कानपुर। उत्तर प्रदेश में मानसून की वापसी के बावजूद बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, तीन मौसमी गतिविधियों के कारण राज्य में बारिश के दौर जारी रहने की संभावना है। चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष मानसून की विदाई में देरी हो रही है।
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मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी
डॉ. पाण्डेय ने कहा कि कानपुर मंडल से मानसून पूरी तरह से लौट चुका है, लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में अभी भी इसकी मौजूदगी है। इससे किसानों के लिए धान की कटाई और रवी की फसल बोने में मुश्किलें आ रही हैं।
मौसमी गतिविधियों का प्रभाव
मौसमी गतिविधियों में निम्न दबाव, पश्चिमी विक्षोभ, और अरब सागर में सक्रिय एंटी साइक्लोन शामिल हैं। इन सभी के चलते उत्तर प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
किसान चिंता में
किसानों को चिंता है कि यदि बारिश का यह दौर जारी रहा, तो उनकी धान की फसल की कटाई प्रभावित होगी, जिससे उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। किसान रवी की फसल बोने के लिए भी तत्पर हैं, लेकिन मौजूदा मौसम स्थितियों के कारण उन्हें असुविधा हो रही है।
वर्तमान मौसम की स्थिति
कानपुर में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश का स्तर 6.8 मिमी रहा है, और अगले पांच दिनों में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है।
फसल कटाई में हो रही देरी
अगर बारिश का यह सिलसिला जारी रहा, तो खरीफ फसल की कटाई और रवी फसल की बुआई में और देरी हो सकती है। यह स्थिति किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
दीर्घकालिक असर
किसान संगठन और विशेषज्ञ यह चेतावनी दे रहे हैं कि यदि मौजूदा बारिश का स्तर जारी रहा, तो किसानों की आय पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
किसानों की अपील
किसान संगठनों ने सरकार से अपील की है कि वे इस समस्या का समाधान निकालें, ताकि किसानों को उचित मदद मिल सके।
कृषि विभाग की तैयारी
अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसानों को मौसम की जानकारी समय पर मिले, ताकि वे अपनी फसल की सुरक्षा कर सकें।
भविष्यवाणी पर ध्यान दें
किसान और कृषि विशेषज्ञ मौसम के पूर्वानुमान पर ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं, ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को सही समय पर संचालित कर सकें।