“असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 7 दिसंबर को दोपहर 12 बजे कैबिनेट विस्तार की घोषणा की। नई जिम्मेदारियों और संभावित बदलावों पर नजर।“
गुवाहाटी।असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को घोषणा की कि राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार 7 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होगा। यह विस्तार राज्य में नई रणनीतियों और विकास योजनाओं को लागू करने के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा, “असम कैबिनेट का विस्तार 7 दिसंबर को दोपहर 12 बजे होगा। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट का पुनर्गठन किया जाएगा।” यह कदम राज्य की प्रगति और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है, “…असम में हमने निर्णय लिया है कि किसी भी रेस्तरां या होटल में बीफ परोसा नहीं जाएगा और इसे किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम या सार्वजनिक स्थान पर भी नहीं परोसा जाएगा।
आज से हमने पूरी तरह से यह फैसला किया है कि होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों पर बीफ के उपभोग को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा। पहले हमारा निर्णय था कि मंदिरों के पास बीफ खाने पर रोक लगाई जाए, लेकिन अब हमने इसे पूरे राज्य में विस्तारित कर दिया है। अब आप इसे किसी भी सामुदायिक स्थान, सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में नहीं खा सकेंगे।”
मुख्यमंत्री के इस निर्णय को राज्य में सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
संभावित बदलाव और नए चेहरे:
कैबिनेट विस्तार के साथ कुछ नए चेहरों को शामिल किए जाने की संभावना है। यह विस्तार भाजपा के असम में दीर्घकालिक विकास और राजनीतिक मजबूती के एजेंडे का हिस्सा है।
कैबिनेट विस्तार क्यों जरूरी?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विस्तार पार्टी के चुनावी वादों को पूरा करने और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक योजनाओं को तेज़ी से लागू करने के लिए किया जा रहा है। साथ ही, इससे राज्य में संतुलित क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होगा।
राजनीतिक परिदृश्य पर असर:
असम के राजनीतिक परिदृश्य में यह विस्तार नई ऊर्जा भर सकता है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कोर ग्रुप की बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया है।
शपथ ग्रहण समारोह:
शपथ ग्रहण समारोह गुवाहाटी में होगा, जहां राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे।
राजनीतिक महत्व:
यह विस्तार भाजपा की राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो 2024 के आम चुनाव और 2026 के असम विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल