चित्रकूट। दहेज हत्या के मामले में दोष सिद्ध होने पर त्वरित न्यायालय (फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट) ने मृतका के सिपाही पति को 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही मृतका के सास-ससुर को भी 10-10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई है। इन सभी पर न्यायालय ने अर्थदण्ड से भी दण्डित किया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गोपाल दास ने बताया कि वादी मुकदमा कृष्णा ने कर्वी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गयी तहरीर में कृष्णा ने बताया था कि वह एक साधारण किसान है और अपनी बेटी गुड़िया की शादी 29 नवम्बर 2017 को महोबा जिले के खरेला थाने के पुनिया गांव के निवासी योगेन्द्र कुमार के साथ की थी। शादी यथा शक्ति करने के बावजूद योगेन्द्र कुमार के उत्तर प्रदेश पुलिस ने सेवारत होने के कारण ससुरालीजन संतुष्ट नहीं थे।
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पहली बार ससुराल जाने के बाद मायके आने पर पुत्री गुड़िया ने बताया था कि ससुरालीजन चार पहिया गाड़ी की मांग कर रहे हैं। ससुरालीजनों द्वारा की गयी मांग पर अस्मर्थाता जाहिर करते हुए उसने पुत्री को ससुराल भेज दिया था। इसके बाद दामाद योगेन्द्र कुमार उसकी पुत्री गुड़िया को लेकर पुलिस लाइन चित्रकूट के सरकारी कमरे में रहने लगा। चार पहिया गाड़ी की मांग को लेकर 26 सितम्बर 2019 को योगेन्द्र कुमार, बेटी के ससुर सीताराम और सास शीला आदि ने उसकी बेटी को मारकर कमरे के पंखे में लटका दिया। जिसकी सूचना उन लोगों को दूसरे दिन 27 सितम्बर 2019 को दी गयी।
मृतका के पिता ने बताया कि मनचाही मांग पूरी न होने के कारण लगभग 5 माह की गर्भवती उनकी बेटी की हत्या दामाद व उसके परिजनाें के द्वारा कर दी गयी। पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को त्वरित न्यायालय के अपर जिला जज नीरज श्रीवास्तव ने इस मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें दोष सिद्ध होने पर सिपाही योगेन्द्र कुमार को 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। साथ ही मृतका के ससुर सीताराम व सास शीला को भी 10-10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। तीनों आरोपियों को कुल 51 हजार रुपये से भी दण्डित भी किया गया।