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मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्‍तेमाल की अनुमति है। प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्‍य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्‍ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया। मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्‍ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्‍ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्‍यवस्‍था कायम करने की अनुमति है। राष्‍ट्रीय ढांचे के तहत व्‍यस्‍कों को 30 ग्राम मारिजुआना लेने की अनुमति होगी। 31 मार्च कनाडा के लिए ऐतिहाासिक, सालों पुराना NRU देश की भलाई के लिए हमेशा के लिए बंद यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो सरकार ने उम्‍मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्‍होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्‍टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्‍वे दुनिया का पहला देश था। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्‍चों के लिए मारिजुआना का इस्‍तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है। कनाडा में घट रहे हैं रोजगार के अवसर, 9 साल में सबसे ज्यादा गिरावट यह भी पढ़ें बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।

उरुग्‍वे के बाद गांजा को वैध बनाने वाला दुनिया का दूसरा देश बना कनाडा

मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्‍तेमाल की अनुमति है।मारिजुआना को वैध बनाने वाले जी-7 राष्‍ट्र के बाद कनाडा दुनिया का दूसरा देश है। दिसंबर 2013 में सबसे पहला देश उरुग्‍वे ने मारिजुआना के उत्‍पादन, बिक्री और खपत को वैध किया था। अब कनाडा में मारिजुआना को वैध बनाने वाला विधेयक पारित किया गया है। पड़ोसी अमेरिका के कोलंबिया में मारिजुआना के इस्‍तेमाल की अनुमति है।  प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्‍य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्‍ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया।     मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्‍ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्‍ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्‍यवस्‍था कायम करने की अनुमति है। राष्‍ट्रीय ढांचे के तहत व्‍यस्‍कों को 30 ग्राम मारिजुआना लेने की अनुमति होगी।   31 मार्च कनाडा के लिए ऐतिहाासिक, सालों पुराना NRU देश की भलाई के लिए हमेशा के लिए बंद यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो सरकार ने उम्‍मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्‍होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्‍टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्‍वे दुनिया का पहला देश था।  प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्‍चों के लिए मारिजुआना का इस्‍तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है।     कनाडा में घट रहे हैं रोजगार के अवसर, 9 साल में सबसे ज्यादा गिरावट यह भी पढ़ें बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।

प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो के द्वारा एक कैंपेन का आयोजन हुआ जिसमें कम उम्र के यूजर्स से मारिजुआना को दूर रखने और अपराध को कम करने का लक्ष्‍य रखा गया। इस कैंपेन के बाद विधेयक सी-45 जिसे कैनाबिस एक्‍ट के तौर पर भी जाना जाता है, को बनाया गया। 

मारिजुआना पॉलिसी प्रोजेक्‍ट के अनुसार, कनाडा के संविधान में कैनाबिस एक्‍ट के तहत देश के सभी प्रांतों को मारिजुआना बिजनेस को नियमित बना लाइसेंस देने की अपनी व्‍यवस्‍था कायम करने की अनुमति है। राष्‍ट्रीय ढांचे के तहत व्‍यस्‍कों को 30 ग्राम मारिजुआना लेने की अनुमति होगी।

प्रधानमंत्री जस्‍टिन ट्रूडो सरकार ने उम्‍मीद जतायी की इसे 1 जुलाई तक वैध कर दिया जाएगा लेकिन बुधवार को उन्‍होंने कहा कि पूरे देश में इसे 17 अक्‍टूबर तक वैध किया जाएगा। इससे पहले मारिजुआना को वैध बनाने वाला उरुग्‍वे दुनिया का पहला देश था।  प्रधानमंत्री ट्रूडो ने विधेयक पारित किए जाने पर ट्वीट कर कहा, ‘बच्‍चों के लिए मारिजुआना का इस्‍तेमाल काफी आसान रहा है और अपराधियों ने भी इसका फायदा अब तक काफी उठाया है। आज हम इसे बदल रहे हैं। मारिजुआना को रेगुलेट और वैध बनाने की हमारी योजना संसद में पारित हुई है।

बता दें कि भारत में भी शशि थरूर ने मारिजुआना को कानूनी रूप से वैध करने का सुझाव रखा है। इस तरह की मांग इससे पहले योग शिक्षक रामदेव भी कर चुके हैं। दुनिया भर में ऐसे बुद्धिजीवी, प्रोफेसर, सेलेब्रिटी और तमाम लोग हैं जो, मारिजुआना, वीड या गांजे को अवैध ड्रग्स के दायरे से बाहर निकालना चाहते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 60 प्रतिशत लोग गांजे को वैध करने के पक्ष में हैं।

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