दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को “रूहअफजा” को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी के मामले में झटका दिया है। कोर्ट ने रामदेव के वकील से कहा कि वे इस वीडियो को सोशल मीडिया से हटा देंगे। इसके साथ ही, कोर्ट ने रामदेव को एक हफ्ते के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
इस हलफनामे में रामदेव को यह स्पष्ट करना होगा कि वे भविष्य में हमदर्द के संबंध में कोई भी बयान, विज्ञापन या सोशल मीडिया पोस्ट जारी नहीं करेंगे। दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस अमित बंसल ने इस मामले पर अपनी नाराज़गी व्यक्त करते हुए कहा कि “इस बयान को सुनकर मुझे अपने कानों और आंखों पर यकीन नहीं हुआ।”
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बाबा रामदेव की टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर काफी विवाद उत्पन्न किया था। इस मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी, जहां कोर्ट रामदेव के हलफनामे की समीक्षा करेगा।
इस विवाद ने न केवल बाबा रामदेव की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे सार्वजनिक हस्तियों के बयानों का प्रभाव समाज पर पड़ता है। रामदेव के समर्थकों और विरोधियों के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस चल रही है।
बाबा रामदेव, जो आयुर्वेद और योग के प्रचारक हैं, ने अपने बयान के माध्यम से एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस मामले में आगे क्या कदम उठाते हैं।
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