“अमेरिका ने 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत की संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। इसमें भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर, इंदिरा गांधी सेंटर और अन्य संस्थान शामिल हैं।”
वाशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका ने 1998 में हुए पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत की कई प्रमुख संस्थाओं पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है। इस कदम से भारत की परमाणु ऊर्जा और अनुसंधान से जुड़ी संस्थाओं को अंतरराष्ट्रीय सहयोग में बढ़ावा मिलेगा।
किन संस्थाओं से हटेगा प्रतिबंध?
अमेरिकी प्रतिबंधों की सूची में शामिल संस्थाओं में:
- भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC)
- इंदिरा गांधी सेंटर फॉर एटॉमिक रिसर्च (IGCAR)
- इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL)
- न्यूक्लियर रिएक्टर्स और अन्य विभाग
पोखरण टेस्ट और प्रतिबंध
1998 में भारत के पोखरण में दूसरे परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने भारत पर कई आर्थिक और तकनीकी प्रतिबंध लगाए थे। इन प्रतिबंधों के कारण भारतीय संस्थानों को कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोगों से वंचित होना पड़ा था।
बैन हटने से संभावित लाभ
वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा:
प्रतिबंध हटने से भारत के परमाणु अनुसंधान और ऊर्जा विकास में तेजी आएगी।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
इन संस्थाओं को अब अमेरिका और अन्य देशों के साथ नई साझेदारियों का लाभ मिलेगा।
तकनीकी प्रगति:
प्रतिबंध हटने के बाद आधुनिक तकनीक तक भारत की पहुंच आसान होगी।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत-अमेरिका के बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों का संकेत है। यह न केवल भारत के लिए लाभदायक है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रभाव को भी मजबूत करेगा।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल
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