लखनऊ, 28 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार की कानून व्यवस्था और युवाओं से संबंधित समस्याओं पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने बेरोजगारी, कम वेतन, युवतियों के लिए असुरक्षा और शिक्षा के निजीकरण जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। अखिलेश यादव का कहना है कि युवाओं के सामने जो परिस्थितियां हैं, वह गंभीर हैं और इसके समाधान के लिए उन्हें सक्रिय रूप से सुझाव दिए हैं।
उन्होंने युवाओं के मुद्दों को उठाते हुए कहा कि बेरोजगारी और कम वेतन एक बड़ी समस्या बन चुकी है। इसके अलावा, युवतियों के लिए असुरक्षा, शिक्षा में राजनीति का घुसपैठ और शिक्षा का निजीकरण भी समाज में विषमताएं पैदा कर रहा है। अखिलेश ने यह भी कहा कि आज शिक्षा गरीबों की पहुंच से बाहर हो चुकी है, और इसका असर समाज के कमजोर वर्ग पर सबसे अधिक पड़ रहा है।
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संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी युवाओं पर
अखिलेश यादव ने युवाओं को संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि युवा ही आरक्षण को बचाने का काम करेंगे और अपनी आवाज उठाते हुए इस देश की भविष्यवाणी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में दलितों की आवाज उठाने वाली सुमन जी पर हुए हमले से यह स्पष्ट है कि सत्ता में बैठे लोग दलितों के अधिकारों को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं।
सत्ता के सजातीयों पर आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि थार और बुलडोजर का जानबूझकर लोगों को डराने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने इसे सरकार की कानून व्यवस्था को चुनौती बताते हुए कहा कि जीरो टॉलरेंस वाली सरकार असल में पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त है।
सांसद पर हमला और सरकार की मंशा
अखिलेश यादव ने सांसद पर हुए हमले को लेकर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि यह हमला इस बात का इशारा है कि हमलावरों को सरकार का पूरा समर्थन प्राप्त है और सरकार इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करने को तैयार नहीं है।