वाराणसी- आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के द्वारा कुछ दिन पहले तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में विपक्ष की सरकार के दौरान घी के जगह फीस ऑयल और जानवरो की चर्बी मिलाने की बात सार्वजनिक किए जाने के बाद हड़कंप मचा है। धर्म की नगरी काशी में इस प्रकरण को लेकर संतो ने सभी मंदिरों और प्रसाद की शुद्धता व गुणवत्ता की जांच की मांग की।
संतो की मांग और तिरुपति बालाजी प्रसाद विवाद के बीच बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद की जांच के लिए मंदिर के एसडीएम ने औचक निरीक्षण कर प्रसाद की शुद्धता की जांच किया। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में बिकने वाले वेंडरों के प्रसाद निर्माण गृह का औचक निरीक्षण कर प्रसाद की सैंपलिंग करवाया।बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मिलने वाले प्रसाद की जांच के लिए पहुंचे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह ने प्रसाद बनाने में प्रयोग किए जाने वाले सभी सामग्री की गहनता से जांच किया। जांच के दौरान उन्होंने खाद्य विभाग के अधिकारियों से प्रसाद में मिलाए जाने वाले घी के साथ अन्य सामग्रियों का जांच करवाया। प्राथमिक जांच में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मिलने वाला प्रसाद पूरी तरह शुद्ध निकला।
एसडीएम ने संतुष्टि के लिए प्रसाद के सैंपल को लैब टेस्ट के लिए भेजा। विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद में मिलने वाले लड्डू की जांच करने पहुंचे एसडीएम ने बताया कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद को लेकर जो खबर मीडिया में आई है, ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी तरह से प्रसाद की जांच में जुट गया है। चूंकि बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आते है।
इसलिए समय – समय पर प्रसाद गुणवत्ता की चेकिंग फूड डिपार्टमेंट की ओर से करवाया जाता है, ताकि प्रसाद की गुणवत्ता बनी रहे।बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रसाद को लेकर एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि बाबा श्री काशी विश्वनाथ को भोग में लगने वाले प्रसाद को पूरी शुद्धता से पुजारियों के द्वारा बनाए गए प्रसाद से भोग लगाया जाता है। वही मंदिर परिसर में आने वाले भक्तों के प्रसाद के लिए दो वेंडरों से मंदिर प्रशासन ने टाईअप किया है। वही प्रयास बनाने वाले लोगो ने भी प्रसाद बनाने में पूरी शुद्धता और पवित्रता के साथ प्रसाद बनाने की बात कही।
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