले रोक।
-ड्रेस, बैग, जूते, वाहन, रिक्शा, कॉपी-किताब स्कूल की तय दुकान से खरीद पर रोक।
-बच्चों के दाखिले के समय प्रवेश शुल्क, स्कूल प्रबंधन द्वारा 12 माह की फीस वसूली पर रोक।
-शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 25 फीसद गरीब छात्रों को पब्लिक स्कूल में प्रवेश।
-पब्लिक स्कूलों में शासन द्वारा लागू एनसीईआरटी पुस्तकों को पढ़ाया जाए।
-स्मार्ट क्लासेज के नाम पर स्कूलों द्वारा किया जा रहा अभिभावकों के आर्थिक शोषण पर रोक लगाने।
-गली-मोहल्लों में चल रहे बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद कराया जाए।