Saturday , January 11 2025

Shivani Dinkar

वेदांता के बंद प्लांट में एसिड लीक, कंपनी ने गंभीर माना

वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि तमिलनाडु में स्थित उसके कॉपर स्मेल्टर (तांबा गलाने) के टैंक से सलफ्यूरिक एसिड का लीक होना गंभीर है और उसे निष्क्रिय करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने रविवार को कहा था कि तूतीकोरिन कस्बे के भीतर स्थित प्लांट में मामूली लीक हुआ है। सुरक्षा के लिहाज से एसिड से भरे टैंकों को खाली कराने के कदम उठाए जा रहे हैं। कंपनी ने बुधवार को मद्रास हाई कोर्ट सौंपी गई अर्जी में कहा है, "पाइप के किनारे में हुआ लीकेज बहुत गंभीर है। जिन टैंकों में एसिड भरा है उसके चारों तरफ एसिड जमा है। जमा एसिड में पाइप के किनारे डूब गए हैं।" वेदांता लंदन लिस्टेड वेदांता रिसोर्स की भारतीय सब्सिडीयरी है। कंपनी ने कहा है कि उसने सीमित विद्युत आपूर्ति की मांग की है। यह मांग जान जाने का खतरा और हवा एवं भूजल को होने वाली क्षति टालने के लिए की गई है। कंपनी ने कहा है, "गंभीर जोखिम और खतरा है। इसका कारण यह है कि प्लांट के क्षेत्र में और भी भरे हुए टैंक और ज्वलनशील रसायन एवं वस्तुएं हैं।" लेकिन जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारी संदीप नंदुरी मामूली लीक होने पर कायम हैं। उन्होंने कहा, "यह उनका विचार है और यह हमारा है। सुरक्षा के लिहाज से हम सभी टैंकों से सल्फ्यूरिक एसिड खाली करा रहे हैं।" इसी प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन में मारे गए थे 13 लोग- तमिलनाडु सरकार ने प्लांट को स्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है और पिछले महीने ही इसकी बिजली आपूर्ति भी बंद की जा चुकी है। राज्य सरकार ने प्लांट के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद यह कदम उठाया था। क्षेत्र में प्रदूषण फैलने के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी। पुलिस फायरिंग में 13 लोग मारे गए थे।

वेदांता लिमिटेड ने कहा है कि तमिलनाडु में स्थित उसके कॉपर स्मेल्टर (तांबा गलाने) के टैंक से सलफ्यूरिक एसिड का लीक होना गंभीर है और उसे निष्क्रिय करने से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने रविवार को कहा था कि तूतीकोरिन कस्बे के भीतर स्थित प्लांट …

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गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कॉरिडोर पर एक और पुल बनाएगा रेलवे

यमुना पर ट्रेनों की आवाजाही सुगम बनाने और गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर पर दबाव कम करने के लिए रेलवे ने राष्ट्रीय राजधानी में नदी पर एक और पुल बनाने का प्रस्ताव रखा है। गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर को देश में सबसे व्यस्त माना जाता है। इसके साथ ही लोहा पुल के नाम से मशहूर पुराने यमुना रेल ब्रिज की जगह अगले साल मार्च तक दोहरी लाइन रेल पुल चालू हो जाएगा। निजामुद्दीन रेल पुल के समीप बनेगा नया पुल- नया रेल पुल वर्तमान निजामुद्दीन रेल पुल के समीप बनाया जाएगा। इस पुल के बन जाने के बाद करीब 150 जाने और आने वाली सवारी और मालगाड़ियों की तीव्र गति और सुगमता से आवाजाही हो सकेगी। वर्तमान में गाजियाबाद और नई दिल्ली स्टेशनों के बीच ट्रेनों को गुजरने में एक घंटे से भी ज्यादा समय लगता है। इस मार्ग पर दबाव के कारण कई बार गाड़ियों को दो घंटे लगते हैं। इससे यात्रियों को असुविधा होती है। दिल्ली आने-जाने वाली गाड़ियों के लिए अतिरिक्त मार्ग की मांग हो रही है। इससे गाड़ियों का समय से परिचालन सुनिश्चित हो सकेगा। 425 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान- निजामुद्दीन रेल पुल के समीप प्रस्तावित 600 मीटर लंबे पुल के निर्माण पर 425 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। यह पुल दिल्ली आने-जाने वाली गाड़ियों के लिए अतिरिक्त मार्ग मुहैया कराएगा। इसके अलावा 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा गति से रेलगाड़ियां गुजर सकेंगी। वर्ष के आखिर तक निर्माण हो सकता है शुरू- रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित नए रेल पुल के लिए हाईड्रॉलिक स्टडी जारी है। उम्मीद है कि इस वर्ष के आखिर तक पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा। निजामुद्दीन पुल के साथ नए पुल के निर्माण में नदी के सूखे हुए हिस्से में करीब 2000 कीकर के पेड़ काटने होंगे।

यमुना पर ट्रेनों की आवाजाही सुगम बनाने और गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर पर दबाव कम करने के लिए रेलवे ने राष्ट्रीय राजधानी में नदी पर एक और पुल बनाने का प्रस्ताव रखा है। गाजियाबाद-नई दिल्ली रेल कारिडोर को देश में सबसे व्यस्त माना जाता है। इसके साथ ही लोहा पुल …

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गुलाम नबी आजाद के गांव में डॉ. जितेंद्र सिंह ने बनवाया डाकघर

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। इस बात की जानकारी बुधवार को जम्मू में डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। अपने संसदीय क्षेत्र में विकास का लेखाजोखा देते हुए उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार में 20 साल तक मंत्रिपदों पर रहे व इस समय राज्यसभा में विपक्ष के नेता के अपने गांव में डाकघर तक नहीं था। वह इस इलाके के सांसद भी रहे थे। अब भाजपा के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता के गांव में लोगों को डाकघर मिला है।

मुख्यमंत्री से लेकर केंद्र सरकार में कई अहम विभागों के मंत्री रहे गुलाम नबी आजाद के पैतृक गांव गंदोह (डोडा) में आजादी के 70 वर्षों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के प्रयासों की बदौलत डाकघर खुला। इस बात की जानकारी बुधवार को जम्मू में डॉ. जितेंद्र …

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मिलावट करने वाले एक हजार फरार अभियुक्तों का पासपोर्ट होगा निरस्त

विविध खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ अहमदाबाद महानगरपालिका ने मुकदमा दायर करवाया है। ये मुकदमे कई वर्षों से चल रहे हैं। ऐसे एक हजार मामले सामने आए हैं जिनमें आरोपित न्यायालयों मे हाजिर ही नहीं होते। कई ऐसे वाकयात भी हैं जिसमे फैसले के बाद अभियुक्त फरार हैं। अब इन पर कोर्ट नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। अहमदाबाद मनपा ने मिठाई, नमकीन, फूड पार्लर, होटल रेस्टोरेंट, किराना के व्यापारी तथा दूध की डेयरियों से नमूने एकत्र कर न्यायालयों में मुकदमा दर्ज करवाया था। अब 15-15 वर्षों के बाद भी ये व्यापारी लापता हैं। कईं तो एसे भी हैं जिन्हें समन ही नहीं मिलता। मनपा के हेल्थ विभाग ने कई बार इसकी घोषणाओं के बाद भी कोई हाजिर ही नहीं हुआ। इन सब बाबतों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने इन सब के पासपोर्ट निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए पासपोर्ट ऑथोरिटी को भी सूचित कर दिया गया है। कोर्ट में एसे 700 मामले हैं जिनमें कुल 1000 व्यापारियों के खिलाफ आरोप हैं। कोर्ट ने इन सभी को फरार घेषित कर इनकी सूची भी कोर्ट को भेज दी है। इन्हें कैद और जुर्माना की सजा भी हो चुकी है। यदि इनके पास पासपोर्ट है तो उन्हें निरस्त कर दिया जाए।

विविध खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों के खिलाफ अहमदाबाद महानगरपालिका ने मुकदमा दायर करवाया है। ये मुकदमे कई वर्षों से चल रहे हैं। ऐसे एक हजार मामले सामने आए हैं जिनमें आरोपित न्यायालयों मे हाजिर ही नहीं होते। कई ऐसे वाकयात भी हैं जिसमे फैसले के बाद अभियुक्त फरार …

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गुजरातः सेना के रिटायर्ड जवानों ने किया प्रदर्शन, शराब की परमिट में छूट की मांग

राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का काम करता है। इसलिए इसकी शर्तों में छूट होनी चाहिए। इन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे 22 जुलाई को गांधीनगर में शक्ति प्रदर्शन करेंगे। सेना के जवानों ने 15 दिन व्यसन मुक्ति केंद्र में रहने और तीन डॉक्टरों की पैनल द्वारा यूनिट निर्धारण का विरोध किया है। सेना के इन जवानों का कहना है कि शराब इनके लिए टानिक है, व्यसन नहीं है। इसलिए इन्हें विविध नियमों से छूटछाट मिलना चाहिए। भूतपूर्व सैन्य शक्ति एकता नामक संगठन द्वारा किए गए इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले अशोक परमार ने बताया कि पूर्व सैनिकों को सरकार द्वारा किए गए विविध निर्णय मंजूर नहीं है। सेना के ये जवान विविध मोर्चों पर रहकर शराब का सेवन करते हैं। उनके लिए यह दारू नहीं परन्तु दवा का काम करती है। इसलिए सरकार का इसप्रकार का निर्णय सेना के पूर्व जवानों पर लागू नहीं होना चाहिए। संगठन ने इसके लिए सरकार को एक महीने का समय दिया है। यदि सरकार इस दौरान निर्णय नहीं करेगी तो 22 जुलाई को राजधानी गांधीनगर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा।

राज्य सरकार के लीकर परमिट के नियमों में परिवर्तन कर उन्हें सख्त बनाने के खिलाफ सेना के सेवा निवृत जवानों ने राजधानी गांधीनगर के सत्याग्रह छावनी में विरोध प्रदर्शन कर उसमें छूट की मांग की है। भारी तादाद में आए इन जवानों ने कहा कि शराब उनके लिए टानिक का …

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आज का राशिफल, 21 जून गुरुवार: आज है जन्मदिन तो आपकी जिंदगी में आएंगे बड़े बदलाव

आज का राशिफल में गुरूजी पवन सिन्हा बता रहे हैं अगर 21 जून (गुरुवार) को आपका जन्मदिन है तो आपके आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख रहा है. मित्रता और स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा. महीने भर रोजाना एक मुट्टी आटा और चीनी निकालकर रख दें. आज है जन्मदिन तो कैसा होगा साल? -आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. -जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. -पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. -जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख रहा है. -मित्रता और स्वास्थ्य को लेकर सावधान रहना होगा. -महीने भर रोजाना एक मुट्टी आटा और चीनी निकालकर रख दें. -हर शुक्रवार को उसका दान दें.

आज का राशिफल में गुरूजी पवन सिन्हा बता रहे हैं अगर 21 जून (गुरुवार) को आपका जन्मदिन है तो आपके आने वाले 12 महीने बहुत अच्छे हैं. जमकर मेहनत करें और अच्छे से कार्य करे. पिछले साल के रुके हुए कार्य भी आगे बढ़ेंगे. जीवन में सुखद परिवर्तन होता दिख …

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अंडरवियर धोने से पहले हो जाइये सावधान, उसमे लगी होती है आपकी ‘पो’…

अंडरवियर धोने से पहले हो जाइये सावधान

कुछ लोग इतने ज्यादा आलसी होते है कि वो अपने कपड़े तक नहीं धो पाते है और ऐसे में लोग अपने कपड़े धोभी के पास या लॉन्ड्री में धोने के लिए डाल देते है. कई बार तो लोग हफ़्तों तक अपने कपड़ों को लांड्री बैग में इकठ्ठा करके रख देते …

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ट्रिप के साथ भारत की इन जगहों पर ले सकते हैं योग का अनुभव, योग डेस्टिनेशन नाम से भी हैं मशहूर

21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के मौके पर पीएम मोदी 50 हजार से ज्यादा योग प्रतिभागियों के साथ देहरादून की ऐतिहासिक बिल्डिंग, FRI में योग करेंगे। इसके साथ ही देश भर में योग के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। फिटनेस के लिए जितना सैर-सपाटा जरूरी है, उतना ही योग का भी महत्व है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर अगर आप भी ट्रिप के साथ योग का अनुभव लेना चाहते हैं, तो आप इन जगहों पर घूम सकते हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां पर देश-विदेश से पर्यटक घूमने के अलावा योग और मेडिटेशन के लिए आते हैं। मनाली, हिमाचल प्रदेश चीड़ और देवदार के पेड़ों के पास आपको बहुत ही शांति मिलेगी। धर्मशाला की तरह मनाली में कोई योग स्कूल या मेडिटेशन सेंटर नहीं है लेकिन अपने शांत वातावरण की वजह से योग करने वालों को यहां योग के लिए बेहतरीन लोकेशन मिल जाएगी। आपको अगर शांति के साथ प्रकृति के नजारे चाहिए तो आप पुराने मनाली के गांवों में जाएं जहां आपको मिलेगा योग करने के लिए बेहतरीन वातावरण। इसके लिए आप नसोगी, नग्गर या वशिष्ठ जा सकते हैं। इस ‘मदर्स डे’ अपनी मां को दे ट्रिप का तोहफा, ये 5 जगह कर सकते हैं लिस्ट में शामिल यह भी पढ़ें ऋषिकेश, उत्तराखंड दोस्तों के साथ इन जगहों पर जमकर करें मस्ती, ट्रिप कर लीजिए प्लान यह भी पढ़ें इसे भारत के योग कैपिटल के रूप में भी जाना जाता है। हिमालय के शिवालिक रेंज में स्थित इस छोटे से शहर में साल भर योग वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस और रीट्रीट होते रहते हैं। ऋषिकेश में आपको दुनिया के बेस्ट योग टीचर्स मिल जाएंगे। ऋषिकेश में कई आश्रम और रेस्तरां हैं जहां आपको योग स्पेशल खाना भी मिलता है। आप यहां मेडिटेशन भी कर सकते हैं। आपको यहां इजराइयली खाने के अलावा एक अलग तरह की आस्था देखने को मिलेगी। वरकला, केरल अगर आप योग के शौकीन हैं लेकिन पहाड़ों की जगह समुद्र के किनारे की तलाश में हैं तो चले आइए केरल के आखिरी छोड़ पर स्थित वरकला जो समुद्र तट के पास स्थित है और जहां आपको ऐसी कम्युनिटी भी मिल जाएगी जिन्हें योग की पूरी जानकारी है। साथ ही यहां आपको योग के साथ लग्जरी का भी आनंद मिल जाएगा। आप यहां आकर केरल के स्ट्रीट फूड का मजा भी ले सकते हैं। मैसूर, कर्नाटक बेहतरीन मौसम की चाह रखने वालों के लिए मैसूर किसी जन्नत से कम नहीं है। योग करने के लिए बेहतरीन जगहों की बात हो रही हो तो आप कर्नाटक के मैसूर को भी स्किप नहीं कर सकते। इस शहर का अपना योग आसन प्रैक्टिस स्टाइल है। वहीं अगर आप अष्टांग योग में दिलचस्पी रखते हैं तो मैसूर आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हो सकती है।

21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ के मौके पर पीएम मोदी 50 हजार से ज्यादा योग प्रतिभागियों के साथ देहरादून की ऐतिहासिक बिल्डिंग, FRI में योग करेंगे। इसके साथ ही देश भर में योग के लिए कई इंतजाम किए गए हैं। फिटनेस के लिए जितना सैर-सपाटा जरूरी है, उतना ही …

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झारखंड में विपक्षी एकता पर पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी की टेढ़ी चाल

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ तैयार हो रहा संयुक्त विपक्षी मोर्चा राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ सकता है। फिलहाल, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों की लामबंदी में एकजुटता तो नजर आ रही है, लेकिन विपक्षी धड़े के महत्वपूर्ण नेता बाबूलाल मरांडी आपाधापी में नजर नहीं आते। मरांडी अपनी गति से राजनीतिक गठबंधन की गाड़ी पर सवार होना चाहते हैं। यही वजह है कि सोमवार को नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन के आवास पर हुई विपक्षी दलों की संयुक्त बैठक से उन्होंने दूरी बनाए रखी। अलबत्ता बैठक में दूसरी कतार के नेता शामिल हुए लेकिन बाबूलाल मरांडी की अनुपस्थिति को लेकर कयास का दौर तेज हुआ। फौरी तौर पर बताया गया कि संताल परगना के दौरे पर रहने की वजह से वे बैठक में शामिल नहीं हुए। भाजपा को इसपर चुटकी लेने का मौका मिल गया है। बकौल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव, बाबूलाल मरांडी की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है। वे अस्तित्व तलाश रहे हैं। उनकी राजनीतिक लाइन-लेंथ पूरी तरह कंफ्यूज्ड है। दरअसल बाबूलाल मरांडी आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर ज्यादा सतर्क हैं। विपक्षी गठबंधन की पहल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने मिलकर की है। दोनों दल विधानसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर भी मन बना चुके हैं। झारखंड में मिला विपक्षी एकता को बल, भाजपा के लिए संभलने का एक मौका यह भी पढ़ें इस बंटवारे में झाविमो के हिस्से में काफी कम सीटें आ रही हैं जिससे झारखंड विकास मोर्चा सतर्क है। अंदरूनी तौर पर इसे लेकर खींचतान भी है जो भविष्य में खुलकर सामने आ सकता है। बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा ने 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि चुनाव परिणाम के तत्काल बाद छह विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। उसमें से दो विधायकों को भाजपानीत गठबंधन सरकार में मंत्री की कुर्सी मिली। जबकि दो को बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया। आक्रामक हुई भाजपा, विपक्षी गठबंधन को बताया अनैतिक विपक्षी दलों के संयुक्त आंदोलन की घोषणा के बाद भाजपा ने भी अपने तेवर आक्रामक कर लिए हैं। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण संशोधन के खिलाफ आदोलन फ्लॉप होने के डर से विपक्ष ने शहीदों के नाम का सहारा लेना शुरू कर दिया है और सिदो-कान्हू के हूल दिवस को भी आदोलन का हिस्सा बना दिया है। इससे झारखंडी जनभावना आहत हुई है। इसके लिए विपक्ष जनता से माफी मागे और इस घोषणा को वापस ले। एक झूठे आदोलन के लिए शहीदों के नाम का राजनीतिक दुरुपयोग शर्मनाक है। विपक्ष धरना दे, जुलूस निकाले। उसपर आपत्ति नहीं है। लेकिन विपक्ष द्वारा शहीदों के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल ठीक नहीं है। अधिक दिनों तक नहीं चलेगी विपक्ष की एकता: पासवान यह भी पढ़ें झामुमो आदिवासियों को बनाकर रखना चाहती है सिर्फ वोट बैंक: प्रतुल भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर आरोप लगाया कि वह आदिवासियों और मूलवासियों को सिर्फ वोट बैंक बनाकर रखना चाहती है। वह नहीं चाहती कि इनका विकास हो। उन्हें बरगलाने के लिए झामुमो के नेता हेमंत सोरेन झूठ बोल रहे हैं। झामुमो कहता है कि निजी उपयोग और उद्योगों के लिए भूमि अधिग्रहण होगा जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी योजनाओं जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पुल, बिजली सब स्टेशन आदि के लिए जरुरत पड़ने पर जमीन का अधिग्रहण होगा। ग्राम सभा या स्थानीय प्राधिकार के परामर्श के बगैर अधिग्रहण नहीं हो सकेगा। निजी उद्योगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। उनके लिए सामाजिक प्रभाव आकलन का प्रावधान है। जमीन के मालिक को बाजार मूल्य से चार गुना अधिक मुआवजा आठ माह के भीतर मिलेगा। संशोधन से राज्य में पांच नए विश्वविद्यालय, 61 डिग्री कॉलेज, 20 पॉलिटेक्निक, सात इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कॉलेज, एक स्किल यूनिवर्सिटी समेत 100 शिक्षण संस्थानों का तेजी से निर्माण होगा।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में भाजपानीत गठबंधन सरकार के खिलाफ तैयार हो रहा संयुक्त विपक्षी मोर्चा राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ सकता है। फिलहाल, भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक के खिलाफ तमाम विपक्षी दलों की लामबंदी में एकजुटता तो नजर आ रही है, लेकिन विपक्षी धड़े के महत्वपूर्ण नेता बाबूलाल मरांडी …

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मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का इस्‍तीफा, दिया निजी कारणों का हवाला

मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। इसके पीछे का कारण निजी बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में इस बात की जानकारी दी। उनके इस पोस्‍ट का टाइटल ‘थैंक यू अरविंद’ है। जेटली ने अपने पोस्‍ट में बताया कि सुब्रमण्यन वापस अमेरिका लौट जाएंगे। 16 अक्टूबर 2014 को सुब्रमण्यन ने यह पदभार तीन साल के लिए संभाला था। उनका कार्यकाल खत्म होने पर मैं चाहता था कि वह आगे भी इस पद पर बने रहें। 2017 में उनके सेवा को एक साल और बढ़ा दिया गया। उन्होंने लिखा कि इस दौरान उन्होंने बताया कि मैं पारिवारिक जिम्मेदारियों और मौजूदा पद को लेकर दुविधा में हूं। जेटली ने पोस्ट में यह भी लिखा कि इसका कोई विकल्प नहीं है, लेकिन वह अरविंद सुब्रमण्यन के फैसले से सहमत हैं। जेटली ने अपने ब्लॉग में अरविंद की तारीफ करते हुए बताया है कि वित्त मंत्रालय, पीएमओ और सरकार के अन्य विभागों के साथ उनका संवाद काफी अहम था। यह औपचारिक होने के साथ ही अनौपचारिक स्तर पर भी होता था। अपने पोस्‍ट में जेटली ने उन्‍हें जन धन, आधार, मोबाइल को डाटाबेस के तौर पर उपलब्‍ध कराने का श्रेय दिया है।

मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है। इसके पीछे का कारण निजी बताया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्‍लॉग पोस्‍ट में इस बात की जानकारी दी। उनके इस पोस्‍ट का टाइटल ‘थैंक यू अरविंद’ है। जेटली ने अपने पोस्‍ट में …

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