पटना। बिहार के मुख्यमंंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी के अविरल प्रवाह के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति बनाए जाने पर जोर दिया है।मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद सभाकक्ष में इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया :आईडब्लूएआई: द्वारा ‘जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट’ से संबंधित नीतीश के समक्ष आज पेश प्रस्तुतीकरण के दौरान राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी।
आईडब्लूएआई के प्रस्तुतीकरण के क्रम में नीतीश ने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 के विभिन्न पहलुओं की चर्चा की।मुख्यमंत्री ने आईडब्लूएआई के अधिकारियों ने कहा कि आप सभी स्वयं जाकर गंगा नदी को बक्सर से फरक्का तक देख लें ताकि आप जमीनी हकीकत से अवगत हो जायें।
उन्होंने कहा कि गंगा नदी के प्रवाह की चौडाई घटती जा रही है। गंगा नदी में निरंतर गाद जम रही है। जब तक व्यापक दृष्टिकोण रखते हुये योजना नहीं बनायी जायेगी, जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पायेगा।
नीतीश ने कहा कि जलमार्ग उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी में पानी के बहाव, गाद के जमने और गाद के प्रबंधन पर विशेष बल देना जरुरी है।
अगर गाद के जमने के बारे में भारत सरकार नहीं सोचेगी तो आने वाले समय में गंगा की अविरलता समाप्त हो जायेगी।उन्होंने कहा कि गंगा नदी को अविरल बनाने के लिये ‘नेशनल सिल्टेशन मैनेजमेंट पॉलिसी’ बनाना जरुरी है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रस्तुतीकरण के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा आईडब्लूएआई के अधिकारियों को बक्सर से फरक्का तक गंगा नदी का हवाई सर्वेक्षण कराया गया।
प्रस्तुतीकरण के दौरान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरण कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, सहित कई अन्य विभागों के प्रधान सचिव, आई0डब्लू0ए0आई0, अध्यक्ष नूतन गुहा विश्वास एवं उपाध्यक्ष प्रवीर पाण्डेय तथा अन्य वरीय अधिकारी एवं अभियंता उपस्थित थे।