Friday , January 10 2025

Shivani Dinkar

नकली पावरबैंक्स से सावधान, खरीदने से पहले इन 4 बातों का रखें खास ख्याल

स्मार्टफोन की यूसेज बढ़ जाने से फोन बैटरी की खपत भी ज्यादा होने लगी है। स्मार्टफोन्स में लगातार हो रहे बदलाव कई बार फोन के लिए इतने हैवी हो जाते हैं कि इससे फोन की बैटरी पर असर पड़ता है। इससे फोन जल्दी डिस्चार्ज भी हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप किसी ऐसी जगह हो जहां बिजली का कोई साधन न हो तो आप फोन कैस चार्ज करेंगे। फोन चार्ज करने का एक विकल्प पावरबैंक भी है। फोन को चार्ज करने के लिए पावरबैंक काफी मददगार साबित हुए हैं। लेकिन मार्किट में कई नकली पावरबैंक्स भी बेचे जा रहे हैं। ऐसे में असली और नकली पावरबैंक का पता लगाना थोड़ा मुश्किल हो गया है। इस पोस्ट में हम आपको पावरबैंक खरीदने से पहले क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ये बताने जा रहे हैं। कैपिसिटी का रखें ध्यान: पावरबैंक की सबसे मुख्य विशेषता उसकी बैटरी कैपिसिटी है। पावरबैंक की कैपेसिटी को 'mAh' में मापा जाता है। यूजर को फोन की बैटरी से तीन गुना कैपिसिटी वाला पावरबैंक ही लेना चाहिए। उदाहरण के तौर पर: अगर आपका फोन 3000 एमएएच बैटरी से लैस है तो आप 10000 एमएएच वाला पावरबैंक खरीदें। साथ ही यह भी देखना अहम है कि यह पावरबैंक आपके फोन को सपोर्ट कर रहा है या नहीं। इस आसान ट्रिक से किसी भी फोन से चार्ज हो जाएगा आपका स्मार्टफोन यह भी पढ़ें यूएसबी चार्जिंग: पावरबैंक खरीदते समय यह भी ध्यान दें कि उसमें यूएसबी चार्जिंग है या नहीं। ज्यादातर पावरबैंक्स में यूएसबी चार्जिंग फीचर होता है। हालांकि, कुछ पुराने पावरबैंक्स में यह फीचर नहीं दिया गया है। इनमें अलग से एक केबल दी जाती है। स्मार्टफोन के लिए पावरबैंक खरीदने से पहले इन बातों पर दें खास ध्यान यह भी पढ़ें कीमत: बैटरी कैपिसिटी के अलावा, पावरबैंक की कीमत भी अहम है। पावरबैंक लेते समय कीमत का भी ध्यान रखें। कई बार ऐसा होता है कि आप कम कीमत के चलते पावरबैंक खरीद लेते हैं क्योंकि उसमें ज्यादा कैपिसिटी दी गई होती है। इस तरह के पावरबैंक आपके फोन को ठीक से चार्ज नहीं कर पाते। साथ ही उन्हें डैमेज भी करते हैं। ऐसे में आप सस्ता पावरबैंक न खरीदें। यह फोन के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। मिड-रेंज से लेकर हाई-रेंज के पावरबैंक सही विकल्प साबित होते हैं। क्वालिटी: अगर क्वालिटी की बात करें तो वह पावरबैंक बिल्कुल न खरीदें जिसमें या तो रिफर्बिश्ड बैटरी लगी होती हैं या फिर उसमें शॉट सर्किट, ओवर चार्जिंग प्रोटेक्शन जैसे बेसिक फीचर नहीं होते।

स्मार्टफोन की यूसेज बढ़ जाने से फोन बैटरी की खपत भी ज्यादा होने लगी है। स्मार्टफोन्स में लगातार हो रहे बदलाव कई बार फोन के लिए इतने हैवी हो जाते हैं कि इससे फोन की बैटरी पर असर पड़ता है। इससे फोन जल्दी डिस्चार्ज भी हो जाते हैं। ऐसे में …

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भारत में अगले 10 साल तक भी नहीं बनाया जा सकता है स्मार्टफोन प्रोसेसर, पढ़ें कारण

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता है। फोन की परफॉर्मेंस इसके प्रोसेसर पर निर्भर करती है। फोन का प्रोसेसर जितना दमदार होगा परफॉर्मेंस उतनी ही अच्छी होगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फोन प्रोसेसर को भारत में नहीं बनाया जा सकता है? इस पोस्ट में हम आपको प्रोसेसर भारत में क्यों नहीं बनाया जा सकता है इसका कारण और प्रोसेसर क्या होता है ये बताने जा रहे हैं। भारत में क्यों नहीं बन सकता है फोन प्रोसेसर? आपको बता दें कि प्रोसेसर बनाने के लिए एक खास तरह की अंडरग्राउंड लैब की जरुरत होती है। इस लैब में धूल और रेत का एक भी कण मौजूद नहीं होना चाहिए। साथ ही प्रोसेसर बनाने के लिए खास तरह की सुविधाओं की जरुरत भी पड़ती है। यह सुविधाएं नेटवर्किंग क्षेत्र में फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन खबरों की मानें तो आने वाले कुछ वर्षों में प्रोसेसर बनाने का सेटअप भारत में लगाया जा सकता है। एक बग के कारण 90 करोड़ क्वालकॉम एंड्रायड यूजर्स की सुरक्षा को खतरा, आसानी से हैक हो सकती हैं डिटेल्स यह भी पढ़ें टेक एक्सपर्ट विभा सचदेवा के मुताबिक, "भारत में प्रोसेसर न बनने की मुख्य वजह ज्यादा लागत है। प्रोसेसर बनाने के लिए जिस सेटअप की जरुरत पड़ती है उसकी लागत बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में आने वाले 10 वर्षों में भी भारत में प्रोसेसर नहीं बनाए जा सकते हैं।" क्या है प्रोसेसर का काम? अगले वर्ष अपना मोबाइल प्रोसेसर लाएगी Xiaomi! यह भी पढ़ें किसी भी स्मार्टफोन का प्रोसेसर उसकी परफॉर्मेंस के लिए जिम्मेदार होता है। आपका फोन का प्रोसेसर जितना बेहतर होगा उसकी परफॉर्मेंस भी उतनी अच्छी होगी। प्रोसेसर फोन के दिमाग की तरह कहा जा सकता है जो सभी गतिविधियों को नियंत्रित करता है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है, एक चिप होती है जिसकी परफॉर्मेंस हट्र्ज, किलोहट्र्ज, मेगाहट्र्ज और गीगाहट्र्ज के आधार पर मापी जाती है। अगर प्रोसेसर का चिपसेट बढ़िया है तो आपके फोन की परफॉर्मेंस भी जानदार रहेगी। इसी आधार पर यह निर्णय लिया जाना चाहिए की आपके फोन का प्रोसेसर अच्छा है या नहीं। चिप के आलावा कोर भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

स्मार्टफोन खरीदते समय यूजर्स फोन के हर फीचर को बारिकी से परखते हैं। फोन में कैमरा क्वालिटी कैसी है, फोन में बैटरी कैपिसिटी कैसी है ये सब अच्छे से जांचने के बाद ही यूजर फोन लेते हैं। कैमरा और बैटरी के अलावा प्रोसेसर भी फोन का एक अहम कारक होता …

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पंजाब में अवैध निर्माण पर वोट की सियासत, सिद्धू के हल्‍ला बोल से गर्माया मुद्दा

पंजाब में अवैध निर्माणों पर वोट की सियासत हो रही है और पहले भी होती रही है। लेकिन, अब स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम से यह बड़ा मुद्दा बन गया है। पूरे राज्‍य में कोई शहर एेसा नहीं है जो अवैध निर्माण से अछूता हो। राज्‍य के जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला व बठिंडा नगर निगमों की सीमा के अंदर एक लाख से ज्यादा अवैध निर्माण किए गए हैं। आधिकारिक तौर पर निकाय विभाग के पास अवैध निर्माण से संबंधित उपलब्ध जानकारी में निगमों से जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसमें अवैध निर्माण की संख्या आठ हजार के करीब है। हकीकत इसके विपरीत है। पांच महानगरों में हैं एक लाख से ज्यादा अवैध निर्माण अवैध निर्माण व उनके लिए जिम्मेवार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू अपनी ही पार्टी के विधायकों के निशाने पर आ गए हैं। महानगरों का नक्शा बिगाड़ने में अवैध निर्माण व अवैध कॉलोनियां जितनी जिम्मेदार हैं, उससे ज्यादा जिम्मेदार अधिकारियों, विधायकों व स्थानीय नेताओं का आपसी गठजोड़ भी है। पंजाब के शहरों को मिलेगा मीठा पानी, तीन शहरों में नहरी जल की सप्लाई यह भी पढ़ें यह पहला मौका नहीं है, जब किसी मंत्री ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की हो, लेकिन हर सरकार के निकाय मंत्रियों का अभी तक का इतिहास यही कहता है कि हमेशा ही मंत्री को वोट व नोट के दबाव में अपना अभियान बीच में ही छोड़ना पड़ता है। इस बार सिद्धू के साथ क्या होगा, अभी कहना जल्दबाजी होगी। इतना तय है कि सिद्धू ने मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डाल दिया है। हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां और एक लाख 17 हजार से ज्यादा अवैध निर्माण ने महानगरों का नक्शा बिगाड़ कर रख दिया है। अवैध निर्माण पर हो रही है वोट की सियासत पंजाब सरकार चाहती है मोहाली में शुरू हो इन्फोसिस का कैंपस, नीलेकणी से मिले सिद्धू यह भी पढ़ें अभी तक केवल उन्हीं को अवैध निर्माण माना जा रहा है, जिनका नक्शा निगमों से पास नहीं करवाया गया है। हकीकत में 80 फीसदी से ज्यादा निर्माण अवैध हैं, क्योंकि नक्शे के हिसाब से मौके पर निर्माण करवाया ही नहीं गया है। उसे नगर निगम प्रशासन नजर अंदाज करके चल रहा है। खेमों में बंटी कांग्रेस अवैध कॉलोनियां व अवैध निर्माण रोजाना लाखों लोगों के लिए परेशानी का सबब भी बन रहे हैं। इसके बाद भी वोट व नोट की राजनीति इस बार भी हावी पड़ती नजर आ रही है। फिलहाल तो मामले को लेकर कांग्रेस सीधे तौर पर दो खेमों में बंटी नजर आ रही है। मामले का विरोध कर रहे कांग्रेसियों ने फिलहाल सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह व नवजोत सिद्धू के बीच चल रहे शीत युद्ध की आड़ में मुद्दे को दबाने की कवायद शुरू कर दी है। अभी तक सिद्धू के निशाने पर अवैध कमर्शियल निर्माण ही चल रहे हैं। इसके बाद बाकी का नंबर लगेगा। यह तय है कि अगर सिद्धू कारवाई से पीछे नहीं हटे तो दर्जनों निगम अफसरों का नपना व सरकार के खजाने का भरना तय है। शहरों का नक्शा बिगड़ा जालंधर, अमृतसर, पटियाला, लुधियाना व बठिंडा में बीते 20 सालों में हजारों की संख्या में बनी अवैध कॉलोनियों ने शहरों का नक्शा बिगाड़ कर रख दिया है। शहरों के इस अनियोजित विकास ने पेयजल की सप्लाई से लेकर सीवरेज, स्ट्रीट लाइट व सड़कों का बुरा हाल कर रखा है। चूंकि विधायक व मंत्री के कोटे से आने वाली धनराशि का इस्तेमाल लंबे समय से उक्त कॉलोनियों को सुविधाएं देने में खर्च हो रहा है। इसलिए नेता इसे अपने वोट बैंक के रूप में देखते हैं। कुछ जगहों पर नोट बैंक भी काम आ जाता है। नतीजतन जो धनराशि सरकारी खजाने में जानी चाहिए, वह अफसरों व चंद नेताओं की जेब में जा रही है। सेटेलाइट मैपिंग से सामने आएगी हकीकत सिद्धू ने हाल ही में महानगरों की सेटेलाइट मैपिंग के प्रोजेक्ट को क्लीनचिट दी है। प्रोजेक्ट पर अगले माह से काम शुरू होना है। तीन साल में महानगरों के एक-एक निर्माण के बारे में सारी जानकारी निकाय विभाग के पास होगी। कितने अवैध निर्माण हैं और कितने मंजूरशुदा, इसकी सारी जानकारी सेटेलाइट मैपिंग के बाद सामने आएगी। अभी तक इस बारे में निकाय विभाग के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। सब कमेटी ने बैठक में दे दी थी क्लीनचिट अवैध निर्माण को रेगुलर करने को मंत्रिमंडल की सब कमेटी की बैठक में अवैध निर्माण को तय फीस लेकर नियमित करने का फैसला किया गया था। सिद्धू भी कमेटी में हैं। बीते कुछ वर्षो में सैकड़ों ऐसे अवैध निर्माण हो गए हैं, जिनका नक्शा पास नहीं है। तय फीस लेकर उन्हें नियमित करने के फैसले की आड़ में बाकी के सभी प्रकार के अवैध निर्माण को लेकर कांग्रेसी ही सिद्धू पर दबाव बनाने पर जुटे हैं कि कार्रवाई न की जाए। ------- सिद्धू बोले- पिक्‍चर अभी बाकि है, लोगों के हित के लिए हो रही कार्रवाई अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के कारण अपनी ही पार्टी कांग्रेस के नेताओं और विधायकों के निशाने पर अाए नवजाेत सिंह सिद्धू इस हमले से अविचलित हैं। सिद्धू का कहना है कि यह शुरूआत हुई है, पिक्चर तो अभी बाकी है। यह कार्रवाई लाेगों के हित के लिए हो रही है। एक बातचीत में सिद्धू ने कहा, अवैध निर्माण से पूरी कॉलोनी या मोहल्ले का नक्शा खराब हो जाता है। अवैध निर्माण एक नहीं कई समस्याओं को पैदा करता है, जिससे वहां रहने वाले लोग रोजाना परेशान होते हैं। यातायात समस्या, नालियों को जाम करने, रास्ताें को जाम करने, सड़क या गली के साथ-साथ शहर की नियोजित प्लानिंग को सीधी चुनौती देने वाले अवैध निर्माण हटाने से सरकार को नहीं बल्कि लोगों को ही फायदा है। सिद्धू ने कहा, मैंने पहले ही निगम अफसरों को चेतावनी दी थी कि ऑनलाइन नक्शे पास करने की सुविधा दी जा रही है। किसी को नक्शे पास करवाने के लि किसी अधिकारी को पैसे देने की जरूरत नहीं है। लोग ऑनलाइन नक्शे का आवेदन करें और उसे पास करवा कर निर्माण करवाएं। अफसरों को पहले ही कहा गया था मौके का दौरा करके देखा जाए कि किस इलाके में कितने अवैध निर्माण हैं। अवैध निर्माणों के लिए अफसर सीधे दोषी होंगे और उन पर कार्रवाई की जाएगी।

पंजाब में अवैध निर्माणों पर वोट की सियासत हो रही है और पहले भी होती रही है। लेकिन, अब स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अवैध निर्माण के खिलाफ मुहिम से यह बड़ा मुद्दा बन गया है। पूरे राज्‍य में कोई शहर एेसा नहीं है जो अवैध निर्माण से …

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ग्वालियर में गत्ता फैक्टरी में भीषण आग, एयरफोर्स और बीएसएफ ने संभाला मोर्चा

ग्वालियर में एक गत्ता फेक्टरी में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में पास में एक कार कम्पनी का सर्विसिंग सेंटर भी आ गया जिससे आईं कई गाड़ियां जलकर खाक हो गई। आग इतनी भीषण है कि 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां लग चुकी है। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग के साथ पुलिस के अलावा एयरफोर्स और बीएसएफ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के विक्की फैक्टरी इलाके में एक गत्ता फैक्टरी में भीषण आग लग गई। आग तेजी से फैली और इस फैक्टरी के पास स्थित कार के सर्विस सेंटर को भी चपेट में ले लिया। चूंकि सर्विस सेंटर में सर्विसिंग के लिए आई कई गाड़ियां खुली हुई थी लिहाजा आग ने ऑइल और पेट्रोल, डीजल होने के कारण विकराल रुप ले लिया। देखते ही देखते एक के बाद एक कई गाड़ियां आग की चपेट में आगकर खाक हो गई। इधर आग की सूचना पर यहां पहुंची दमकल को सघन इलाका होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। तेजी से फैलती आग के कारण दमकल कर्मियों को भी खासी परेशानी हुई। जानकारी के मुताबिक 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां अब तक यहां आग बुझाने में उपयोग में आई हैं लेकिन आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया गया है। स्थिति को देखते हुए एयरफोर्स और बीएसएफ की टुकड़ी ने मोर्चा संभाला है। आग से लाखों की तबाही होने की आशंका है।

ग्वालियर में एक गत्ता फेक्टरी में भीषण आग लग गई। आग की चपेट में पास में एक कार कम्पनी का सर्विसिंग सेंटर भी आ गया जिससे आईं कई गाड़ियां जलकर खाक हो गई। आग इतनी भीषण है कि 25 से ज्यादा दमकल की गाड़ियां लग चुकी है। वहीं आग पर …

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बहुत दिनों बाद दिखे कपिल शर्मा, उन्हें इस हाल में देखकर चौंक जायेंगे आप, देखें तस्वीरें

बहरहाल, इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कपिल एयरपोर्ट पर अकेले नहीं थे, उनके साथ उनका एक ख़ास और नन्हा दोस्त भी था। जी, हां आप देख सकते हैं कपिल की गोद में एक प्यारा सा पपी भी है। कपिल इस नन्हें दोस्त के साथ बेहद खुश नज़र आ रहे हैं। पिछले दिनों एक समाचार एजेंसी को दिए गए अपने इंटरव्यू में कपिल शर्मा ने कहा था कि –‘उन्हें ख़ुद के लिए कुछ समय चाहिए ताकि वो ठीक हो सकें। वो काफ़ी समय से काम कर रहे हैं। बहुत सारी योजनायें हैं। कई सारे प्रोजेक्ट्स आने वाले हैं। वास्तविकता ये है कि मैंने बड़ी ही मेहनत से काम किया है। कुछ समय के बाद मैं फिर से लोगों का मनोरंजन करूंगा। इस समय मेरे बारे में जो भी कहा जा रहा है उसे छोड़ कर मैं सिर्फ अपने काम कर ध्यान देना चाहता हूं और मेरा काम ही मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा है।’ ज़ाहिर है कपिल को अहसास है कि कहां और क्या गड़बड़ हो रही है! वो इनसे उबरकर जल्द ही कमबैक करेंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। यह भी पढ़ें: मॉम-डैड, एक्स हस्बैंड अरबाज़ ख़ान और पूरी फैमिली संग घूमने निकलीं मलाइका अरोड़ा ख़ान, देखें तस्वीरें बता दें कि हाल ही में एक मीडियापर्सन से कपिल की गाली गलौज की बातें भी सामने आई थीं जिसके बाद कपिल को लगातार सोशल मीडिया पर भी आलोचना का सामना करना पड़ा। इन सबके बीच कपिल जब एयरपोर्ट पर दिखे तो यह उनके फैंस के लिए राहत की बात है कि वो अब लौट आये हैं और उनके फैंस भी यही चाहेंगे कि कपिल शर्मा फिर से अपने पुराने रंग और तेवर में लौट आयें।

लंबे समय से कपिल शर्मा कहीं नज़र नहीं आ रहे थे। उन्होंने अपने सभी कामों से ब्रेक ले रखा था। यहां तक की सोशल मीडिया पर भी उनकी कोई ख़ास हलचल नहीं दिखाई दी। लेटेस्ट अपडेट यह है कि मंगलवार देर शाम कपिल शर्मा मुंबई एयरपोर्ट पर स्पॉट किये गए, …

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Box Office: अरे ! पांचवे दिन रेस 3 की कमाई इतनी कम कैसे हो गई

ox Office: अरे ! पांचवे दिन रेस 3 की कमाई इतनी कम कैसे हो गई

मुंबई। सलमान खान की फिल्म रेस 3 ने अपनी रिलीज़ के पांचवे दिन बॉक्स ऑफ़िस पर करीब 10 करोड़ रूपये का कलेक्शन जोड़ा है। फिल्म की कमाई में पहले वीकेंड के बाद पचास प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है। रेमो डिसूज़ा के …

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प्रियंका चोपड़ा की ये ‘अधूरी’ बातें अगले साल दुनिया के सामने

प्रियंका चोपड़ा ने पिछले दो साल के ‘जग जीतने’ जैसा काम किया है। अमेरिकी टेलीविजन शो से लेकर हॉलीवुड फिल्में और कई सारे इंटरनेशनल अवॉर्ड्स। फिर भी बेबाक बोलने वाली इस देसी गर्ल की कुछ बातें हैं जो अब तक दुनिया के सामने नहीं आई हैं। अगले साल वो कमी भी पूरी हो जाएगी जब आयेगी उनकी किताब। दरअसल, प्रियंका चोपड़ा ने अपने संस्मरण और वृत्तांत (मेमोर) को किताब के पन्नों में कैद किया है और वो किताब अगले साल रिलीज़ की जायेगी। इसका नाम ‘अनफिनिश्ड’ रखा गया है। एक नामी पब्लिकेशन हाउस की तरफ़ से पब्लिश होने वाली इस किताब में प्रियंका के लिखे निबंधों, कहानियों और कुछ ऐसे प्रसंग जिसे प्रियंका ने महसूस किया है, शामिल किया जाएगा। किताब अमेरिका, ब्रिटेन और इंडिया में एक साथ प्रकाशित होगी। ‘अनफिनिश्ड’, कुछ मज़ेदार किस्सों, बगावती तेवरों और बोल्ड स्टेटमेंट से भरी पड़ी होगी, जिसका दावा प्रियंका ने कर दिया है। देसी से विदेशी गर्ल हो चुकी प्रियंका के मुताबिक “यह सब मेरे मिज़ाज की तरह ही होगा। मैं बहुत ही प्राइवेट पर्सन हूं। अब तक मैंने अपने बारे में बहुत कुछ नहीं बोला था लेकिन अब मैं इसके लिए तैयार हूं। ऐसा मैं इसलिए कर रही हूं ताकि लोगों को और खासकर महिलाओं को मेरी कहानियों से प्रेरणा मिले”। अब प्रियंका ने खोला ये राज़, बॉलीवुड में झेलनी पड़ी हैं उन्हें ये मुश्किलें यह भी पढ़ें प्रियंका इसे महिलाओं का मेनिफेस्टो मानती हैं। ये ऐसी महिलाओं के लिए भी होगा जो इस बात में विश्वास करती हैं कि उन्हें वो सब कुछ नहीं मिला जिसकी वो अधिकारी थीं। हाल ही में प्रियंका चोपड़ा एक बड़े विवाद में फंस गई थीं जब उनके अमेरिकी टीवी शो क्वांटिको के तीसरे सीज़न में एक ऐसा सीन आया था जिसमें ये दिखाया गया कि भारतीय मूल के लोग बम प्लांट कर रहे हैं और ऐसा दिखा रहे हैं कि इसका इल्ज़ाम पाकिस्तान पर आ जाए और उसे बदनाम किया जाय। इस बात को लेकर बड़ा बवाल हुआ। प्रियंका चोपड़ा के अमेरिकी टीवी शो पर भड़के भारतीय दर्शक, ये है वजह यह भी पढ़ें बाद में प्रियंका चोपड़ा ने इस बात को लेकर माफ़ी भी मांगी। प्रियंका का ये शो अब ख़त्म हो चुका है। उनकी फिल्म बेवॉच, पिछले साल रिलीज़ हो चुकी है और दो फिल्में जल्द आने वाली हैं। दो साल से भारत से बाहर रह रहीं प्रियंका अब सलमान खान की फिल्म भारत से वापसी कर रही हैं। अली अब्बास ज़फर की इस फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरू होगी। इसके अलावा ये भी ख़बर है कि प्रियंका, अभिषेक बच्चन के साथ शोनाली बोस की फिल्म में भी काम कर सकती हैं। प्रियंका ने पहले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा में बायोपिक में काम करने का मन बनाया था। तब इस फिल्म में आमिर खान थे लेकिन जब उन्होंने फिल्म छोड़ी तो प्रियंका भी हट गईं।

प्रियंका चोपड़ा ने पिछले दो साल के ‘जग जीतने’ जैसा काम किया है। अमेरिकी टेलीविजन शो से लेकर हॉलीवुड फिल्में और कई सारे इंटरनेशनल अवॉर्ड्स। फिर भी बेबाक बोलने वाली इस देसी गर्ल की कुछ बातें हैं जो अब तक दुनिया के सामने नहीं आई हैं। अगले साल वो कमी …

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कई स्तरों पर खामियों के चलते हुआ देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

कई स्तरों पर खामियों के चलते हुआ देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला, पीएनबी की आंतरिक रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बिलियन डॉलर (लगभग 13,000 करोड़ रुपये) के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले को लेकर आंतरिक जांच में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। जांच रिपोर्ट के मुताबिक बैंक के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक जोखिम नियंत्रण और निगरानी तंत्र से जुड़ी खामियों के कारण इस घोटाले को अंजाम देने वाले …

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प्रोफेशनल्स की फीस नहीं मानी जाती है सैलरी, जानिए इन्हें भरना होता है कौन सा ITR फॉर्म

वित्त वर्ष 2017-18 (आंकलन वर्ष 2018-19) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। ऐसे में आपके पास काफी कम समय बचा है। हाल ही में आयकर विभाग की ओर से आईटीआर के सातों फॉर्म जारी किए जा चुके हैं। अलग-अलग आय वर्ग और नौकरी के इतर अन्य तरीकों से आमदनी करने वाले लोगों के लिए एक निश्चित फॉर्म निर्धारित होता है। यानी आप इन सातों फॉर्म्स में से अपनी पात्रता के हिसाब से आईटीआर फॉर्म का चयन कर उसे भर सकते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको जानकारी दे रहे हैं कि प्रोफेशनल्स के लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना जरूरी होता है। प्रोफेशनल्स की फीस को नहीं माना जाता है सैलरी? प्रोफेशनल्स ऐसे लोग होते हैं जो कि अपनी सेवाएं दूसरों को मुहैया करवाते हैं। यानी से ऐसे व्यवसायी होते हैं जिन्हें आमदनी तो होती है लेकिन वो सैलरी नहीं मानी जाती है, क्योंकि तकनीकी भाषा में सैलरी का कॉन्सेप्ट ऐसे स्थान से संबंधित है जहां कर्मचारी और नियोक्ता एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। हमने इस संबंध में टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंट अंकित गुप्ता से बात की है। आईटीआर रिटर्न: कौन भर सकता है ITR-1 फॉर्म और कौन नहीं, जानिए यह भी पढ़ें उदाहरण से समझिए: अगर आपको 30,000 रुपये की फीस मिलनी है तो आपकी सेवा लेने वाला 10 फीसद टीडीएस काटकर ही आपको भुगतान करेगा। आयकर की धारा 194 J में इसका उल्लेख है। ऐसे लोग या तो ITR 3 भरेंगे या फिर ITR4। ITR 3 किसके लिए: जिन प्रोफेशनल्स को फीस के मद में मिलने वाला पैसा 50 लाख सालाना से ज्यादा हो और वो ऑडिट कराने के लिए अकाउंटेबल हों उन्हें यह फॉर्म भरना होता है। इनकम टैक्स रिटर्न भरना हुआ और भी आसान, सरकार ले आई है नया ITR फॉर्म यह भी पढ़ें ITR4 किसके लिए: वहीं ऑडिटिंग न कराने वाले प्रोफेशनल्स को आईटीआर 4 भरना होता है। किस सूरत में नहीं मिलेगा रिफंड? रिफंड बनने की सूरत में नियमत: आपको रिफंड मिल जाता है। लेकिन अगर आपका टैक्स अमाउंट टीडीएस से ज्यादा हुआ तो उस सूरत में आपको रिफंड नहीं मिलेगा।

वित्त वर्ष 2017-18 (आंकलन वर्ष 2018-19) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2018 निर्धारित है। ऐसे में आपके पास काफी कम समय बचा है। हाल ही में आयकर विभाग की ओर से आईटीआर के सातों फॉर्म जारी किए जा चुके हैं। अलग-अलग आय वर्ग …

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सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा चढ़कर हुआ बंद, बैंकिंग शेयर्स में हुई खरीदारी

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 260 अंक की तेजी के साथ 35,547.33 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी करीब 59 अंक की बढ़त के साथ 10,769 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ। सबसे ज्यादा खरीदारी रिलायंस और इंडसइंड बैंक के शेयर्स में हुई है। रिलायंस का काउंटर 2.40 फीसद की बढ़त के साथ 1019.50 रुपये पर और इंडसइंड बैंक 2.27 फीसद की बढ़त के साथ 1974 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स 0.51 फीसद और स्मॉलकैप 0.55 फीसद की बढ़त के साथ बंद हुआ है। बैंकिंग शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो एफएमसीजी, आईटी और पीएसयू बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर बंद हुआ है। सबसे ज्यादा खरीदारी बैंकिंग शेयर्स में हुई है। बैंक (1.11 फीसद), ऑटो (0.51 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (1.02 फीसद), मेटल (0.99 फीसद), फार्मा (0.40 फीसद) और रियल्टी (1.10 फीसद) की बढ़त हुई है। रिलायंस टॉप गेनर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 29 हरे निशान, 20 गिरावट के साथ और एक बिना किसी परिवर्तन के कारोबार कर बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा तेजी रिलायंस, इंडसइंड, टाटा स्टील, कोटक बैंक और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में हुई है। वहीं, यूपीएल, हिंदपेट्रो, आईओसी, ओएनजीसी और एचसीएल टेक के शेयर्स में हुई है। शुरुआती मिनटों में बुधवार को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ देखने को मिल रही है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 40 अंक चढ़कर 35,397.55 पर खुला जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी 14 अंक की बढ़त के साथ 10,734.65 पर खुला है। करीब 9.30 बजे सेंसेक्स 124 अंक चढ़कर 35411 पर और निफ्टी 38 अंक बढ़कर 10747 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। सबसे ज्यादा खरीदारी एक्सिस बैंक और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में है। एक्सिस बैंक का काउंटर 1.69 फीसद की बढ़त के साथ 525 के स्तर पर और वेदांता मिलिटेड 1.36 फीसद की बढ़त के साथ 227.10 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप में 0.36 फीसद और स्मॉलकैप में 0.57 फीसद की बढ़त देखने को मिल रही है। वैश्विक बाजार का हाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में मिले जुले संकेत देखने को मिल रहे हैं। जापान का निक्केई 0.37 फीसद की बढ़त, चीन का शांघाई 0.59 फीसद की गिरावट के साथ 2890 के स्तर पर, हैंगसैंग 0.42 फीसद की बढ़त के साथ 29587 के स्तर पर और तायवान का कोस्पी 1.14 फीसद की बढ़त के साथ 2366 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, बीते सत्र ट्रंर की ओर से चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के संकेत के बाद अमेरिकी बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर बंद हुए हैं। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 1.15 फीसद की गिरावट के साथ 24700 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.40 फीसद की गिरावट के साथ 2762 के स्तर पर और नैस्डैक 0.28 फीसद की कमजोरी के साथ 7725 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। रियल्टी शेयर्स में खरीदारी सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो पीएसयू बैंक को छोड़ सभी सूचकांक हरे निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी रियल्टी (1.23 फीसद) शेयर्स में देखने को मिल रही है। बैंक (0.31 फीसद), ऑटो (0.61 फीसद), फाइनेंशियल सर्विस (0.36 फीसद), एफएमसीजी (0.04 फीसद), आईटी (0.21 फीसद), मेटल (0.42 फीसद), फार्मा (0.89 फीसद), प्राइवेट बैंक (0.37 फीसद) और रियल्टी (1.23 फीसद) की बढ़त देखने को मिल रही है। सिप्ला टॉप गेनर निफ्टी में शुमार शेयर्स की बात करें तो 30 हरे निशान और 20 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी सिप्ला, वेदांता लिमिटेड, एक्सिस बैंक, एमएंडएम और ल्यूपिन के शेयर्स में हुई है। वहीं, यूपीएल, आईओसी, गेल, ओएनजीसी और बीपीसीएल के शेयर्स में गिरावट है।

बुधवार को भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स 260 अंक की तेजी के साथ 35,547.33 पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी करीब 59 अंक की बढ़त के साथ 10,769 के स्तर पर कारोबार कर बंद …

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