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भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच

कानपुर में भारत-बांग्लादेश टेस्ट मैच के दौरान बवाल

कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के दौरान बड़ा हंगामा हो गया। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए बांग्लादेश का झंडा जलाया और जमकर नारेबाजी की। इस घटना ने मैच के दौरान तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचार हो रहा है, और ऐसे में बांग्लादेश के साथ मैच खेलना उनके दर्द को नजरअंदाज करना है।

प्रदर्शन का कारण:

वीएचपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और अत्याचार हो रहे हैं। उनका कहना है कि धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर भारत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कार्यकर्ताओं का मानना है कि बांग्लादेश के साथ किसी भी तरह के द्विपक्षीय संबंध, खासकर क्रिकेट मैच, इन घटनाओं को नजरअंदाज करने के समान हैं। उन्होंने मांग की कि जब तक बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार बंद नहीं होते, तब तक भारत को बांग्लादेश के साथ किसी भी तरह के संबंध समाप्त करने चाहिए।

विरोध और झड़प:

प्रदर्शनकारियों ने ग्रीन पार्क स्टेडियम के पास इकट्ठा होकर बांग्लादेश के खिलाफ नारे लगाए और झंडा जलाने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की, लेकिन दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई। वीएचपी कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की होने लगी, जिसके बाद पुलिस को हालात काबू में करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

पुलिस की कार्रवाई:

झड़प के बाद पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्टेडियम के पास किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि मैच के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की प्रतिक्रिया:

कानपुर के जिला प्रशासन ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। अधिकारियों का कहना है कि वीएचपी कार्यकर्ताओं के इस प्रकार के प्रदर्शन ने मैच को बाधित करने का प्रयास किया है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी कहा कि खेल के मैदान को राजनीति से दूर रखना चाहिए और कोई भी प्रदर्शन स्टेडियम के बाहर किया जाना चाहिए, जिससे खेल गतिविधियों में बाधा न आए।

हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा:

प्रदर्शनकारियों का मुख्य आरोप बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों को लेकर था। वीएचपी का कहना है कि पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, और वहां के हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय पर लगातार हिंसा की जा रही है। उनका आरोप है कि इन घटनाओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया भी पर्याप्त नहीं रही है, और भारत जैसे देश को इस मामले में कड़ा रुख अपनाना चाहिए।

मैच पर कोई प्रभाव नहीं:

हालांकि, प्रदर्शन और झड़प के बावजूद मैच सुचारू रूप से चलता रहा। स्टेडियम के अंदर कोई अव्यवस्था नहीं हुई और खिलाड़ियों पर इस घटना का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ा। मैच के दौरान दर्शकों का जोश और उत्साह बरकरार रहा, और खेल के मैदान में स्थिति सामान्य बनी रही।

कानपुर में भारत-बांग्लादेश के मैच के दौरान हुए इस बवाल ने खेल और राजनीति के टकराव को उजागर किया है। वीएचपी कार्यकर्ताओं का मानना है कि खेल को तब तक स्थगित किया जाना चाहिए, जब तक कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का उचित समाधान नहीं हो जाता। दूसरी ओर, प्रशासन और पुलिस का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए वे हर संभव कदम उठाएंगे। अब देखने वाली बात होगी कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच क्या प्रतिक्रिया होती है और क्या यह विरोध प्रदर्शन आगे भी जारी रहेगा।

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