Tuesday , May 13 2025

विदेश

दक्षिण कोरिया: पूर्व PM और खुफिया एजेंसी के संस्थापक किम का निधन

दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री और खुफिया एजेंसी के संस्थापक किम जोंग-पिल का निधन हो गया. वो 92 साल के थे. वो दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे हैं. अस्पताल के अधिकारी ली मी-जोंग ने बताया कि सोल के ‘सोनचूयांग यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल’ लाने पर पिल को मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री वृद्धावस्था से जुड़ी स्वास्थ समस्याओं से ग्रसित थे. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पिल साल 1961 में हुए तख्तापलट का अभिन्न हिस्सा थे, जिससे मेजर जनरल पार्क चुंग-ही सत्ता में आए थे. पार्क के सत्ता में आने के बाद ही किम जोंग-पिल ने ‘कोरियन सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी’ का गठन किया था. View image on Twitter View image on Twitter ANI ✔ @ANI Former South Korean Prime Minister Kim Jong-pil has died at age 92: The Associated Press (file pic) 6:47 AM - Jun 23, 2018 36 See ANI's other Tweets Twitter Ads info and privacy आपको बता दें कि किम खुफिया एजेंसी का इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने में किया करते थे.

दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री और खुफिया एजेंसी के संस्थापक किम जोंग-पिल का निधन हो गया. वो 92 साल के थे. वो दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे हैं. अस्पताल के अधिकारी ली मी-जोंग ने बताया कि सोल के ‘सोनचूयांग यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल’ लाने पर पिल को मृत घोषित कर दिया गया. उन्होंने …

Read More »

PAK में आतंकियों का ऑफिस: हाफिज सईद ने चुनावी दफ्तर का किया उद्घाटन

मुंबई में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भले ही दुनिया के लिए खूंखार आतंकी हो, लेकिन पाकिस्तान में उसके रसूख में कोई कमी नहीं है और आतंकी गतिविधियों की बदौलत अपनी छवि का फायदा वह वहां हो रहे आम चुनाव में उठाने की फिराक में है. पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं और चुनाव में वहां की राजनीतिक पार्टियां हिस्सा तो ले रही हैं तो वहीं हाफीज सईद जैसा कुख्यात आतंकी भी चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी कर संसद में अपनी पहुंच बनाने की फिराक में है. सईद का बेटा हाफिज तल्हा सईद और दामाद हाफिद खालिद वालीद चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 265 उम्मीदवारों को समर्थन हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के समर्थन से कई 265 उम्मीदवार चुनावी ताल ठोक रहे हैं, जिसमें उसका बेटा और दामाद भी शामिल है. यह तब है जब अमेरिका ने उसकी आतंकी गतिविधियों के कारण उसे पकड़ने के लिए 10 मिलियन डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. लेकिन इन सबसे बेफिकर हाफिज सईद चुनावी गतिविधियों में शामिल है. उसने अपने प्रशंसकों के साथ इस्लामाबाद में संसदीय क्षेत्र एनए 53 (नेशनल असेंबली 53) में जमात उद दावा (जेयूडी) समर्थित उम्मीदवार के चुनावी दफ्तर का उद्घाटन किया. इस दौरान हाफिज के साथ अब्दुल रहमान मक्की भी साथ था जो जेयूडी में सेकेंड कमांड है और खुद एक खूंखार आतंकी भी है. https://smedia2.intoday.in/aajtak/images/062018/hafiz-saeed-11_062218050056.jpg साथ ही इस कुख्यात आतंकी का बेट तल्हा सईद एन 91 सरगोधा सीट से चुनाव लड़ रहा है और अब पिता-पुत्र दोनों का बकायदा एक साथ चुनावी पोस्टर भी वहां की सड़कों पर दिखाई दे रहा है. हाफिज अपने बेटे तल्हा के लिए चुनाव प्रचार कर रहा है. चुनावी पोस्टर में हाफिज सईद अपने बेटे के साथ 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमलों में हाफिज सईद को मास्टर माइंड माना जाता है और उसने मिली मुस्लिम लीग (एमएमएल) पार्टी के जरिए पाकिस्तान की राजनीति में घुसने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय की आपत्ति के बाद उसका रजिस्ट्रेशन करने से मना कर दिया. गृहनगर से बेटा मैदान में हाफिज सईद के आतंकी संगठन जेयूडी के समर्थन में कुल 265 उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें 80 नेशनल असेंबली और 185 प्रांतीय असेंबली के उम्मीदवार शामिल हैं. इन उम्मीदवारों में उसका बेटा और दामाद भी शामिल हैं जिसका नामांकन चुनाव अधिकारी ने स्वीकार कर लिया है. आतंकी का बेटा तल्हा लाहौर से 200 किलोमीटर दूर सरगोधा के एन 91 सीट से चुनाव लड़ रहा है, जबकि दामाद खालिद वालिद लाहौर में एन 133 सीट से अपनी किस्मत आजमा रहा है. सरगोधा हाफिज सईद का गृह नगर है.

मुंबई में आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद भले ही दुनिया के लिए खूंखार आतंकी हो, लेकिन पाकिस्तान में उसके रसूख में कोई कमी नहीं है और आतंकी गतिविधियों की बदौलत अपनी छवि का फायदा वह वहां हो रहे आम चुनाव में उठाने की फिराक में है. पाकिस्तान में 25 जुलाई …

Read More »

ट्रंप को अब भी नहीं किम पर ऐतबार, उत्तर कोरिया पर 1 साल और जारी रहेगा प्रतिबंध

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग की मुलाकात के बाद भी दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नजर नहीं आ रहे हैं. ट्रंप अभी भी किम जोंग पर ऐतबार नहीं कर पा रहे हैं, शायद यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया के खिलाफ राष्ट्रीय आपात (नेशनल इमरजेंसी) की अवधि एक साल के लिए और बढ़ा दी है. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उत्तर कोरिया अब भी अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए 'असामान्य और असाधारण' खतरा पेश करता है. ट्रंप की यह टिप्पणी तब आई है जब एक पखवाड़े से भी कम समय पहले उन्होंने सिंगापुर में किम जोंग उन के साथ ऐतिहासिक शिखर वार्ता की जिसमें उत्तर कोरियाई नेता परमाणु निरस्त्रीरकण के लिए राजी हुए. ट्रंप ने कहा कि जब तक परमाणु निरस्त्रीकरण पूरा नहीं होता तब तक वह अधिकतम दबाव बनाने का अभियान जारी रखेंगे और उत्तर कोरिया के खिलाफ कोई भी प्रतिबंध नहीं हटाएंगे. हालांकि, शिखर वार्ता से लौटने बाद ट्रंप ने वार्ता सफल रहने का दावा करते हुए ट्वीट किया था, 'उत्तर कोरिया से परमाणु संबंधी अब कोई खतरा नहीं है. आज रात आराम से सोए.' अब शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि क्यों प्रशासन उत्तर कोरिया पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लागू रखेगा. बता दें कि यह प्रतिबंध सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने लगाए थे. ट्रंप ने कहा, 'कोरियाई प्रायद्वीप में हथियारों का प्रसार-प्रयोग, विस्फोटक सामग्री के मौजूद होने तथा उसके खतरे और उत्तर कोरियाई सरकार की नीति के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर अब भी असामान्य एवं असाधारण खतरा बना हुआ है.' उन्होंने कहा कि मैं उत्तर कोरिया के संबंध में एक वर्ष तक प्रतिबंध जारी रख रहा हूं.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग की मुलाकात के बाद भी दोनों देशों के बीच हालात सामान्य नजर नहीं आ रहे हैं. ट्रंप अभी भी किम जोंग पर ऐतबार नहीं कर पा रहे हैं, शायद यही वजह है कि डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया …

Read More »

पाक में हाफिज सईद के बेटे-दामाद का नामांकन पर्चा मंजूर

पाकिस्तान के चुनाव अधिकारियों ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे और दामाद समेत उसके 265 उम्मीदवारों के नामांकन-पत्र मंजूर कर लिए हैं। सईद ने 25 जुलाई को होने वाले संसदीय और प्रांतीय चुनाव में अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सईद की सियासी पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के पंजीकरण को चुनाव आयोग ने मंजूरी नहीं दी थी। एएटी चुनाव आयोग में पहले से पंजीकृत है। जमात-उद-दावा प्रमुख और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक सईद खुद चुनाव नहीं लड़ रहा है। अमेरिका ने उसे वैश्विक आंतकी घोषित करने के अलावा उस पर एक करोड़ डॉलर (करीब 68 करोड़ रुपए) का इनाम घोषित कर रखा है। प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर ने ही वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले को अंजाम दिया था। एमएमएल ने गुरुवार को कहा कि सईद के बेटे हाफिज तल्हा और दामाद हाफिज खालिद वहीद समेत 265 उम्मीदवारों के नामांकन पर्चे रिटर्निंग अफसरों ने स्वीकार कर लिए हैं। इन उम्मीदवारों में से 80 ने पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली और 185 ने प्रांतीय विधानसभाओं के लिए नामांकन किया है। सईद का बेटा लाहौर से 200 किमी दूर नेशनल असेंबली की सरगोधा सीट से चुनाव लड़ रहा है। जबकि वहीद लाहौर की एनए-133 सीट से चुनाव मैदान में है। सरगोधा सईद का गृहक्षेत्र है। जमात-उद-दावा के अन्य नेता कारी मुहम्मद शेख याकूब ने लाहौर की एनए-125 सीट से पर्चा भरा है। अमेरिका ने कारी को भी आतंकी सूची में शामिल कर रखा है।

पाकिस्तान के चुनाव अधिकारियों ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बेटे और दामाद समेत उसके 265 उम्मीदवारों के नामांकन-पत्र मंजूर कर लिए हैं। सईद ने 25 जुलाई को होने वाले संसदीय और प्रांतीय चुनाव में अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सईद की …

Read More »

चीन और नेपाल के बीच 14 और समझौते, रेल और सड़क नेटवर्क बनाने पर रहेगा फोकस

चीन और नेपाल ने गुरुवार को 14 और समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें नेपाल में रेलवे नेटवर्क तैयार करने का समझौता प्रमुख है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं। उन्होंने बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति शी ने उन्हें नेपाल के विकास में पूरे सहयोग का भरोसा दिया था। दोनों देशों के बीच हुए समझौतों के बारे में चीनी मीडिया ने विस्तृत जानकारी नहीं दी है। लेकिन नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट ने बताया है कि दोनों देशों के बीच दस समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं और चार एमओयू पर दस्तखत हुए हैं। दोनों देशों ने ऊर्जा सहयोग पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही नेपाल अपने हित के लिए तिब्बत के राजमार्गों का इस्तेमाल कर सकेगा। दोनों देशों के बीच आर्थिक और तकनीक सहयोग के अतिरिक्त मानव संसाधन विकास के लिए भी समझौता हुआ है। दोनों देशों के बीच बुधवार को 2.4 अरब डॉलर (16,276 करोड़ रुपये) के आठ समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे। इनमें कई समझौते बुनियादी सुविधाओं के विकास के हैं। इन समझौतों में महत्वपूर्ण बात यह है कि तिब्बत और नेपाल को रेलमार्ग से जोड़ा जाएगा। इससे नेपाल के व्यापार को काफी बढ़ावा मिलने की संभावना है। राष्ट्रपति शी ने प्रधानमंत्री ओली के साथ वार्ता में तिब्बत को काठमांडू से जोड़ने का आश्वासन दिया है। इन समझौतों के जरिये चीन नेपाल को बड़े रेलवे और रोड नेटवर्क से संपन्न बनाएगा। राष्ट्रपति शी ने बुधवार को नेपाल को वन बेल्ट-वन रोड परियोजना का हिस्सा बनाने की घोषणा की थी।

चीन और नेपाल ने गुरुवार को 14 और समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें नेपाल में रेलवे नेटवर्क तैयार करने का समझौता प्रमुख है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं। उन्होंने बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति शी …

Read More »

लंदन के चैरिंग स्टेशन पर बम की सूचना के बाद खाली करवाया स्टेशन

सेंट्रल लंदन के चैरिंग स्टेशन पर शुक्रवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक शख्स रेलवे ट्रेक पर आ गया और अपने पास बम होने का दावा किया। उसकी बाद सुनकर लोग डर गए और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने तत्काल पूरा स्टेशन खाली करवाकर यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस शख्स को गिरफ्तार कर लिया है और कहा है कि जल्द स्टेशन को खोल दिया जाएगा। ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार चैरिंग क्रॉस स्टेशन पर अपने पास बम होने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब हम जल्द से जल्द स्टेशन को फिर खोलने की कोशिश में लगे हैं।

सेंट्रल लंदन के चैरिंग स्टेशन पर शुक्रवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब एक शख्स रेलवे ट्रेक पर आ गया और अपने पास बम होने का दावा किया। उसकी बाद सुनकर लोग डर गए और भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। सूचना के बाद पहुंची पुलिस ने तत्काल पूरा …

Read More »

उरुग्‍वे के बाद गांजा को वैध बनाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना कनाडा

मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्‍तेमाल की अनुमति है। प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्‍य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्‍ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया। मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्‍ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्‍ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्‍यवस्‍था कायम करने की अनुमति है। राष्‍ट्रीय ढांचे के तहत व्‍यस्‍कों को 30 ग्राम मारिजुआना लेने की अनुमति होगी। 31 मार्च कनाडा के लिए ऐतिहाासिक, सालों पुराना NRU देश की भलाई के लिए हमेशा के लिए बंद यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो सरकार ने उम्‍मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्‍होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्‍टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्‍वे दुनिया का पहला देश था। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्‍चों के लिए मारिजुआना का इस्‍तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है। कनाडा में घट रहे हैं रोजगार के अवसर, 9 साल में सबसे ज्यादा गिरावट यह भी पढ़ें बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।

मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया …

Read More »

टेनिस सुपरस्‍टार बोरिस बेकर को राजनयिक मानने से किया इंकार

मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य (सीएआर) ने बोरिस बेकर को अपना आधिकारिक राजनयिक मानने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि पूर्व टेनिस स्‍टार का पासपोर्ट फर्जी है। एएफपी द्वारा देखे गए पासपोर्ट की कॉपी 19 मार्च 2018 में जारी की गयी है लेकिन इसपर देश के विदेश मंत्री चार्ल्‍स आर्मल डौबेन द्वारा न तो हस्‍ताक्षर किया गया है और न ही इसपर कोई मुहर है। बता दें कि बोरिस बेकर 1985 में 17 साल की उम्र में पुरुष विम्बलडन चैम्पियन बनने वाले युवा खिलाड़ी बने थे। विदेश मंत्री चार्ल्‍स आर्मल डौबेन ने आगे कहा कि बेकर के राजनयिक स्‍टेटस से उनका कभी सामना नहीं हुआ। उन्‍होंने कहा, ‘बोरिस सीएआर के आधिकारिक राजनयिक नहीं हैं। राजनयिक के तौर पर नियुक्‍ति के लिए इसपर न केवल राष्‍ट्रपति के नॉमिनेशन की बल्‍कि विदेश मंत्री के तौर पर मेरे हस्‍ताक्षर की भी जरूरत होती है। राष्‍ट्रपति ने बोरिस बेकर के लिए किसी एेसे कागजात पर मुझे हस्‍ताक्षर करने को नहीं कहा।' रूसी राजदूत ने चेताया, शीत युद्ध के मुहाने पर दुनिया यह भी पढ़ें उन्‍होंने आगे कहा कि सीएआर राजनयिक होने के लिए जिन चीजों की जरूरत है क्‍या वह बोरिस बेकर के पास है और दूसरी बात कि बोरिस बेकर के पास ऐसे कागजात हैं जो उनके राजनयिक होने का सबूत दे। यदि है तो उन्‍हें वो कागजात दिखाना चाहिए। बोरिस बेकर की नियुक्‍ति के सर्टिफिकेट पर केवल इयू एंबेस्‍डर का हस्‍ताक्षर है। विदेश मंत्रालय के प्रमुख चेरुबिन मोलोगबामा का कहना है कि पासपोर्ट पर मौजूद सीरियल नंबर उन पासपोर्टों से मेल खाता है जो 2014 में चोरी हो गयी थी। शुक्रवार को तीन बार विंबलंडन चैंपियन रहे बोरिस के वकीलों ने लंदन में हाइकोर्ट को बताया कि उन्‍हें अप्रैल में सीएआर के आधिकारिक राजनयिक के तौर पर नियुक्‍त किया गया था। बता दें कि पिछले साल के जून माह में बोरिस को दिवालिया घोषित कर दिया गया था। इन्‍हें निजी बैंकरों की एक फ़र्म को बड़ी रकम चुकानी थी।

मध्‍य अफ्रीकी गणराज्‍य (सीएआर) ने बोरिस बेकर को अपना आधिकारिक राजनयिक मानने से इंकार कर दिया है। इनका कहना है कि पूर्व टेनिस स्‍टार का पासपोर्ट फर्जी है। एएफपी द्वारा देखे गए पासपोर्ट की कॉपी 19 मार्च 2018 में जारी की गयी है लेकिन इसपर देश के विदेश मंत्री चार्ल्‍स …

Read More »

मात्र 25 फीसद भारतीय ही करते हैं इंटरनेट का उपयोग

डिजिटल इंडिया को लेकर जोर आजमाइश के बावजूद 2017 में देश में केवल एक चौथाई लोगों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है। अध्ययन के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे कम इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में से एक है। 37 देशों की सूची में दक्षिण कोरिया पहले स्थान पर है। दक्षिण कोरिया में 96 फीसद वयस्कों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। दुनिया में ज्यादातर देश इंटरनेट का प्रयोग करते हैं, जबकि उप सहारा अफ्रीका व भारत के पास भी ऊंची दर हासिल करने के लिए बहुत कुछ है। भारत में वयस्कों के पास स्मार्टफोन रखने की दर 2013 में 12 फीसद थी जो 2017 में बढ़कर 22 फीसद हो गई, जबकि इस अवधि के दौरान सोशल मीडिया का प्रयोग आठ से बढ़कर 20 फीसद तक पहुंच गया। इसका मतलब, भारत में 78 फीसद वयस्कों के पास स्मार्टफोन नहीं है और देश की अधिकांश 80 फीसद आबादी को फेसबुक और ट्विटर की कोई जानकारी नहीं है। फेसबुक ने जताई चिंता, लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन सकता इंटरनेट यह भी पढ़ें इंटरनेट की पहुंच दर इंटरनेट उपयोग या फिर स्मार्टफोन रखने वाले लोगों द्वारा मापी जाती है। यह उत्तरी अमेरिका और यूरोप के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ एशिया-प्रशांत के कुछ हिस्सों में भी अधिक रहती है। वहीं ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, स्वीडन, कनाडा, अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और स्पेन में लगभग नौ से 10 फीसद लोग ही इंटरनेट का उपयोग करते हैं। क्षेत्रीय रूप से उप-सहारा अफ्रीका दुनिया के सबसे कम इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के मामले में से एक है।

डिजिटल इंडिया को लेकर जोर आजमाइश के बावजूद 2017 में देश में केवल एक चौथाई लोगों ने इंटरनेट का प्रयोग किया। प्यू रिसर्च सेंटर के एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है। अध्ययन के मुताबिक, भारत दुनिया में सबसे कम इंटरनेट उपयोग करने वाले देशों में से …

Read More »

ट्रंप ने किया शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर, अब बॉर्डर पर परिवार से अलग नहीं होंगे बच्चे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर इमिग्रेंट परिवारों को अलग करने की कार्रवाई पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की तस्वीरें सामने आने के बाद से दुनियाभर में ट्रंप के फैसले के प्रति रोष देखने को मिल रहा था. चौतरफा आलोचना झेल रहे ट्रंप ने इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव करते हुए इस शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. देश में अवैध रूप से घुसने वालों को नहीं बख्शा जाएगा अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को उनके बच्चों से अलग कर दिया जा रहा था. पिछले कुछ हफ्तों में ऐसे 2,500 बच्चों को उनके मां-बाप से जुदा किया गया. शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में कहा, “हम परिवारों को साथ रखेंगे और इससे समस्या सुलझ जाएगी. साथ ही हम सीमा पर सख्ती बनाए रखेंगे और इसे कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति बरकरार रहेगी. हम उन लोगों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे जो देश में अवैध रूप से प्रवेश करते हैं. ” मुकदमा पूरा होने तक साथ रहेगा पूरा परिवार इस शासकीय आदेश में गृह सुरक्षा विभाग से परिवारों को तब तक साथ रखने को कहा गया है जब तक कि उन पर अवैध रूप से सीमा पार करने के मामले में मुकदमा पूरा न हो जाए. लेकिन उन मामलों को इस शासकीय आदेश से अलग रखा गया है जहां परिवार वाले बच्चों के हित के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. ट्रंप ने कहा कि यह शासकीय आदेश परिवारों को साथ रखने के साथ ही एक मजबूत और शक्तिशाली सीमा सुनिश्चित करने के संबंध में है. सीमा पर सख्ती बरकरार रहेगी उन्होंने कहा, “सीमा पर सुरक्षा भले ही पहले के मुकाबले बढ़ाई न गई हो लेकिन पहले जितनी रहेगी. हम सीमा पर सख्ती बरकरार रखेंगे लेकिन हम परिवारों को साथ रखने वाले हैं.” ट्रंप ने कहा कि उन्हें परिवारों को अलग होते हुए देखना अच्छा नहीं लगता. 'यह एक ऐसी समस्या है जो कई सालों से चली आ रही है, कई प्रशासनों के कार्यकाल से. हम इमिग्रेशन पर बहुत मेहनत कर रहे हैं. यह मामला ठंडे बस्ते में रहा है. लोगों को इसका सामना नहीं करना पड़ा लेकिन हम इसका सामना कर रहे हैं.' विपक्षी ट्रंप से नहीं हैं संतुष्ट हालांकि, ट्रंप के विपक्षी इस शासकीय आदेश से संतुष्ट नहीं हैं और उन्होंने कहा है कि यह पर्याप्त नहीं है. डेमोक्रेटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने कहा, “राष्ट्रपति का शासकीय आदेश बाल उत्पीड़न के एक रूप को दूसरे से बदलने का काम करेगा. भयभीत बच्चों को संरक्षण देने के बजाए राष्ट्रपति ने अपने अटॉर्नी जनरल को निर्देश दिए कि वो परिवारों को जेल जैसी स्थितियों में लंबे समय तक कैद रखने के लिए रास्ता तलाशे.’’ ट्रंप पर एंटी इमिग्रेशन एजेंडा आगे बढ़ाने का आरोप नैन्सी ने कहा कि राष्ट्रपति के एंटी इमिग्रेशन एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए आतंकित बच्चों का 'फायदा उठाना' हमारे राष्ट्र के लिए बेहद अनैतिक है. शीर्ष डेमोक्रेटिक नेता जो क्रोअली ने कहा कि यह आदेश बच्चों को उनके परिजन से अलग करने पर रोक लगाता है लेकिन यह प्रशासन की उस घृणित नीति को नहीं खत्म करता जिसमें शरण मांगने वालों और हिंसा के कारण यहां आने वाले लोगों को बिना कारण के हिरासत में ले लिया जाता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर इमिग्रेंट परिवारों को अलग करने की कार्रवाई पर रोक लगाने वाले एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए. अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासी परिवारों के बच्चों को बाड़े में रखने की तस्वीरें सामने आने के बाद से दुनियाभर में …

Read More »
E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com