लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए बहराइच और संभल के हालिया घटनाक्रम पर अपनी सरकार का पक्ष मजबूती से रखा।
सीएम ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे केवल अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत मुद्दों को उठाते हैं, जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।
सांप्रदायिक दंगों पर सरकार की सख्ती
सीएम योगी ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, “2017 से अब तक प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों में 97% से 99% की कमी आई है। 2012 से 2017 के बीच 817 दंगे हुए थे, जिनमें 192 लोगों की मौत हुई। लेकिन हमारी सरकार ने ऐसी घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश लगाया है।”
उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो घटनाएं विपक्ष दंगों के रूप में प्रचारित कर रहा है, वे वास्तव में अब उत्तर प्रदेश में नहीं होतीं।
‘जय श्रीराम’ पर सीधा जवाब
मुख्यमंत्री ने विपक्ष द्वारा धार्मिक नारों पर आपत्ति को खारिज करते हुए कहा, “जब हम मिलते हैं तो ‘राम राम’ कहते हैं और अंतिम यात्रा में ‘राम नाम सत्य’। अगर किसी ने ‘जय श्रीराम’ कह दिया तो यह चिढ़ाने वाला कृत्य नहीं है।”
मुस्लिम समाज पर खुलकर बोले योगी
सीएम योगी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, “आपने कुंदरकी की जीत को वोट की लूट बताया। एक सम्मानित सदस्य को लुटेरा कहा। क्या यह सच नहीं है कि आपके पूर्वज हिंदू थे?” उन्होंने आगे कहा कि यह “देशी और विदेशी मुसलमानों के वर्चस्व की लड़ाई है।”
बाबरनामा और मंदिर का जिक्र
अयोध्या विवाद पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने कहा, “बाबरनामा में भी लिखा गया है कि हर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया। सत्य को देर तक छिपाया नहीं जा सकता। इसी सत्य को लेकर कहा जा रहा है कि जब मंदिर की स्थिति आएगी तो मंदिर ही बनेगा।”
‘न्यायालय का आदेश सर्वोपरि’
सीएम ने कहा कि सरकार न्यायालय के आदेशों का अक्षरशः पालन कर रही है और जिलाधिकारी का दायित्व है कि प्रशासन की ओर से कोई चूक न हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल सर्वेक्षण का मामला था और इसे अनावश्यक रूप से विवाद का विषय बनाया गया।
विपक्ष को नसीहत
मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि जो सत्य है, उसे स्वीकार करना चाहिए। सूर्य, चंद्र और सत्य को लंबे समय तक छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष को केवल राजनीति करने के बजाय प्रदेश के विकास में सहयोग देना चाहिए।
सीएम योगी के इस संबोधन ने विधानसभा में गहमागहमी का माहौल जरूर बनाया, लेकिन उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द्र और प्रशासनिक कर्तव्य पालन के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट कर दिया।