Monday , January 6 2025

Shivani Dinkar

सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में हो रहा है प्रवेश अब बदल जायेगा वर्षा का प्रभाव

वर्षा कारक नक्षत्र और ग्रह आर्द्रा में भगवान भुवन भास्‍कर सूर्य 22 जून 2018 को प्रात काल 11 बज कर 23 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसी आधार पर देश में वर्षा के प्रभाव और स्‍वरूप का आंकलन किया जायेगा। ज्‍योतिष शास्‍त्र और अन्‍य शास्‍त्रों के अनुसार जैसे ही सूर्य आर्द्रा में प्रवेश करेंगे वर्षा ऋतु का स्‍वभाव स्‍पष्‍ट हो जायेगा। इस वर्ष सिंह लग्‍न पर आर्द्रा नक्षत्र का प्रवेश हो रहा है, जबकि एकादश भाव पर सूर्य प्रवेश करेंगे। इस काल में गोचर पर चित्रा नक्षत्र पारिध योग, पैतिन कर्ण और चंद्रमा का भ्रमण कन्‍या राशि पर होगा। क्‍या है आर्दा नक्षत्र आकाश मंडल में आर्द्रा नक्षत्र का स्‍थान छटवां है। यह राहू का नक्षत्र है जो मिथुन राशि में आता है। आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी राहू माना जाता है और इसकी दशा 18 वर्ष की बताई गई है। हांलाकि मिथनु राशि पर ये 5 माह 12 दिन से 18 वर्ष तक होती है और चंद्र की स्थितिनुसार दशा जन्म के समय भोगना पड़ती है। इसके बाद गुरु की दशा लगती है, जो पूरे 16 वर्ष चलती है। जन्म नक्षत्र के अनुसार ही व्‍यक्‍ति को उस नक्षत्र के स्वामी का प्रभाव अपने जीवन पर दिखता है। आर्द्रा नक्षत्र व मिथुन राशि पर जन्मे लोगों को राहू व बुध के प्रभाव में जीवन भर रहना होता है और गुरु का भी महत्व देखने को मिलता है। सूर्य का हुआ वृष राशि में प्रवेश ये होगा प्रभाव यह भी पढ़ें क्‍या होगा परिणाम सूर्य के आर्दा में प्रवेश के बाद वर्षा का क्रम गड़बड़ा सकता है। इसलिए किसानों को मौसम को देख कर ही अपने काम करने उचित रहेंगे। खष्‍टेश और सप्‍तमेश शनि के पंचम भाव पर स्‍थित हैं इसलिए पश्‍चिमी मध्‍य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्‍सों में वर्षा कम, दक्षिण भारत में केरल, पूर्वोत्‍तर भारत में बिहार, उड़ीसा, दिल्‍ली, बुंदेल खंड, और पश्‍चिमी भारत में पश्‍चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, कर्नाटक में वर्षा कुछ बेहतर पर सामान्‍य से कम रहेगी। साथ ही जून, जुलाई और अगस्‍त के महीनों में समय से वर्षा ना होने के कारण हानि की संभावना बढ़ सकती है। इसके बावजूद बाद के कुछ समय में वर्षा का असर सुधरने की संभावना है और कृषि के क्षेत्र में लाभ हो सकता है पर इसके लिए किसानों को सब व्‍यसनों को छोड़ अपने कर्म पर ध्‍यान देना होगा।

वर्षा कारक नक्षत्र और ग्रह आर्द्रा में भगवान भुवन भास्‍कर सूर्य 22 जून 2018 को प्रात काल 11 बज कर 23 मिनट पर प्रवेश करेंगे। इसी आधार पर देश में वर्षा के प्रभाव और स्‍वरूप का आंकलन किया जायेगा। ज्‍योतिष शास्‍त्र और अन्‍य शास्‍त्रों के अनुसार जैसे ही सूर्य आर्द्रा …

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योग की मदद से पैरालिसिस पर पाई विजय

शाजापुर के इंश्योरेंस एजेंट यशपाल शर्मा के योग के साथ अनुभव आश्चर्यजनक हैं। 45 साल के शर्मा 2001 में हृदय विकार के शिकार हुए और दिल्ली में ऑपरेशन करवाना पड़ा। 2004 में उनके शरीर का बायां हिस्सा सुन्ना पड़ गया। देखते-देखते यह पैरालिसिस में बदल गया। उठना-बैठना भी मुश्किल हो गया। काम भी छूट गया। तीन साल में इलाज पर करीब 10 लाख रुपए खर्च हो गए, लेकिन फर्क नहीं पड़ा। बीमारी के दौरान टीवी पर योग के महत्व बारे में पता चला। बीमारी से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने योग का सहारा लेने का मन बना लिया। योग के बारे में पढ़-समझ कर योग शुरू कर दिया। इससे कुछ समय में ही उन्हें लाभ दिखाई देने लगा। सालभर में पूरी तरह स्वस्थ हो गए। योग में डिप्लोमा करने के बाद अब वे लोगों को योग सिखाने का काम कर रहे हैं

शाजापुर के इंश्योरेंस एजेंट यशपाल शर्मा के योग के साथ अनुभव आश्चर्यजनक हैं। 45 साल के शर्मा 2001 में हृदय विकार के शिकार हुए और दिल्ली में ऑपरेशन करवाना पड़ा। 2004 में उनके शरीर का बायां हिस्सा सुन्ना पड़ गया। देखते-देखते यह पैरालिसिस में बदल गया। उठना-बैठना भी मुश्किल हो …

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लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाने वाले सीबीआई जज के गांव जालौन में चोरी

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के मामले में सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। मूलत: जालौन के उरई के निवासी शिवपाल सिंह के गांव में पहले रास्ते का विवाद था, अब उसके पैतृक आवास में चोरी हो गई है। जज के घर पर हुई चोरी की खबर पाकर सीओ, एसडीएम व फोरेंसिक टीम भी पहुंची। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है। जालौन में कल रात सीबीआई जज शिवपाल सिंह के पैतृक गांव में चोरों ने करीब एक लाख रुपया के सोना-चांदी तथा 40 हजार रुपया नकद चोरी कर लिया। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले में सजा सुनाने वाले सीबीआई जज शिवपाल सिंह के जालौन में पुस्तैनी घर में लाखों की चोरी हुई है। कल रात चोरों ने करीब एक लाख रुपये के सोने-चांदी के जेवरात और 40 हजार रुपये नकद पर हाथ साफ कर दिया। अब पुलिस मौके पर तफ्तीश में जुटी है। शिवपाल सिंह का घर कोतवाली जालौन के ग्राम शेखपुर खुर्द में स्थित है। मामला कोतवाली जालौन के शेखपुर खुर्द गाव का है जो झारखंड के सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश शिवपाल सिंह का पैतृक गांव है। गांव में उनके भाई रहते हैं। कल रात न्यायाधीश के भाई सुरेंद्र पाल घर के अन्य लोगो के साथ छत पर सो रहे थे। आज सुबह जब यह लोग नीचे आए तो देखा कि घर का सारा सामान बिखरा पड़ा है। इसके बाद आनन-फानन में परिवार के सदस्यों ने ग्रामीणों और पुलिस को घटना की जानकारी दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी। पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले में खुलासा कर दिया जाएगा।

राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के मामले में सजा सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह की परेशानी बढ़ती ही जा रही है। मूलत: जालौन के उरई के निवासी शिवपाल सिंह के गांव में पहले रास्ते का विवाद था, अब उसके पैतृक आवास में चोरी हो …

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आप विधायक पर खनन माफिया का हमला, गंभीर हालत में पीजीआइ रेफर

यहां वीरवार को दोपहर बाद अाम अादमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर खनन माफिया के लाेगों ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हाे गए अौर उनकी हाले गंभीर बताई जा रही है। वह सतलुज नदी के किनारे हो रहे रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे थे। उनको इलाज के लिए रूपनगर के सिविल अस्‍पताल ले जाया गया और वहां से चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया। इस घटना से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार, रूपनगर के आम आदमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ काे सतलुज दरिया के किनारे अवैध रेत खनन की शिकायत मिली थी। अमरजीत जिले की बाइहारा खड्ड पर पहुंचे। इस दौरान मीडियाकर्मी भी उनके साथ थे। यहां पोक मशीनों से लगातर दरिया से रेत निकाली जा रही थी। सूचना मिलने पर माफिया के लोगों ने मशीनों को वहां से हटा दिया। हमले के बाद रूपनगर के सिविल अस्‍पताल में लाए गए आप विधायक अमरजीत सिंह संदोआ। जैसे ही विधायक रेत निकासी वाले स्थान पर पहुंचे तो डंडों और तेजधार हथियारों से लैस माफिया के लोगों ने उन पर हमला कर दिया। उनको उपचार के लिए तुरंत रूपनगर के सिविल अस्पताल लाया गया। बताया गया है कि हमले के दौरान एक पत्थर उनकी छाती में लगा। इससे उनकी हालत ज्यादा खराब हो गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों के कैमरे छीनने की कोशिश भी की गई। अमरजीत सिंह संदोआ को चंडीगढ़ पीजीआइ ले जाते कर्मचारी। घटना की सूचना मिलने के बाद रूपनगर के एसएसपी राज बचन सिंह संधू भी पहुंचे आैर अमरजीत सिंह संदोआ से बातचीत की। रूपनगर के सिविल अस्‍पमाल में उनका प्रारंभिेक इलाज करने के बाद हालत गंभीर होने के कारण संदोआ को चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर क‍र दिया गया।

यहां वीरवार को दोपहर बाद अाम अादमी पार्टी के विधायक अमरजीत सिंह संदोआ पर खनन माफिया के लाेगों ने हमला कर दिया। इससे वह घायल हाे गए अौर उनकी हाले गंभीर बताई जा रही है। वह सतलुज नदी के किनारे हो रहे रेत खनन का जायजा लेने पहुंचे थे। उनको …

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प्रशांत महासागर की ऊंची लहरों से नहीं डरी वर्तिका, तारिणी पर था पूरा भरोसा

हौसले हैं बुलंद हर मुश्किल को आसां बना देंगे, छोटी टहनियों की क्या बिसात, हम बरगद को हिला देंगे। वो और हैं जो बैठ जाते हैं थक कर मंजिल से पहले, हम बुलंद हौसलों के दम पर आसमां को झुका देंगे। भारतीय नौसेना के सबसे चुनौतीपूर्ण अभियान 'नाविका सागर परिक्रमा' को सफलता पूर्वक अंजाम देने वाली नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने कुछ इसी अंदाज में अपने विजय अभियान को बयां किया। उन्होंने बताया कि नाविका सागर परिक्रमा एक चुनौतीपूर्ण अभियान था, चूंकि आज तक किसी ने भी इस तरह का अभियान पाल नौका के जरिये पूरा नहीं किया था और वह भी सिर्फ महिलाओं के क्रू ने। वर्तिका जोशी ने बताया कि 254 दिन तक चले इस अभियान में कई विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। कई बार तो समुद्र की लहरों ने ऐसी चुनौती दी कि मन भीतर तक कांप गया। मगर, अभियान दल के पक्के इरादे और दृढ़ निश्चय ने सभी चुनौतियों को आसान बना दिया। उन्होंने बताया कि 10 दिसबंर को उन्होंने गोवा से इस अभियान की शुरुआत की थी। मगर, सबसे अधिक चुनौती प्रशांत महासागर ने दी। जब वह धरती से करीब पांच हजार किलोमीटर दूर केथोन में थे तभी एक समुद्री तूफान आ गया। केथोन को समुद्र का माउंट एवरेस्ट कहा जाता है। इस तूफान को वह पांच दिनों से समझने की कोशिश कर रहे थे। मगर आखिर एक रात को समुद्र में भयंकर तूफान आ गया। समुद्र की लहरें नौ से दस मीटर तक ऊंची उठने लगी। ऐसा लगा मानो कोई लहर इस छोटी सी नौका को अपने आगोश में ले लेगी। मगर, हमने हार नहीं मानी और समुद्र की लहरों से जूझते रहे और आखिर हम उस तूफान से निकलने में कामयाब रहे। जानिए लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने क्या कहा छात्र-छात्राओं से यह भी पढ़ें उन्होंने बताया कि उस समय उनकी टीम ने लगातार 20 से 25 घंटे तक बिना सोये इस तूफान का मुकाबला किया। उन्होंने बताया कि समुद्र हमेशा डरावना ही नहीं होता, हमारे समुद्र में कई अच्छे अनुभव भी रहे। अभियान के आखिरी चरण में तो एक समय ऐसा भी आया जब हमें समुद्र में हवा भी नहीं मिली, चूंकि यह नौका हवा से ही चलती है, इसलिए हमें कई दिन तक एक ही जगह पर रुकना भी पड़ा। मां के शब्द आते रहे याद अब स्कूलों में सुरक्षित रहेंगे बच्चे, गुड टच-बेड टच पर होगा 'तीसरी' आंख का पहरा यह भी पढ़ें लेफ्टिनेंट वर्तिका जोशी ने बताया कि जब वह अभियान पर जाने वाली थी तो ठीक पांच दिन पहले वह मां और पिता से मिलने ऋषिकेश आई थी। मगर, पता चला कि मां जॉलीग्रांट हास्पिटल में भर्ती है और वह गंभीर रूप से बीमार है। वह जब मिलने गई तो मां ने कहा कि वर्तिका तुम पीछे मुड़कर मत देखना और लक्ष्य पूरा करके ही लौटना। वर्तिका ने बताया कि 254 दिन के इस सफर में उन्हें कई बार मां की याद आई मगर, आखिर मां के वही शब्द जेहन में आ जाते और फिर सबकुछ सामान्य हो जाता। तारिणी पर था पूरा भरोसा वर्तिका जोशी ने बताया कि इस अभियान को लेकर उन्हें स्वयं तथा टीम के अलावा तारिणी नौका पर भी पूरा भरोसा था। यही वजह रही कि कई बार जटिल खराबी आने के बाद भी तारिणी ने उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी में नहीं डाला। वर्तिका ने बताया कि तारिणी को फरवरी 2017 में नौसेना में कमीशन किया गया था। जब तारिणी पर पहली लकड़ी लगाई तब से वह तारिणी को करीब से देख रही थी। इस बोट से मेरा करीबी रिश्ता बन गया था, इसलिए तारिणी की कार्यकुशलता पर उन्हें पूरा भरोसा था। वर्तिका ने बताया कि किस तरह तारिणी में सवार वह छह महिला अधिकारी ही सब कुछ थी। उन्हें स्वयं खाना बनाना होता था, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, सफाई कर्मी सहित सभी भूमिकाएं स्वयं निभानी होती थी।

हौसले हैं बुलंद हर मुश्किल को आसां बना देंगे, छोटी टहनियों की क्या बिसात, हम बरगद को हिला देंगे। वो और हैं जो बैठ जाते हैं थक कर मंजिल से पहले, हम बुलंद हौसलों के दम पर आसमां को झुका देंगे। भारतीय नौसेना के सबसे चुनौतीपूर्ण अभियान ‘नाविका सागर परिक्रमा’ …

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चाय वाले की बेटी को 4 करोड़ की स्कॉलरशिप, पढ़ाई के लिए जाएगी अमेरिका

अगर आपके इरादे मजबूत हों और बड़े सपने देखने के साथ उन्हें पूरा करना चाहते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की 17 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी ने अपने मजबूत इरादे से अपना सपना सच कर दिखाया है। बेहद पिछड़े ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा भाटी को अमेरिका में पढ़ाई के लिए 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिली है। पिता चलाते हैं ढाबा, मुश्किल से होता है परिवार का गुजारा बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली सुदीक्षा भाटी के पिता धूम मानिकपुर गांव में ही चाय की दुकान लगाते हैं, वैसे कुलमिलाकर यह ढाबा है। परिवार की गरीबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2009 में हालात ऐसे बन गए थे, जब होनहार सुदीक्षा को पढ़ाई छोड़ने तक की नौबत आ गई थी। बावजूद इसके सुदीक्षा ने हार नहीं मानी और आखिरकार अपना लक्ष्य पा ही लिया। सुदीक्षा के साथ 24 अन्य भारतीय छात्रों का भी इसमें चयन हो चुका है। धरने पर केजरीवाल, 30 जून के बाद गहरा सकता है दिल्ली में भीषण जल संकट यह भी पढ़ें चार साल के लिए अमेरिका जाएंगी होनहार सुदीक्षा AAP सरकार और नौकरशाही के बीच होगी सुलह, बड़ा सवाल- क्या 'Sorry' बोलेंगे केजरीवाल यह भी पढ़ें यहां पर बता दें कि दादरी के धूम मानिकपुर गांव की रहने वाली छात्रा सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के प्रसिद्ध बॉबसन कॉलेज ने तकरीबन 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी है। बचपन से होशियार थी बेटी गांव में ही ढाबा चलाने वाले पिता जितेंद्र भाटी बेहद कम पढ़े-लिखे हैं व सुदीक्षा की मां गीता भाटी घरेलू महिला (हाउस वाइफ) हैं। पिता का कहना है कि बेटी सुदीक्षा बचपन से ही पढ़ने में काफी होशियार हैं। हालांकि, उसे बहुत सी दिक्कतों का भी सामने करना पड़ा। उसने अभाव में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी, हर स्थिति का सामना किया। सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में जिला टॉप किया, 98 फीसद अंक किए हासिल बता दें कि शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा बुलंदशहर में विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी का संचालन किया जाता है, जहां गरीब परिवार के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। वर्ष 2011 में सुदीक्षा का चयन वहां के लिए हुआ था। हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की 12 की परीक्षा के परिणाम में सुदीक्षा ने 98 फीसद अंक हासिल किए थे। इसके साथ उसने जिला टॉप भी किया था। सिकंदराबाद के दुल्हेरा गांव के विद्या ज्ञान स्कूल की छात्रा सुदीक्षा 12वीं में अंग्रेजी विषय में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99, अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए हैं। सपना हो गया सचः सुदीक्षा स्कूल की तरफ से स्कॉलरशिप के लिए अमेरिका में आवेदन किया गया था। जहां से स्कॉलरशिप दी गई है। सुदीक्षा का कहना है उनका सपना सच हो गया। कोर्स करने के लिए वह अगस्त में अमेरिका रवाना होंगी। इतनी बड़ी स्कॉलरशिप मिलने से सुदीक्षा के परिवार व गांव के लोगों में खुशी है। सरकारी स्कूल से की पढ़ाई, अभाव में भी नहीं मानी हार सुदीक्षा ने पांचवीं तक की पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से की है। पढ़ाई में अच्छी होने के चलते उसने पिता जितेंद्र को जवाहर नवोदय विद्यालय और विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी के लिए तैयारी करने को राजी किया। इसके बाद प्रवेश परीक्षा दी और फिर चयनित होकर विज्ञान लीडरशिप एकेडमी में 12वीं तक की पढ़ाई मुफ्त में की।यहां पर बता दें कि विद्याज्ञान लीडरशिप एकेडमी शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा संचालित की जाती है। यह फाउंडेशन उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराता है। वहीं, सुदीक्षा भाटी को अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से 3.8 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप मिलने की खबर मिलते ही बुधवार को दादरी के विधायक तेजपाल नागर ने उनेक घर पहुंचकर सुदीक्षा को बधाई दी। तेजपाल नागर ने कहा कि ढाबा चलाने वाले की बेटी ने अपनी मेहनत व विलक्षण प्रतिभा के बल पर अमेरिका में स्कॉलरशिप जीतकर माता-पिता व गांव का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि सुदीक्षा ने गांव के सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर इतनी बड़ी उपलब्धि प्राप्त की है, इससे ग्रामीण क्षेत्र की अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी जितेंद्र भाटी ने बेटी को पढ़ाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। सुदीक्षा भाटी का उत्साह वर्धन करते हुए विधायक ने कहा कि सुदीक्षा जैसी बेटी समाज का गौरव है, समाज को ऐसी होनहार बेटी से सीख लेनी चाहिए।

अगर आपके इरादे मजबूत हों और बड़े सपने देखने के साथ उन्हें पूरा करना चाहते हैं तो सफलता जरूर मिलती है। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले की 17 वर्षीय छात्रा सुदीक्षा भाटी ने अपने मजबूत इरादे से अपना सपना सच कर दिखाया है। बेहद पिछड़े ग्रामीण इलाके …

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बेहद स्टाइलिश हैं मिस इंडिया बनीं अनुकृति वास, देखें उनकी कुछ चुनिंदा और अनदेखी तस्वीरें

तमिलनाडु की अनुकृति वास ने मिस इंडिया 2018 का खिताब अपने नाम कर लिया है। 19 साल की अनुकृति इस जीत से बेहद खुश हैं और हर तरफ उनकी खूबसूरती के साथ-साथ उनकी हाजिरजवाबी की चर्चा भी हो रही है। अनुकृति को सही मायने में ब्यूटी विद ब्रेन कहा जा सकता है! बता दें कि कॉलेज में पढ़ाई कर रहीं अनुकृति से सवाल-जवाब राउंड में जब पूछा गया कि- ‘कौन बेहतर शिक्षक है? सफलता या असफलता?’ इस सवाल के जवाब में अनुकृति ने कहा कि- ‘मैं असफलता को बेहतर टीचर मानती हूं। क्‍योंकि जब आपको ज़िंदगी में लगातार सफलता मिलती है तो आप उसे पर्याप्‍त मान लेते हैं और आपकी तरक्‍की वहीं रुक जाती है। लेकिन, जब आप असफल होते हैं तो आपको प्रेरणा मिलती है कि आप सफलता मिलने तक लगातार मेहनत करें।' यह जवाब देकर अनुकृति ने खिताब ही नहीं सभी का दिल भी जीत लिया। बहरहाल, हम आपको दिखा रहे हैं अनुकृति की कुछ ऐसी अनदेखी तस्वीरें, जिनमें आप उनका स्टाइल साफ़ देख सकते हैं!

तमिलनाडु की अनुकृति वास ने मिस इंडिया 2018 का खिताब अपने नाम कर लिया है। 19 साल की अनुकृति इस जीत से बेहद खुश हैं और हर तरफ उनकी खूबसूरती के साथ-साथ उनकी हाजिरजवाबी की चर्चा भी हो रही है। अनुकृति को सही मायने में ब्यूटी विद ब्रेन कहा जा सकता …

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कॉलेज के दिनों में रणबीर कपूर से हो गयी थी ये भारी भूल…और फिर

रणबीर कपूर इन दिनों संजय दत्त की बायोपिक फिल्म संजू को लेकर काफी चर्चा में हैं. रणबीर कपूर मानते हैं कि आप जब युवा होते हैं और बुरे संगत में हैं तो आपको उस वक्त यह एहसास नहीं होता है कि आप क्या गलती करने जा रहे हो. लेकिन जब एहसास होता है तो काफी देर हो गयी होती है. रणबीर खुद को लकी मानते हैं कि उन्हें बहुत जल्द ही अपनी गलती का एहसास हो गया था. रणबीर ने जागरण डॉट कॉम से बातचीत के दौरान स्वीकारा कि संजू फिल्म युवाओं को एक लर्निंग भी देगी कि ज़िंदगी में ड्रग के नशे से बुरी बात और कुछ नहीं हो सकती. ड्रग आपसे क्या नहीं करवाती. सो, ड्रग से हमेशा दूर रहें. पांच मिनट के सुकून के लिए आप अपनी पूरी ज़िंदगी तबाह कर लेते हैं. रणबीर कहते हैं कि इस सेक्शन को करते हुए उन्हें काफी मेहनत लगी. उन्होंने ड्रग को लेकर काफी रिसर्च किया. इस सेक्शन से यूथ को बड़ा संदेश मिलेगा कि आपको इन चीजों से कैसे दूर रहना है. रणबीर बताते हैं कि मैंने कॉलेज में फ्रेंड्स के साथ उत्सुकतावश ड्रग ट्राई कर लिया था, जो कि एक भारी भूल थी. लेकिन मुझे जल्दी इसका एहसास भी हो गया था. साथ ही मैंने कोई हेवी ड्रग नहीं ट्राई किया था लेकिन जल्दी ही मुझे एहसास हो गया था कि ये सही नहीं है और मुझे ये नहीं करना है. सो, मैंने तुरंत इससे खुद को दूर कर लिया था. मुझे लाइफ़ में बहुत कुछ करना है. मैं अपने को ऐसे बर्बाद नहीं करना चाहता था.

रणबीर कपूर इन दिनों संजय दत्त की बायोपिक फिल्म संजू को लेकर काफी चर्चा में हैं. रणबीर कपूर मानते हैं कि आप जब युवा होते हैं और बुरे संगत में हैं तो आपको उस वक्त यह एहसास नहीं होता है कि आप क्या गलती करने जा रहे हो. लेकिन जब …

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Box Office: रेस 3 की झोली में आये और इतने करोड़, पर हुआ ये बड़ा नुकसान

सलमान खान की फिल्म रेस 3 ने अपनी रिलीज़ के छठे दिन बॉक्स ऑफ़िस से करीब आठ करोड़ रूपये की वसूली तो की लेकिन ये सलमान खान की फिल्मों के हिसाब से सबसे ख़राब हफ़्ता माना जा रहा है। सलमान खान, अनिल कपूर, बॉबी देओल, जैकलीन फर्नांडिस, डेज़ी शाह, साकिब सलीम और फ्रेडी दारूवाला स्टारर फिल्म रेस 3 ने रिलीज़ बुधवार को घरेलू बॉक्स ऑफ़िस पर करीब आठ करोड़ रूपये का कलेक्शन किया है। हालांकि अभी आधिकारिक आंकड़े नहीं आये हैं। फिल्म का कुल कलेक्शन अब 138 करोड़ के करीब है। फिल्म अब एक हफ़्ते में 150 करोड़ रूपये हासिल नहीं कर पाएगी लेकिन अगर 145 करोड़ रूपये का आंकड़ा भी छू लिया तो बड़ी बात होगी। अगर सलमान खान की पिछले साल आई फिल्म ट्यूबलाइट को छोड़ दिया जाय तो रेस 3 पहले हफ़्ते में सबसे ख़राब कमाई वाली फिल्म है। सलमान खान की फैन फालोइंग और बॉक्स ऑफ़िस का रिकॉर्ड देखते हुए रेस 3 ने बड़ा नुकसान करवा दिया है। इससे पहले टाइगर ज़िंदा है, बजरंगी भाईजान, सुल्तान, प्रेम रतन धन पायो और किक ने पहले हफ़्ते में तगड़ा बिज़नेस किया किया है। बड़ी बात ये है रही कि आलिया भट्ट की राज़ी, जॉन अब्राहम की परमाणु द स्टोरी ऑफ़ पोखरण और करीना-सोनम की वीरे दी वेडिंग ने मिल कर 250 करोड़ रूपये कमा लिए हैं और रेस 3 के रिलीज़ के बावजूद उनका हश्र बहुत बुरा नहीं हुआ।

सलमान खान की फिल्म रेस 3 ने अपनी रिलीज़ के छठे दिन बॉक्स ऑफ़िस से करीब आठ करोड़ रूपये की वसूली तो की लेकिन ये सलमान खान की फिल्मों के हिसाब से सबसे ख़राब हफ़्ता माना जा रहा है। सलमान खान, अनिल कपूर, बॉबी देओल, जैकलीन फर्नांडिस, डेज़ी शाह, साकिब …

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फ़िल्मी दुनिया से दूर इस फील्ड में माहिर हैं ‘मोगेम्बो’ की बेटी

बॉलीवुड के खूंखार विलेन कहे जाने वाले अमरीश पूरी ने बॉलीवुड में काफी नाम कमाया है. उनकी दमदार एक्टिंग को कोई नहीं भूल सकता. बॉलीवुड की लगभग सभी फिल्मों में उन्होंने के खलनायक का किरदार निभाया है. फिल्मों में 'मिस्टर इंडिया', 'नगीना', 'नायक', 'दामिनी' और 'कोयला' इन फिल्मों से इन्हें खास जाना जाता है. फिल्मों में हीरो हो ना हो लेकिन विलेन के रूप में इन्हें देखने का आनंद ही कुछ और होता था. इन्होने करीब 400 फिल्मों में काम किया है जिसके बाद तो इन्हें भूल पाना ही मुश्किल है. तो आइये अब हम बात करते हैं उनकी बेटी की जो लाइम लाइट से दूर हैं. दरअसल, अमरीश पूरी की एक ही बेटी है जिसका नाम है नम्रता पूरी जो काफी सिंपल हैं और लाइम लाइट से दूर ही रहती हैं. अमरीश पूरी के फैंस ये चाहते हैं उनकी बेटी भी बॉलीवुड में कदम रखे. लेकिन किसी और ही फील्ड में हैं. लेकिन ये देखा का सकता है उन्हें फ़िल्मी दुनिया में कोई इंटरेस्ट नहीं है बल्कि वो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और साथ ही कॉस्ट्यूम डिजायनर भी हैं. आपको बता दें नम्रता की शादी हो चुकी है और उनकी भी एक बेटी है. अमरीश पूरी का एक बेटा भी है जिसका नाम राजीव पूरी है. राजीव अपने बिज़नेस में काफी व्यस्त रहते हैं और लाइम लाइट से वो भी दूर हैं. यानी जितने पॉपुलर अमरीश पूरी थे उतने ही लाइम लाइट से दूर हैं उनके बच्चे जो अपनी लाइफ में व्यस्त हैं.

बॉलीवुड के खूंखार विलेन कहे जाने वाले अमरीश पूरी ने बॉलीवुड में काफी नाम कमाया है. उनकी दमदार एक्टिंग को कोई नहीं भूल सकता. बॉलीवुड की लगभग सभी फिल्मों में उन्होंने के खलनायक का किरदार निभाया है. फिल्मों में ‘मिस्टर इंडिया’, ‘नगीना’, ‘नायक’, ‘दामिनी’ और ‘कोयला’ इन फिल्मों से इन्हें खास …

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