Tuesday , January 7 2025

Shivani Dinkar

Market Update: भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली हावी, सेंसेक्स 200 अंक तक टूटा

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स करीब 200 अंक तक टूट गया है वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी 70.80 अंक की गिरावट के साथ 10,728.75 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस दौरान सबसे ज्यादा बिकवाली बजाज ऑटो और वेदांता लिमिटेड के शेयर्स में है। बजाज ऑटो का काउंटर 1.80 फीसद की गिरावट के साथ 2849 के स्तर पर और वेदांता लिमिटेड 2.26 फीसद की कमजोरी के साथ 224.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती ट्रेड वार की आशंका के बीच मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार दबाव में काम कर रहा है। मंगलवार सुबह बीएसई सेंसेक्स सुबह 4.21 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 35,552.47 पर जबकि एनएसई का निफ्टी 10.4 अंकों की कमजोरी के साथ 10,789.45 पर खुला। सेंसेक्स में विप्रो, इंफोसिस, वेदांता और अडाणी पोर्ट्स के शेयरों में 1.5 से 2.5 फीसद तक की गिरावट आई है वहीं ओएनजीसी, यस बैंक, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल और टाटा मोटर्स के शेयरों में तेजी दर्ज की गई है। सेंसेक्स के बैंकिंग और ऑटो इंडेक्स में करीब 100 से अधिक अंकों की गिरावट आई है। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मिडकैप इंडेक्स 0.47 फीसद और स्मॉलकैप 0.49 फीसद की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है। क्यों फिसला बाजार? भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के मुख्य कारण बीते 6 दिनों में भारी संख्या में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से 6800 करोड़ रुपये की निकासी, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में कमजोरी और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ती ट्रेड वार की आशंका हैं। वैश्विक बाजार का हाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से नये टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से चीन के शेयर बाजार एक फीसद से ज्यादा टूट गए। इसी के चलते तमाम एशियाई बाजार में मिले जुले संकेत देखने को मिल रहे हैं। करीब 9 बजे जापान का निक्केई 0.87 फीसद की कमजोरी के साथ 22482 के स्तर पर, चीन का शांघाई 2.48 फीसद की कमजोरी के साथ 2946 के स्तर पर, हैंगसैंग 1.89 फीसद की कमजोरी के साथ 29735 के स्तर पर और तायवान का कोस्पी 0.67 फीसद की कमजोरी के साथ 2360 के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। वहीं, बीते सत्र में अमेरिकी शेयर बाजार भी मिले जुले संकेतों के साथ कारोबार कर बंद हुआ है। प्रमुख सूचकांक डाओ जोंस 0.41 फीसद की कमजोरी के साथ 24987 के स्तर पर, एसएंडपी500 0.21 फीसद की कमजोरी के साथ 2773 के स्तर पर और नैस्डैक 0.01 फीसद की बढ़त के साथ 7747 के स्तर पर कारोबार कर बंद हुआ है। मेटल शेयर्स में बिकवाली सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो फार्मा को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा बिकवाली मेटल शेयर्स (0.92 फीसद) में देखने को मिल रही है। बैंक (0.26 फीसद), ऑटो (0.46 फीसद)स फाइनेंशियल सर्विस (0.15 फीसद), एफएमसीजी (0.14 फीसद), आईटी (0.17 फीसद), पीएसयू बैंक (0.54 फीसद), प्राइवेट बैंक (0.39 फीसद) और रियल्टी (0.84 फीसद) की कमजोरी है। हिंद पेट्रो टॉप लूजर निफ्टी में शुमार दिग्गज शेयर्स की बात करें तो 11 हरे निशान और 39 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी ल्यूपिन, बजाज फाइनेंस, डॉ रेड्डी, टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के शेयर्स में है। वहीं, हिंदपेट्रो, बीपीसीएल, आईओसी, वेदांता लिमिटेड और आयशर मोटर्स के शेयर्स में गिरावट है।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट जारी है। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का इंडेक्स सेंसेक्स करीब 200 अंक तक टूट गया है वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का इंडेक्स निफ्टी 70.80 अंक की गिरावट के साथ 10,728.75 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस दौरान सबसे ज्यादा बिकवाली बजाज ऑटो …

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चीन के खिलाफ ट्रंप की चेतावनी से तेज हुई ट्रेड वॉर की आशंका, भारत के लिए ठीक नहीं संकेत

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की आशंका गहराती जा रही है। निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था वाली चीन के ऊपर अमेरिका की ओर से 200 अरब डॉलर के सामान पर 10 फीसद आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) लगाने की हालिया घोषणा दोनों देशों के बीच नए सिरे से ट्रेड वार का आगाज कर सकती है। अमेरिका ने फिलहाल चीनी सामानों पर इस टैक्स का ऐलान नहीं किया है बल्कि उसने व्यापार विशेषज्ञों से उन चीनी उत्पादों की पहचान सुनिश्चित करने को कहा है, जिन पर नए सिरे से इंपोर्ट ड्यूटी को लगाया जा सकता है। इससे पहले अमेरिकी प्रशासन 50 अरब डॉलर के चीनी सामान पर 25 फीसद इंपोर्ट ड्यूटी का ऐलान कर चुका है, जिसके जवाब में चीन ने भी अपने बाजार में बिकने वाले 50 अरब डॉलर के अमेरिकी उत्पादों पर समान टैक्स लगाए जाने की घोषणा की है। ट्रंप ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर चीनी इंपोर्ट ड्यूटी में दोबारा बढ़ोतरी करेगा तो अमेरिकी 200 अरब डॉलर के चीनी सामान पर अतिरिक्त टैक्स लगाएगा। ट्रंप लगातार कहते रहे हैं कि चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध एक तरह के ही होने चाहिए। ट्रंप का हालिया फैसला भले ही चीन के संदर्भ में लिया गया हो, लेकिन इससे दुनिया समेत भारतीय अर्थव्यवस्था अछूती नहीं रहेगी। अमेरिकी सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का चीन के जवाबी फैसले से अमेरिका में महंगाई को भड़का सकता है और ऐसी स्थिति में मौद्रिक नीति के मोर्च पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का मौका मिलेगा। वैसे भी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हुए आने वाले दिनों में भी इसे और भी बढ़ाए जाने का संकेत दिया है। भारत के लिए ठीक नहीं होंगे हालात भारत के लिए यह स्थिति ठीक नहीं होगी। अमेरिकी बाजार में ब्याज दरों के बढ़ने की वजह से संस्थागत निवेशक बेहतर रिटर्न की आस में अपना निवेश भारतीय बाजार से निकालकर अमेरिका में लगाना शुरू करेंगे, जिससे यहां के शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ेगी और नुकसान निवेशकों को उठाना पड़ेगा। भारतीय रिजर्व बैंक भी भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की राह में ट्रेड वॉर की आशंका को सबसे बड़ी चुनौती मान चुका है।

अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार की आशंका गहराती जा रही है। निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था वाली चीन के ऊपर अमेरिका की ओर से 200 अरब डॉलर के सामान पर 10 फीसद आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) लगाने की हालिया घोषणा दोनों देशों के बीच नए सिरे से ट्रेड वार का …

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ब्रेक्जिट मामला: ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन में पीएम थेरेसा मे को झटका

ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन से ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे को झटका लगा है। सांसदों ने 235 के मुकाबले 354 वोटों से उस प्लान को नामंजूर कर दिया, जिसके तहत सरकार को ब्रुसेल्स से बात करनी थी। ब्रिटेन को इयू से निकालने का वादा थेरेसा मे ने आम चुनाव में यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन को बाहर लाने के वायदे पर चुनाव लड़ा था। नतीजे अप्रत्याशित थे और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उनकी सरकार दूसरे दलों के रहमोकरम पर है। ब्रेक्जिट से बाहर आने के फैसले पर सरकार अडिग है और वह संसद से इस पर स्वीकृति लेकर अपने कदम आगे बढ़ाना चाहती है। सोमवार को सरकार ने अपना प्लान सदन में पेश किया, लेकिन उसे झटका लग गया। अब मे की ताकत का पता बुधवार को तब चलेगा जब इस आशय का प्रस्ताव निचले सदन में पेश किया जाएगा। ‘ब्रेक्‍जिट’ के फैसले को 60 से अधिक सांसदों का समर्थन यह भी पढ़ें अपने ही सांसदों का विरोध सरकार को आज तगड़ा झटका तब लगा जब अपनी ही पार्टी के सांसदों का विरोध सरकार को झेलना पड़ा। मे के मंत्रियों की तरफ से सारे घटकाक्रम पर खेद जताया गया। उनकी संसद से अपील थी कि सरकार को ब्रेक्जिट मामले में नियम तय करने का अधिकार मिले। हालांकि ऊपरी सदन ने सोमवार को संकेत दिया कि सांसद इस अहम मामले में सारे कायदे तय करने का अधिकार अपने पास रखना चाहते हैं। आज के घटनाक्रम से साफ है कि थेरेसा मे को आने वाले दिनों में और ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। आने वाले दिनों में ब्रेक्‍जिट से जुड़े कई प्रस्ताव अभी संसद में पेश होने हैं।

ब्रेक्जिट मामले में ब्रिटिश संसद के ऊपरी सदन से ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे को झटका लगा है। सांसदों ने 235 के मुकाबले 354 वोटों से उस प्लान को नामंजूर कर दिया, जिसके तहत सरकार को ब्रुसेल्स से बात करनी थी। ब्रिटेन को इयू से निकालने का वादा थेरेसा मे ने …

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जम्‍मू-कश्‍मीर में भाजपा ने पीडीपी से समर्थन लिया वापस, महबूबा मुफ्ती ने दिया इस्‍तीफा

जम्‍मू-कश्‍मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी का तीन साल पुराना गठबंधन आखिरकार टूट गया है। भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। भाजपा जम्‍मू-कश्‍मीर प्रभारी राम माधव ने इस बात की जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि हमने सबकी सहमति से आज यह निर्णय लिया है कि जम्मू-कश्मीर में भाजपा अपनी भागीदारी को वापस लेगी। 87 सीटों वाली जम्‍मू-कश्‍मीर विधानसभा में भाजपा के पास 25 सीट और पीडीपी के पास 28 सीटें हैं। महबूबा मुफ्ती ने अपना इस्‍तीफा राज्‍यपाल नरेंद्र नाथ वोहरा को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भाजपा द्वारा राज्य में सत्तासीन गठबंधन सरकार से अलग होने का एलान करने के बाद अपना इस्तीफा राज्यपाल एनएन वोहरा को सौंप दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता और सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेता नईम अख्तर ने महबूबा मुफ्ती द्वारा इस्तीफा दिए जाने की पुष्टि की है। इस बीच, उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने भी भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री महबूबा मुफती के मंत्रीमंडल में शामिल सभी मंत्रियों के इस्तीफों की पुष्टि करते हुए कहा कि अब हम गठबंधन से अलग हो चुके हैं। इसलिए मंत्रीमंडल और सरकार में बने रहने का कोई औचित्य नहीं हैं। हमनने अपने इस्तीफे मुख्यमंत्री को सौंप दिए हैं। महबूबा मुफ्ती की अलगाववादियों को नसीहत, केंद्र की वार्ता की पेशकश का उठाएं लाभ; बार-बार नहीं मिलेंगे मौके यह भी पढ़ें भाजपा के महासचिव और जम्मू-कश्मीर के प्रभारी राम माधव ने कहा, 'हम खंडित जनादेश में साथ आए थे। लेकिन मौजूदा समय के आकलन के बाद इस सरकार को चलाना मुश्किल हो गया था। महबूबा मुफ्ती हालात संभालने में नाकाम साबित हुईं। हम एक एजेंडे के तहत सरकार बनाई थी। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर सरकार की हर संभव मदद की। गृहमंत्री समय पर राज्य का दौरा करते रहे। सीमा पार से जो भी पाकिस्तान की सभी गतिविधियों को रोकने के लिये सरकार और सेना करती रही। लेकिन हालात सुधर नहीं रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हाल ही में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या कर दी गई। राज्य में बोलने और प्रेस की आजादी पर खतरा हो गया है। राज्य सरकार की किसी भी मदद के लिये केंद्र सरकार करती रही। लेकिन राज्य सरकार पूरी तरह से असफल रही। जम्मू और लद्दाख में विकास का काम भी नहीं हुआ। कई विभागों ने काम की दृष्टि से अच्छा काम नहीं किया। भाजपा के लिये जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन आज जो स्थिति है उस पर नियंत्रण करने के लिये हमने फैसला किया है कि हम शासन को राज्यपाल का शासन लाएं। आतंकी हमले के बीच कुपवाड़ा में राजनाथ सिंह, गुर्जर बकरवाल समुदाय के लोगों से मिले यह भी पढ़ें राम माधव ने कहा कि रमजान के महीने में हमने सीजफायर कर दिया था। हमें उम्मीद थी कि राज्य में इसका अच्छा असर दिखेगा। यह कोई हमारी मजबूरी नहीं थी। हमने अमन के लिए ये कदम उठाया था। लेकिन इसका असर ना तो आतंकवादियों पर पड़ा और ना हुर्रियत पर। केंद्र सरकार ने घाटी में हालात संभालने के लिये पूरी कोशिश की है। आतंकवाद के खिलाफ हमने व्यापक अभियान चलाया था, जिसका हमें फायदा भी हुआ। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद आतंकवाद के खिलाफ अभियान जारी रहेगा। घाटी में शांति स्थापित करना हमारा एजेंडा था और रहेगा। भाजपा नेता ने मुफ्ती सरकार पर जम्‍मू-कश्‍मीर में काम ना करने देने का आरोप लगाया। उन्‍होंने कहा कि पीडीपी ने विकास के कामों में अड़चन डालने का काम किया। कश्मीर में जो परिस्थिति है उसे ठीक करने के लिए, उसे काबू में करने के लिए राज्य में राज्यपाल का शासन लाया जाए। पीडीपी ने विकास के कामों में अड़चन डालने का काम किया जम्मू-कश्मीर में सीजफायर लागू करना हमारी मजबूरी नहीं थी। जम्मू कश्मीर विधानसभा में सीटों की स्थिति पीडीपी- 28 भाजपा- 25 नेशनल कॉन्फ्रेंस- 15 कांग्रेस- 12 अन्य- 07 कुल सीटें 87

जम्‍मू-कश्‍मीर में भारतीय जनता पार्टी और पीपुल्‍स डेमोक्रेटिक पार्टी का तीन साल पुराना गठबंधन आखिरकार टूट गया है। भाजपा ने महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। भाजपा जम्‍मू-कश्‍मीर प्रभारी राम माधव ने इस बात की जानकारी दी। उन्‍होंने बताया कि हमने सबकी सहमति से आज यह …

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पावरबैंक खरीदने से पहले जान लें ये 5 जरूरी बातें, नहीं पड़ेगा पछताना

स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ती संख्या के साथ ही आजकल पावरबैंक का भी इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। ज्यादार यूजर्स पावरबैंक का इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए करते हैं। खासतौर पर लगातार ट्रैवल करने वाले लोगों के लिए पावरबैंक काफी फायदेमंद होता है। पावरबैंक से वे केवल स्मार्टफोन ही चार्ज नहीं करते हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज करने के लिए भी होता है। लेकिन पावरबैंक खरीदते समय कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है, नहीं तो आप परेशानी में पड़ सकते हैं। कैपेसिटी का रखें ध्यान पावरबैंक खरीदने से पहले उसकी कैपेसिटी के बारे में जरूर जांच ले। आपके फोन में अगर 3,000 एमएएच की बैटरी दी गई है, तो आपको कम से कम 5,000 एमएएच या इससे ऊपर के कैपेसिटी का पावरबैंक खरीदना चाहिए। आमतौर पर 10,000 एमएएच या इससे ऊपर के पावरबैंक को खरीदना आपके लिए उपयुक्त होगा। स्मार्टफोन के लिए पावरबैंक खरीदने से पहले इन बातों पर दें खास ध्यान यह भी पढ़ें पोर्ट जांच लें पावरबैंक खरीदते समय यह भी जांच लें कि उसमें कितने पोर्ट दिए गए हैं। आमतौर पर पावरबैंक में एक यूएसबी पोर्ट दिया जाता है। लेकिन आजकल आ रहे ज्यादातर पावरबैंक में 2 पोर्ट दिए जाते हैं, इससे आप एक साथ दो डिवाइस चार्ज कर सकेंगे। चंद मिनटों में घर पर ही बनाएं वायरलैस चार्जर, कहीं से भी करें चार्ज यह भी पढ़ें ब्रैंड जरूर जांचे पावरबैंक बनाने वाली कई कंपनियां है मल्टीफंक्शनल पावरबैंक भी बनाती हैं। लेकिन सही ब्रैंड का पावरबैंक खरीदना आपके लिए फायदेमंद होगा। कुछ मुख्य ब्रैंड के पावरबैंक हैं जो हो सकता हो इतना किफायती न हो लेकिन काफी लंबे समय तक चल सकता है। बैटरी टाईप आमतौर पर पावरबैंक में लिथियम ऑयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पावरबैंक खरीदते समय बैटरी के बारे में जानकारी लेना फायदेमंद होगा। पोर्टेबिलिटी पावरबैंक को आसानी से कहीं ले जाया जा सके इसका ध्यान रखना भी जरूरी है। पावरबैंक खरीदते समय यह ध्यान रखना चाहिए की आप उसे कहीं भी ले जा सकें। इसलिए कई कंपनियां आजकल कम साईज के पोर्टेबल पावरबैंक बनाने पर ध्यान दे रही हैं।

स्मार्टफोन यूजर्स की बढ़ती संख्या के साथ ही आजकल पावरबैंक का भी इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। ज्यादार यूजर्स पावरबैंक का इस्तेमाल पावर बैकअप के लिए करते हैं। खासतौर पर लगातार ट्रैवल करने वाले लोगों के लिए पावरबैंक काफी फायदेमंद होता है। पावरबैंक से वे केवल स्मार्टफोन ही चार्ज नहीं …

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हॉनर 10 रिव्यू : AI-कैमरे फीचर वाला स्मार्टफोन कई मायनों में हो सकता है अच्छा विकल्प

हुवावे के सब ब्रैंड हॉनर ने हाल के दिनों में कुछ अच्छे स्मार्टफोन बाजार में उतारे हैं। हुवावे ने ग्राहकों के मुताबिक अपने स्मार्टफोन में बदलाव किया है। पिछले साल लॉन्च हुए हॉनर 7X और हॉनर व्यू-10 को भी यूजर्स ने काफी पसंद किया था। पिछले महीने लॉन्च हुए हॉनर पी20 लाइट और पी20 प्रो के बाद, कंपनी ने मिड रेंज के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर हॉनर 10 लॉन्च किया। इस स्मार्टफोन को 32,999 रुपये की प्राइस टैग के साथ भारतीय बाजार में उतारा गया है। आइए इस स्मार्टफोन के सभी खासियत के बारे में विस्तार से जानते हैं। हॉनर 10 का रिव्यू : डिजाइन सबसे पहले बात करते हैं इस स्मार्टफोन के डिजाइन की, इस स्मार्टफोन को कॉम्पैक्ट साइज और राउंट कार्नर डिजाइन के साथ उतारा गया है। डायमंड कट फिनिश और ग्लास ब्लैक कर्व्ड डिजाइन इस फोन को आकर्षक बनाता है। जिसकी वजह से यह एक प्रीमियम स्मार्टफोन की तरह दिखता है। इसमें हॉनर पी20 प्रो की तरह ही फ्रंट में नॉच फीचर दिया गया है। फोन दो वाइब्रेट कलर्स ब्लैक और फैंटम ब्लू ऑप्शन में उपलब्ध है। कम बजट वाले रेडमी 6A और हॉनर 7C में कौन बेहतर, पढ़ें कम्पैरिजन यह भी पढ़ें डिस्प्ले फोटोग्राफी का है शौक तो खरीदिए 4 कैमरों से लैस स्मार्टफोन, ये हैं ऑप्शन यह भी पढ़ें डिस्प्ले की साइज की बात करें तो इसमें 5.84 की फुल एचडी प्लस आईपीएस एलसीडी डिस्पले दी गई है। स्क्रीन का असपेक्ट रेशियो 19:9 दिया गया है। सबसे खास बात यह है कि, अगर आप इसके नॉच फीचर को पसंद नहीं करते हैं तो इसे डिसेबल कर सकते हैं। इसके बाद दोनों ही साइड में ब्लैक स्ट्रेप एक्टिवेट हो जाता है। सिक्योरिटी सिक्योरिटी फीचर की बात करें तो इसमें अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है। यह फीचर अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट में इस्तेमाल किया जाता है। अंडर डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर फोन के डिस्प्ले के निचले हिस्से में लगाया जाता है। फोन में क्वालकॉम तकनीक का सेंसर दिया गया है। जो हर कंडीशन में काम करता है। जब आपके उंगलियों पर तेल लगा हो या गीला हो तब भी यह फिंगरप्रिंट सेंसर काम करेगा। AI-कैमरा फीचर आजकल लॉन्च होने वाले तमाम स्मार्टफोन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस बनाया जा रहा है। इस स्मार्टफोन में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेस फीचर्स से लैस ड्यूल कैमरा दिया गया है। जिसमें 16 मेगापिक्सल का कलस सेंसर है, जबकि 20 मेगापिक्सल का मोनोक्रोमिक सेंसर दिया गया है। कैमरे से फोटो क्लिक करने पर यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपके आस-पास के वातावरण के अनुसार फोटो की क्वालिटी और ब्राइटनेस को एडजस्ट कर लेता है। इसके अलावा इसमें एचडीआर फीचर से लैस 24 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया गया है। जो लो-लाइट में भी अच्छी क्वालिटी की तस्वीर क्लिक कर सकता है। परफार्मेंस और बैटरी परफार्मेंस और बैटरी की बात करें तो, यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड ओरियो 8.1 और ईएमयूआई 8.1 यूजर इंटरफेस पर रन करता है। इसमें किरीन 970 ओक्टाकोर एसओसी प्रोसेसर दिया गया है। रैम की बात करें तो इस फोन में 6 जीबी रैम और 128 जीबी की इंटरनल स्टोरेज दी गई है। जिसकी वजह से यह फोन स्मूदली काम करता है। आप किसी भी एप्लिकेशन को स्मूदली रन कर सकते हैं और हैंग होने की संभावना कम होती है। गेमिंग परफार्मेंस की बात करें तो इसमें अच्छे गेमिंग का मजा लिया जा सकता है। फोन में 3,400 एमएएच की बैटरी दी गई है। फोन को फुल चार्ज करने में करीब दो घंटे का समय लगता है। एक बार फुल चार्ज करने पर यह फोन पूरे दिन काम करता है। फोन का स्क्रीन ऑन टाइम 4 घंटे का है।

हुवावे के सब ब्रैंड हॉनर ने हाल के दिनों में कुछ अच्छे स्मार्टफोन बाजार में उतारे हैं। हुवावे ने ग्राहकों के मुताबिक अपने स्मार्टफोन में बदलाव किया है। पिछले साल लॉन्च हुए हॉनर 7X और हॉनर व्यू-10 को भी यूजर्स ने काफी पसंद किया था। पिछले महीने लॉन्च हुए हॉनर …

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नेपाल के PM अाज से चीन दौरे पर, तिब्बत-काठमांडू रेलवे लाइन समझौते पर करेंगे हस्ताक्षर

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पांच दिनों की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों में ऊर्जा सहयोग और तिब्बत में केरुंग से राजधानी काठमांडू के बीच रेलवे लाइन निर्माण समझौता भी शामिल होगा। चीन दौरे पर जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से एक पूर्व प्रधानमंत्री ने बीजिंग के सामने भारत-नेपाल-चीन के बीच लिपु लेख का विवादित मुद्दा उठाने को कहा है। मंगलवार से शुरू होने जा रही पांच दिनों की चीन यात्रा से पहले प्रधानमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ बातचीत की। प्रधानमंत्री 19 से 24 जून तक चीन की यात्रा पर रहेंगे। भारत-चीन के साथ लगती नेपाली सीमा पर लिपु लेख अंतिम बिंदु है। इसे नेपाल और तिब्बत के बीच व्यापारियों और तीर्थयात्रियों के आवागमन का प्राचीन मार्ग माना जाता है। ओली ने पहली बार शनिवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों शेर बहादुर देउबा, पुष्प कमल दहल, माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खानल और बाबूराम भट्टराई से बातचीत की। न्याय शक्ति नेपाल पार्टी के समन्वयक भट्टराई ने प्रधानमंत्री के सामने 10 सूत्री सुझाव प्रस्तुत किया। मोदी-ओली ने रखी 900 मेगावाट के जलविद्युत संयंत्र की आधारशिला यह भी पढ़ें काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, भट्टराई ने ओली से लिपु लेख मुद्दा उठाने का आग्रह किया है। दोनों देशों के बीच इसे ट्रांजिट प्वाइंट के रूप में विकसित करने पर सहमति बन चुकी है। चीन के साथ सीमा पर और प्वाइंट खोलने, जमीन की अदला-बदली कर सीमा विवाद का निपटारा करने, बेल्ट एंड रोड पहल ढांचा और एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट बैंक के तहत वित्तीय मदद मांगने और सीमावर्ती कस्बे केरुंग से काठमांडू तक रेलवे निर्माण के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री से ग्रांट हासिल करने को भी कहा है। मुलाकात के दौरान पूर्व प्रधानमंत्रियों ने ओली से परियोजनाएं पेश करने और चीन से सहायता मांगने को कहा। इससे नेपाल को अपने ताकतवर पड़ोसी के त्वरित विकास का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने चीन के निवेशकों को आकर्षित करने का भी सुझाव दिया है। ओली ने उन्हें नेपाल-चीन संबंधों नई ऊंचाई तक ले जाने का भरोसा दिया।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पांच दिनों की चीन यात्रा के दौरान दोनों देश कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। इन समझौतों में ऊर्जा सहयोग और तिब्बत में केरुंग से राजधानी काठमांडू के बीच रेलवे लाइन निर्माण समझौता भी शामिल होगा। चीन दौरे पर जा रहे नेपाल के प्रधानमंत्री …

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भारत से ज्यादा परमाणु हथियार चीन और पाकिस्तान में, फिर भी भारत की धमक

पाकिस्तान और चीन में भारत के मुकाबले ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसके बावजूद विश्वसनीय तरीके से भारत की धमक बनी हुई है. भारत एक जिम्मेदार न्यूक्लियर पावर है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI ईयरबुक 2018) की रिपोर्ट 'न्यूक्लियर वार हेड्स नॉट डेल्हीज वार फाइटिंग वेपन बट टूल फॉर रिटैलियन' में भारत, पाकिस्तान और चीन के परमाणु हथियारों के बारे में कई दिचलस्प आंकड़े दिए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में परमाणु हथियार रखने वाले सभी देश नए परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास कर रहे हैं और अपने मौजूदा सिस्टम का आधुनिकीकरण कर रहे हैं. दूसरी तरफ, दुनिया भर में शांति अभियानों में लगे लोगों में कमी आ रही है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के पास 130 से 140, पाकिस्तान के पास 140 से 150 और चीन के पास 280 परमाणु हथियार हैं. रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 की शुरुआत तक भारत, पाकिस्तान, अमेरिका, रूस, यूके, फ्रांस, चीन, इजरायल और उत्तर कोरिया के पास करीब 14,465 परमाणु हथियार थे. हालांकि 2017 के शुरुआत की तुलना में यह संख्या कम है, क्योंकि तब इन देशों के पास कुल 14,935 परमाणु हथियार थे. इस गिरावट की वजह रूस और अमेरिका द्वारा अपने हथियारों में कटौती लाना था. गौरतलब है कि दुनिया के कुल परमाणु हथियारों का करीब 92 फीसदी हिस्सा इन दोनों देशों में ही है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार भंडार का विस्तार कर रहे हैं और नए जमीन, समु्द्र और वायु में मार करने वाले मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का विकास कर रहे हैं. चीन भी अपने परमाणु हथियार प्रणाली का विकास कर रहा है और धीरे-धीरे अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है. साल 2017 में उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार क्षमता के मामले में काफी बढ़ोतरी की है. दक्षिण कोरिया ने भी दो नए लॉन्ग रेंज बैलिस्टिक मिसाइल डिलिवरी सिस्टम का परीक्षण कर इस मामले में अभूतपूर्व प्रगति की है.'

पाकिस्तान और चीन में भारत के मुकाबले ज्यादा परमाणु हथियार हैं, इसके बावजूद विश्वसनीय तरीके से भारत की धमक बनी हुई है. भारत एक जिम्मेदार न्यूक्लियर पावर है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI ईयरबुक 2018) की रिपोर्ट ‘न्यूक्लियर वार हेड्स नॉट …

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अमेरिका: ट्रंप ने अंतरिक्ष में फौज उतारने के दिए आदेश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मुख्यालय पेंटागन को 'नया अमेरिकी स्पेस फोर्स' तैयार करने का आदेश दिया. अमेरिकी सेना की यह छठा ब्रांच होगा और अंतरिक्ष में अमेरिकी दबदबे को सुनिश्चित करेगा. ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने रक्षा विभाग और पेंटागन को सैन्य बलों की छठे ब्रांच के तौर पर स्पेस फोर्स तैयार करने की आवश्यक प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का निर्देश दिया है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास एयर फोर्स है, लेकिन हम अलग स्पेस फोर्स का गठन करने के लिए बढ़ रहे हैं.’’ ट्रंप ने कहा, ‘‘अमेरिका की रक्षा की बात आती है तो अंतरिक्ष में अमेरिकी मौजूदगी ही काफी नहीं है, अंतरिक्ष में हमारा दबदबा भी होना चाहिए.’’ स्पेस फोर्स या अंतरिक्ष बल की भूमिका के बारे में अभी विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रक्षा मुख्यालय पेंटागन को ‘नया अमेरिकी स्पेस फोर्स’ तैयार करने का आदेश दिया. अमेरिकी सेना की यह छठा ब्रांच होगा और अंतरिक्ष में अमेरिकी दबदबे को सुनिश्चित करेगा. ट्रंप ने कहा, ‘‘मैंने रक्षा विभाग और पेंटागन को सैन्य बलों की छठे ब्रांच के तौर पर स्पेस फोर्स तैयार …

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लंदन: पढ़ें, क्यों संसद के एक हिस्से को महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स से सजा दिया गया

ब्रिटेन में एक कानून लाया जा रहा है. कानून के तहत अगर किसी महिला के स्कर्ट के निचले हिस्स (अप-स्कर्ट) से बिना उसकी अनुमति के तस्वीर ली जाती है तो ऐसा करने वाले को दो साल की सज़ा दी जाएगी. इसी का विरोध कर रहे एक सांसद को खुद एक अनोखे विरोध का सामना करना पड़ा. बिल पर अड़ंगा लगाने का फैसले करने वाले सांसद से नाराज़ निचली सदन की कुछ कर्मचारियों ने अनूठा विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने सांसद के कार्यालय को महिलाओं के अंडरगार्मेंट्स से सजा दिया. कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद क्रिस्टोफर चोप की इसके लिए भारी आलोचना हो रही है. प्रधानमंत्री टेरिजा मे ने भी उनकी आलोचना की है. आपको बता दें कि जब चोप संसद पहुंचे तब उन्होंने पाया कि उनके संसदीय कार्यालय के दरवाजे पर कई अंडरगार्मेंट्स टंगे हुए थे. इस सप्ताह के अंत में चोप के निर्वाचन क्षेत्र के कार्यालय को भी निशाना बनाया गया जहां तीन-तीन जोड़ी पैंट टंगे हुए थे और संदेश लिखा था, ‘‘मेरी मर्जी के बिना कोई भी मेरी पैंट की तस्वीर ना ले.’’ चोप ने मीडिया से कहा कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने नये कानून का समर्थन किया है. लेकिन वो इसपर ‘पर्याप्त बहस’ चाहते हैं.

ब्रिटेन में एक कानून लाया जा रहा है. कानून के तहत अगर किसी महिला के स्कर्ट के निचले हिस्स (अप-स्कर्ट) से बिना उसकी अनुमति के तस्वीर ली जाती है तो ऐसा करने वाले को दो साल की सज़ा दी जाएगी. इसी का विरोध कर रहे एक सांसद को खुद एक …

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