“दिवाली पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में बांके बिहारी का राजा की तरह श्रृंगार, भक्तों के बीच चौसर खेल का आयोजन। जानें कैसे भगवान राधा बल्लभ लाल चांदी की हटरी में विराजित होकर भक्तों के साथ हार–जीत का आनंद लेते हैं।“
मथुरा । दिवाली पर मथुरा के बांके बिहारी मंदिर का माहौल भक्तों के लिए विशेष होता है। भगवान बांके बिहारी का श्रृंगार राजा की तरह किया जाता है, और भक्तों के लिए एक अनोखा दृश्य प्रस्तुत होता है। दिवाली के इस मौके पर, बांके बिहारी के सामने चौसर बिछाई जाती है। पुजारी भगवान के जीत-हार का प्रतीक पासे फेंकते हैं, और यह धार्मिक खेल घंटों चलता रहता है।
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भगवान राधा बल्लभ लाल, चांदी की हटरी में विराजित होते हैं, और उनके इस भव्य स्वरूप के दर्शन को लेकर भक्तों में विशेष उत्साह रहता है। मथुरा की इस परंपरा में भक्त भगवान के साथ हार-जीत का खेल खेलते हैं और इसे अद्भुत धार्मिक अनुष्ठान मानते हैं। दिवाली पर मथुरा का यह आयोजन धार्मिकता और सांस्कृतिक महत्त्व का प्रतीक है, जो भगवान और भक्तों के बीच के विशेष संबंध को दर्शाता है।
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल