“आम आदमी पार्टी के नेता अवध ओझा ने अरविंद केजरीवाल को कृष्ण का अवतार बताया और कहा कि समाज के कंस उन्हें रोकने की साजिश कर रहे हैं।”
नई दिल्ली। मशहूर शिक्षक और हाल ही में आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हुए अवध ओझा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भगवान का दर्जा दे दिया है। एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल कृष्ण के अवतार हैं।
क्या बोले अवध ओझा?
ओझा ने कहा, “समाज के कंस अरविंद केजरीवाल के पीछे पड़े हुए हैं। वे नहीं चाहते कि कोई गरीबों के लिए काम करे।” उन्होंने यहां तक कहा कि केजरीवाल को निशाना बनाने की असल वजह यह है कि लोग उन्हें 2029 में प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाहते हैं।
2029 पर जोर क्यों?
ओझा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जिस तरह से शिक्षा, स्वास्थ्य और जनकल्याण के मुद्दों पर काम कर रहे हैं, वह देश की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। “उनकी योजनाओं और दृष्टिकोण से आम आदमी को सीधा लाभ हो रहा है, और यही बात कुछ ताकतों को परेशान कर रही है।”
राजनीतिक हलचल:
अवध ओझा के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बीजेपी ने इस बयान को “हास्यास्पद” बताया, जबकि कांग्रेस ने इसे “राजनीतिक प्रचार का हिस्सा” करार दिया।
केजरीवाल का पक्ष:
अरविंद केजरीवाल ने इस बयान पर सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन पार्टी के प्रवक्ता ने इसे ओझा का व्यक्तिगत नजरिया बताया।
विपक्ष का हमला:
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “किसी व्यक्ति को भगवान का दर्जा देना लोकतंत्र और राजनीति दोनों का मजाक उड़ाने जैसा है।” कांग्रेस ने कहा, “यह AAP का पब्लिसिटी स्टंट है।”
विशेषज्ञों की राय:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओझा का बयान केजरीवाल की छवि को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक कदम हो सकता है। हालांकि, इससे पार्टी को आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
क्या होगा आगे?
यह बयान 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले AAP की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि यह बयान पार्टी और केजरीवाल की छवि को कैसे प्रभावित करता है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल