“भारत-नेपाल सीमा से सटे बहराइच जिले के गांवों में आंकड़े जुटाने का काम एसएसबी ने गृह मंत्रालय के आदेश पर शुरू कर दिया है। सुरक्षा कारणों से 350 गांवों में यह प्रक्रिया चल रही है, जिसमें गांव की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ली जा रही है।”
बहराइच। भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ती सुरक्षा और देश विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए गृह मंत्रालय के आदेश पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने बहराइच जिले के नेपाल से सटे गांवों में आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह आंकड़े सुरक्षा, भौगोलिक स्थिति और अन्य जानकारी जुटाने के लिए जुटाए जा रहे हैं, जिनसे सीमा पर स्थिति की निगरानी और बेहतर तरीके से की जा सके।
जिला मुख्यालय को दो सप्ताह पहले गृह मंत्रालय से आदेश प्राप्त हुआ था, जिसके बाद एसएसबी की टीम ने पांच थाना क्षेत्रों – सुजौली, मोतीपुर, मुर्तिहा, नवाबगंज और रूपईडीहा के लगभग 350 गांवों में आंकड़े एकत्र करना शुरू कर दिया। इन गांवों में रहने वाले लोगों की जनसंख्या, मकानों की संख्या, धर्म, और गांव की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी ली जा रही है।
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एसएसबी के अधिकारियों ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो प्रतिवर्ष की जाती है। इन आंकड़ों को बाद में गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा ताकि सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
एसएसबी के जवानों ने उर्रा, मधवापुर, अमृतपुर, हरखापुर, और लाल बोझा समेत नौ गांवों में जाकर जानकारी जुटाई। एसएसबी के सहायक निरीक्षक प्रेम चंद ने बताया कि गांवों के आंकड़ों में जनसंख्या, मतदाता, समुदाय का प्रतिशत, मकानों की संख्या, मंदिर और मस्जिदों की जानकारी ली जा रही है।
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