“अमेठी जिले में जलजीवन मिशन के तहत जलापूर्ति योजना निर्माण कंपनियों की लापरवाही के कारण पिछड़ रही है। 31 दिसंबर तक निर्धारित लक्ष्य हासिल करना मुश्किल।”
अमेठी: जिले में जल जीवन मिशन के तहत जलापूर्ति की योजना निर्माण कंपनियों की मनमानी के कारण पिछड़ रही है। 31 दिसंबर की निर्धारित समय सीमा तक लगभग 25% काम भी पूरा होने की संभावना नहीं है। जिले में 489 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से अब तक केवल 170 परियोजनाएं 30 नवंबर तक पूरी हो पाई हैं। इसके अलावा 61 ओवरहेड टैंकों का निर्माण भी पूरा हो चुका है, लेकिन जलापूर्ति की प्रगति केवल 35% है।
अमेठी जिले के भादर विकास खंड स्थित घोरहा में जलापूर्ति योजना पिछले पांच साल से बंद है। पाइपलाइन डालने का काम दो महीने से ठप पड़ा हुआ है। इसी तरह, कई अन्य स्थानों पर जलापूर्ति की व्यवस्था बार-बार बाधित हो रही है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। संग्रामपुर के तिवारीपुर गांव में जलापूर्ति की समस्या को लेकर चार दिन पहले विरोध प्रदर्शन भी हुआ था।
जलजीवन मिशन के काम में कंपनियों की लापरवाही
जिले में जलजीवन मिशन के कार्यों की निगरानी तीन कंपनियां – वैलस्पन, गायत्री रैम्की और वीपीएल – कर रही हैं, जिनमें से वैलस्पन का काम सबसे पीछे है। अवर अभियंता नीरज प्रजापति और राजेश गुप्ता ने बताया कि वे रोज साइट पर जाकर काम की गति तेज करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन निर्माण कंपनियों की लापरवाही से काम में काफी देरी हो रही है।
कंपनियों पर कार्रवाई की मांग
भादर ब्लॉक संसाधन केंद्र और कम्पोजिट विद्यालय भादर प्रथम तक पाइपलाइन डालने के बावजूद आगे का काम नहीं हो रहा है। जल जीवन मिशन के तहत जिले में जलापूर्ति व्यवस्था सुधारने के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है। अधिकारियों ने बताया कि कार्यों की समीक्षा नियमित रूप से की जा रही है और 31 दिसंबर तक 50% काम पूरा करने की पूरी कोशिश की जा रही है।
यह भी पढ़ें : बलिया: पुलिस की बर्बरता का वीडियो वायरल, बुजुर्ग पर बरसाए थप्पड़ और लात-घूसे
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal