“संसद के शीतकालीन सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के तीखे भाषण। वंशवाद, संविधान संशोधन और सरकार की नीतियों पर छिड़ी गरमा-गरम बहस।”
नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र में सोमवार को वंशवाद और संविधान को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने संविधान का उपयोग लोकतंत्र को मजबूत करने के बजाय परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए किया। इसके जवाब में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो लोग संविधान से नफरत करते हैं, वे आज लोकतंत्र और संविधान की दुहाई दे रहे हैं।
सीतारमण के तर्क:
वित्त मंत्री ने अपने 1 घंटे 19 मिनट के भाषण में कहा, “कांग्रेस ने दशकों तक संविधान को परिवार और वंशवाद की रक्षा के लिए बदला।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में बाबा साहेब अंबेडकर की तस्वीर संसद भवन में लगाने में देरी की गई और उन्हें भारत रत्न देने में भी अनदेखी की गई।
GST पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस GST को गब्बर सिंह टैक्स कहती है, लेकिन यह संविधान संशोधन के जरिए लागू किया गया।”
खड़गे का पलटवार:
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने भाषण में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से नफरत करते हैं, वे हमें लोकतंत्र और संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रयासों की वजह से ही आज देश में सभी को वोट देने का अधिकार है। खड़गे ने आरोप लगाया कि आरएसएस और जनसंघ ने महिलाओं और वंचित वर्ग को मताधिकार देने का विरोध किया था।
खड़गे की 4 बड़ी बातें:
- “पीएम मोदी हमें जुमले वाला कहते हैं, लेकिन सबसे बड़े झूठे तो वही हैं। उनका 15 लाख रुपये देने का वादा कहां गया?”
- “हम म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़े हैं, जेएनयू में नहीं, लेकिन संविधान हमें भी पढ़ना आता है।”
- “शाह जी की वॉशिंग मशीन में नेता जाकर वफादार बनकर निकलते हैं।”
- “70 सालों की विरासत से ही आप डॉक्टर, इंजीनियर और पीएम बने।”
सीतारमण की 4 बड़ी बातें:
- “कांग्रेस ने वंशवाद बचाने के लिए संविधान को बदला।”
- “कांग्रेस ने GST को बदनाम किया, जबकि यह संविधान आधारित प्रक्रिया थी।”
- “अंबेडकर को भारत रत्न देने में कांग्रेस ने देरी की।”
- “विपक्ष के नेता जो परिवारवाद का समर्थन करते हैं, वे लोकतंत्र की बात कैसे कर सकते हैं?”
संसद में शायरी और बयानबाजी:
खड़गे ने राहत इंदौरी की शायरी पढ़ते हुए कहा:
“तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी ज़मीनों को लाल कर दो।”
वहीं सीतारमण ने कांग्रेस नेताओं पर व्यंग्य करते हुए कहा, “जिन्होंने मीसा कानून के नाम पर बच्चों के नाम रखे, वे अब विपक्ष का हिस्सा हैं।”
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विशेष संवाददाता: मनोज शुक्ल
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