“गाजियाबाद में होने वाली धर्म संसद पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ‘मुसलमानों के नरसंहार’ का आह्वान किया जा सकता है।”
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में इसी हफ्ते आयोजित होने वाली विवादित ‘धर्म संसद’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस आयोजन पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। यह याचिका पूर्व नौकरशाहों और सिविल सोसायटी के सदस्यों ने मिलकर दाखिल की है।
क्या है याचिका का मुद्दा?
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि धर्म संसद में ‘मुसलमानों के नरसंहार’ का आह्वान किया जा सकता है, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द को खतरा है। याचिका में यूपी पुलिस पर भी सवाल उठाए गए हैं कि वह इस आयोजन को रोकने में विफल रही है।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार,
“धर्म संसद जैसे आयोजन न केवल संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं।”
सुप्रीम कोर्ट से क्या मांग की गई है?
याचिका में सुप्रीम कोर्ट से धर्म संसद पर रोक लगाने और इस तरह के आयोजनों के लिए एक व्यापक दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई है।
धर्म संसद में क्या हो सकता है?
गाजियाबाद में होने वाली इस धर्म संसद को लेकर आरोप है कि यह आयोजन पूर्व में सांप्रदायिक बयानबाजी और हिंसा भड़काने के लिए जाना जाता है। पिछली धर्म संसद में भी विवादित टिप्पणियों के कारण कई FIR दर्ज हुई थीं।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल