लखनऊ । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि कुटिल राजनैतिक उद्देश्यों से, जल्दबाजी में और बिना पूरी तैयारी के तथा अपनों को पहले ही लीक कर दिये गये नोटबंदी को पचास दिन पूरे हो जाने के बाद भी वह जनता के लिये भारी संकट बना हुआ है और मोदी सरकार संकट के समाप्त होने और जनता के नोट्बंदी के कथित तौर पर पक्ष में होने के लगातार दाबे कर रही है।
पार्टी ने ऐलान किया है कि मोदी सरकार के इस ढकोसले को उजागर करने और आम जनता को नोटबंदी की पीडादायक मार से बचाने के लिये पूरे देश में जन अभियान चलायेगी।भाकपा के प्रदेश सचिव डा. गिरीश ने गुरुवार को बताया कि हैदराबाद में गत दिन संपन्न भाकपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार यह अभियान तीन जनवरी से 10 जनवरी तक चलाया जायेगा। प्रदेश में इस पूरे सप्ताह पदयात्रायें, सभायें और नुक्कड सभायें आयोजित की जायेंगी और 10 जनवरी को जिला व तहसील केंद्रों पर प्रदर्शन किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अब जनता के आक्रोश को शांत करने को मोदी सरकार पांच राज्यों के चुनावों से पहले कई लोक लुभावन घोषणायें करने की योजना बना रही है।भाकपा के इस अभियान में इसका पर्दाफाश किया जायेगा और पीडित जनता को बताया जायेगा कि जिस उद्देश्य से प्रधानमंत्री ने विमुद्रीकरण योजना की घोषणा की उससे न तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा, न जाली नोट चलन से बाहर हुये, न काले धन पर प्रभाव पडा और न आतंकवाद पर रोक लगी बल्कि इससे नई समस्याये खडी होगयी हैं और देश का व्यापारी किसान मजदूर नौजवान सभी परेशान हैं। नकदी संकट से जूझ रही सरकार अब कैशलेस लेन-देन को थोप रही है और चाइना सहित अन्य देशों की कंपनियों को लाभ पहुंचा रही है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal