“मथुरा में भाई दूज(Bhai Dooj) 2024: हजारों श्रद्धालुओं ने यमुना में स्नान कर भाई की लंबी उम्र की कामना की। यमराज और यमुना देवी की पूजा कर तिलक और आशीर्वाद लिया। जानिए भाई दूज के पौराणिक महत्व और यमराज-यमुना कथा।”
मथुरा । आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जा रहा है, जिसमें भाई-बहन के अटूट रिश्ते को सम्मानित किया जाता है। इस पवित्र अवसर पर, उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित विश्राम घाट पर हजारों श्रद्धालु यमुना नदी में स्नान करने के लिए एकत्रित हुए। बहनों ने अपने भाइयों के लिए यमराज और यमुना देवी की पूजा की और उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।
यमुना स्नान और यमराज-यमुना मंदिर में पूजा का महत्व
मान्यता है कि भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करने और यमराज की पूजा करने से असमय मृत्यु का भय दूर होता है और भाई-बहन के संबंध में सौहार्द और सौभाग्य बना रहता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमुना देवी के बीच स्नेह का यह पर्व प्रतीक है।
कथाओं में वर्णित है कि एक बार यमुना देवी ने अपने भाई यमराज से आग्रह किया था कि वे उनके घर आएं और उनके आतिथ्य का आनंद लें। यमराज ने उस दिन यमुना के घर भोजन ग्रहण किया और प्रसन्न होकर वरदान दिया कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर भोजन करेगा, उसे लंबी आयु और सौभाग्य का वर मिलेगा। तभी से भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों के लिए पूजा-अर्चना करती हैं, और इस परंपरा का पालन आज भी अनवरत जारी है।
विश्राम घाट पर यमुना स्नान और तिलक का आयोजन
मथुरा के विश्राम घाट पर सुबह से ही भाई-बहनों का तांता लगा रहा। बहनों ने अपने भाइयों को साथ लेकर यमुना में स्नान किया, जो कि यम फांस (अकाल मृत्यु) से मुक्ति की प्रतीकात्मक मान्यता रखता है। स्नान के बाद, बहनों ने भाइयों को आसन पर बिठाकर उनके माथे पर तिलक किया, उनका आशीर्वाद लिया, और उनके लिए दीर्घायु की कामना की।
स्नान के बाद, श्रद्धालु यमराज-यमुना मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से दीप जलाकर पूजा की। बहनों ने यमराज और यमुना से अपने भाइयों के दीर्घ, स्वस्थ और सुखद जीवन की प्रार्थना की। विश्राम घाट के पंडों ने विधि विधान से पूजा संपन्न कराई, जिससे श्रद्धालुओं का विश्वास और दृढ़ हुआ।
भाई दूज पर यमुना स्नान की विशेष महत्ता
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से भाई और बहन दोनों को सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि इस पवित्र स्नान से भाइयों को चिरंजीवी होने का वरदान मिलता है, ठीक वैसे ही जैसे पौराणिक काल के आठ चिरंजीवी माने गए हैं – हनुमान, परशुराम, विभीषण, कृपाचार्य, अश्वत्थामा, बलि, व्यास, और मार्कण्डेय।
जो लोग मथुरा नहीं आ पाते, वे घर पर ही यमुना जल या गंगाजल के साथ स्नान कर सकते हैं, जिससे उन्हें यमुना स्नान का पुण्य प्राप्त होता है। इस अवसर पर पूरे भारत से श्रद्धालु मथुरा आते हैं, जिससे यहां का माहौल पूरी तरह से धार्मिक उत्साह और श्रद्धा से भर जाता है।
भाई दूज का आध्यात्मिक संदेश और भाई-बहन के रिश्ते का स्नेह
यह पर्व भाई और बहन के रिश्ते में प्रेम और स्नेह का अद्वितीय प्रतीक है। भाई दूज के दिन बहनें भाइयों की लंबी आयु और समृद्ध जीवन की कामना करती हैं, जबकि भाई अपनी बहनों को सुरक्षा और स्नेह का आशीर्वाद देते हैं।
विश्ववार्ता परिवार की तरफ से आप सभी को “भाई दूज” की हार्दिक शुभकामनाएँ”
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रिपोर्ट – मनोज शुक्ल