रायबरेली। सेवानिवृत्त फ़ौजी और पुलिस के बीच हुए विवाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की एंट्री हुई है। उन्होंने इस पर ट्वीट करके प्रदेश सरकार पर सवाल उठाये हैं।
जिसके बाद से जिले में राजनीतिक विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। पहले भी इस मुद्दे को लेकर कई सामाजिक संगठन पुलिस को कटघरे में खड़े कर चुके हैं।
सपा अध्यक्ष ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है कि सेना में मेडल पाए एक फ़ौजी के साथ उप्र में जैसा हिंसक व्यवहार किया गया है वो घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है।
अखिलेश ने लिखा है, मुख्यमंत्री जी कम-से-कम फ़ौजियों के सम्मान में तो न्याय करें। देखना है पूरा थाना सस्पेंड होता है या फिर उस पर बुलडोज़र चलाया जाता है।
उधर भूतपूर्व सैनिकों के संगठन ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पीड़ित सैनिक को न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। बच्चों के बीच हुआ मामूली झगड़ा इतना बढ़ जाएगा ये किसी ने सोचा नहीं था।
उल्लेखनीय हैं कि गुरुवार की शाम डलमऊ कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला चाहत सिंह अपने दोस्तों के साथ पटाखे खरीदने बाजार गया था, वहीं पर उसका शनि सोनकर और उसके साथियों से विवाद हो गया। पुलिस दोनों पक्षों को घुरवारा चौकी ले आयी थी। मारपीट की सूचना पर दोनों पक्षों के परिजन भी चौकी पहुंच गए। चाहत सिंह को ज्यादा चोट लगी थी और उसे मेडिकल के लिए पुलिस नहीं ले जा रही थी।
इस बात को लेकर चाहत सिंह के पिता रिटायर्ड फौजी इंदल सिंह की चौकी प्रभारी हिमांशु मलिक से बहस हो गई। आरोप है कि उसके बाद हिमांशु मलिक और अन्य पुलिस कर्मियों ने इंदल सिंह का बयान लेने के बहाने उसे एक कमरे में बंद करके बुरी तरह मारा पीटा।
पुलिस ने एक तो रिटायर्ड फौजी को मारा पीटा उसे यातनाएं दी और उल्टा उन्हीं पर मुकदमा दर्ज कर दिया। डलमऊ पुलिस ने इंदल सिंह सहित उनके परिवार के छह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। उसके अलावा दूसरे पक्ष शनि सोनकर पर भी मकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है।
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने कहा कि दो लोगों की आपस में मारपीट की सूचना पर पहुंची पुलिस दोनों लोगों को चौकी पर ले गई। वहीं रिटायर्ड फौजी इंदल सिंह भी अपने साथियों के साथ पहुंचे और पुलिस से मारपीट करने लगे जिस पर पुलिस ने सभी छह लोगों को गिरफ्तार कर संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया है।